मणिपुर की दो लोकसभा सीटों में से एक बाहरी मणिपुर लोकसभा क्षेत्र में बुधवार को पहले चरण के मतदान के तहत कुल 9,11,699 मतदाताओं में से 73 फीसदी ने मतदान किया। मतदान शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हो गए। निर्वाचन आयोग और पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित बाहरी मणिपुर लोकसभा क्षेत्र में मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हुए। किसी भी इलाके से अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने संवाददाताओं को बताया, "सुबह सात बजे मतदान शुरू होने से पहले ही पारंपरिक पोशाकों में सजे धजे मतदाताओं की लंबी कतार देखी गई। मतदान शाम चार बजे संपन्न हुआ।"उन्होंने कहा, "बाहरी मणिपुर लोकसभा क्षेत्र में 73 फीसदी मतदाताओं ने मतदान किया। मतदान प्रतिशत का आंकड़ा थोड़ा और बढ़ सकता है, क्योंकि अब भी कुछ लोग मतदान के लिए कतार में हैं।"
पुलिस के एक प्रवक्ता ने हालांकि बताया कि उखरुल और चुराचंदपुर जिलों में प्रतिस्पर्धी राजनीतिक दलों के बीच हाथापाई की छोटी मोटी घटनाएं हुई थी, लेकिन समय पर सुरक्षा बलों के हस्तक्षेप से कोई अनहोनी नहीं हुई। भीतरी मणिपुर लोकसभा क्षेत्र में मतदान 17 अप्रैल को कराए जाएंगे। म्यांमार की सीमा से लगे इस पूर्वोत्तर राज्य में कांग्रेस का प्रभुत्व है। पिछले लोकसभा चुनाव (2009) में राज्य में कुल 77.82 प्रतिशत मतदान हुआ था।
सुरक्षा कारणों के मद्देनजर मणिपुर और नागालैंड में मतदान का समय सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक रखा गया, जबकि दूसरे पूर्वोत्तर राज्यों में मतदान का समय सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक है। निर्वाचन अधिकारियों ने कहा कि सभी पांच पहाड़ी जिलों उरुकुल, सेनापति, चंदेल, तामेंगलोंग और चुराचंदपुर में मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। मतदान के मद्देनजर यहां केंद्रीय सुरक्षा बलों को भारी संख्या में तैनात किया गया था।
राज्य में 1,406 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं। मणिपुर में 9,11,699 मतदाता हैं, जिनमें से 4,63,068 महिलाएं हैं। लोकसभा चुनाव के लिए 10 उम्मीदवार मैदान में हैं। 10 उम्मीदवारों में एक महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं।
कांग्रेस ने जहां अपने निवर्तमान सांसद थांगसो बैती को अपना उम्मीदवार बनाया है, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गंगमुमेई कमेई को, तृणमूल कांग्रेस ने किम गांग्ते को और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने चुंगखोकई दौउंगेल को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस बार राज्य में लोकसभा चुनाव के मुख्य मुद्दे सशस्त्र बल (विशेष शक्ति) अधिनियम 1958 को हटाना और मणिपुर का विकास है।