कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अमेरिकी अदालत को अपने पासपोर्ट की प्रति सौंपने से इनकार किया है, उन्होंने कहा कि भारत सरकार उन्हें इस बात की अनुमति नहीं देती। न्यूयार्क में ब्रूकलीन की एक संघीय अदालत को सोनिया के वकील द्वारा भेजे गए पत्र के मुताबिक सोनिया ने बिना किसी दुर्भावना के क्षेत्राधिकार की कमी के कारण मामले पर स्वेच्छा से अपनी याचिका वापस ले ली है। सोनिया ने ब्रूकलीन की अदालत में अपने खिलाफ दर्ज मानवाधिकार हनन के मामले को रद्द किए जाने के लिए अर्जी दी थी। उन पर 1984 के सिख विरोधी दंगों के समय मानवाधिकार हनन के आरोप थे।
सोनिया ने अपने वकील रवि बत्रा को एक पत्र में लिखा, "मेरी यात्राओं के ब्यौरे के लिए पासपोर्ट की प्रति सौंपे जाने के मामले में भारत सरकार का कहना है कि वे इस तरह के किसी खुलासे की अनुमति मुझे नहीं देते हैं।"सोनिया ने लिखा, "हालांकि मेरे पास छिपाने जैसा कुछ भी नहीं है, मैं व्यक्तिगत क्षेत्राधिकार की कमी के कारण अपनी याचिका वापस लेती हूं।"