नेपाल की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के सदस्यों ने देश में आयोजित होने वाले सबसे बड़े 50 ओवर के टूर्नामेंट-नेपाल नेशनल क्रिकेट लीग का बहिष्कार कर दिया है। वेबसाइट क्रिकइंफो के मुताबिक कप्तान पारस खादका ने शुक्रवार को यहां के एक होटल में अपने साथियों की मौजूदगी में संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की। नेपाल क्रिकेट वेबसाइट के मुताबिक खिलाड़ियों ने यह फैसला यह कहते हुए लिया है कि नेपाल क्रिकेट संघ (सीएएन) उनकी जरूरतों को नजरअंदाज कर रहा है। वेबसाइट ने खादका के हवाले से लिखा है, "हमारे खिलाफ अगर कोई फैसला लिाय जाता है तो वह उसका परिणाम भुगतने के लिए तैयार हैं।"
नेपाल ने ट्वेंटी-20 विश्व कप में शानदार प्रदर्शन करते हुए ग्रुप मैच में अफगानिस्तान को हराया था। इस टीम का स्वदेश में जोरदार स्वागत हुआ था और खिलाड़ियों के लिए पुरस्कारों की भी घोषणा की गई थी। खिलाड़ी कहते हैं कि यह घोषणा सिर्फ दिखावे के लिए रही और उन्हें अब तक कोई पुरस्कार नहीं मिला है। खिलाड़ियों को अपनी पुरस्कार राशि जल्द चाहिए और साथ ही वे विश्व कप क्वालीफायर के दौरान न्यूजीलैंड के खिलाफ चोटिल हुए अपने साथी प्रिथु बास्कोटा के इलाज पर आए खर्च को भी सीएएन द्वारा भुगतान की मांग कर रहे हैं।
सीएएन के सचिव अशोक नाथ ने कहा है कि बास्कोटा के इलाज पर आए खर्च को वापस करना कोई मुद्दा नहीं है और इस सम्बंध में पहले ही फैसला लिया जा चुका है। खिलाड़ियों को शायद इसकी जानकारी नहीं लेकिन खिलाड़ियों द्वारा राष्ट्रीय टूर्नामेंट का बहिष्कार करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
नेपाल के सीनियर खिलाड़ी दरअसल नेपाल नेशनल क्रिकेट लीग के मैचों का आयोजन पोखरा में भी कराने का विरोध कर रहे हैं। अशोक ने कहा कि यह विरोध गलत है क्योंकि इस साल लीग में कुल 11 टीमें खेल रही हैं और राजधानी में सिर्फ दो मैदान हैं। ऐसे में भला इस लीग का आयोजन सुचारू रूप से कैसे हो सकेगा। इसी को देखते हुए कुछ मैच पोखरा में भी कराने का फैसला किया गया है।