पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने मंगलवार को निर्वाचन आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, "हमारे पार्टी के पोस्टरों और बैनरों को हटाया जा रहा है, लेकिन विपक्षियों का बरकरार है। हमारी लगातार शिकायत के बाद निर्वाचन आयोगन ने कोई कार्रवाई नहीं की है। वह पक्षपातपूर्ण कार्रवाई कर रही है।" ममता ने पुरुलिया जिले के कोटशिला में पार्टी की रैली को संबोधित करते हुए कहा, "मैं एक बेहद सादी पृष्ठभूमि से आती हूं और हमेशा दबे-कुचलों की बात करती हूं, इसलिए मुझे निशाना बनाया जा रहा है।"
उन्होंने यह बयान निर्वाचन आयोग की तरफ से राज्य के आठ सरकारी अधिकारियों के स्थानांतरण के आदेश पर अमल न करने के एक दिन बाद दिया है। ममता ने सोमवार को निर्वाचन आयोग के आदेश को चुनौती देते हुए कहा था, "मुझे जेल में डाल दीजिए। मुख्यमंत्री होने के नाते मैं एक भी अधिकारी को नहीं हटाऊंगी।"ममता ने कांग्रेस नीत केंद्र सरकार पर राज्य में विशेषकर नक्सलियों के गढ़ जंगलमहल इलाके में गड़बड़ी पैदा करने के लिए षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, "पहले जंगलमहल इलाके में हर साल 400-500 लोग मारे जाते थे। लेकिन अब यहां शांति है, लेकिन कुछ लोगों को यह पसंद नहीं है। समस्या पैदा करने के लिए पुलिस अधिकारियों का जानबूझ कर तबादला किया जा रहा है।"ममता ने कहा, "इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि केंद्र हमारे खिलाफ कितने षड्यंत्र रचता है, हम यहां दोबारा मुश्किलें खड़ी नहीं करने देंगे। कुछ लोगों में विरोध का जज्बा है। वे मुझे गिरफ्तार करवा सकते हैं, मैं अपनी जान दे दूंगी लेकिन बंगाल का अपमान बर्दाश्त नहीं करूंगी।"