सिक्किम की एकमात्र लोकसभा सीट और विधानसभा की 32 सीटों के लिए शनिवार को हुए मतदान कुल मिलाकर 70 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया वैसे-वैसे मतदान में तेजी आती गई। राज्य भर में बनाए गए 538 मतदान केंद्रों पर मतदाताओं ने उत्साह दिखाया।राज्य चुनाव आयोग में अतिरिक्त सचिव अनिल राज राय ने बताया, "किसी जगह से अप्रिय घटना की खबर नहीं है और मतदान शांतिपूर्ण तरीके से कराए जा रहे हैं।" राज्य में 362,326 योग्य मतदाताओं में से 1,75,549 महिला हैं। 24.62 फीसदी मतदाताओं की उम्र 18-25 साल के बीच ही है। यह देश में सबसे कम आबादी वाले राज्यों में से एक है। वर्ष 2009 में लोकसभा चुनाव में 83.76 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
अनिल राज राय ने कहा, "शाम 3 बजे तक 69.32 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग कर लिया था।"उन्होंने कहा, "दोपहर से पहले 11 बजे तक 27.42 प्रतिशत और 1 बजे 52.49 प्रतिशत मतदान हो चुका था।"उन्होंने कहा, "सुदूर इलाकों से आंकड़ अभी तक मिल ही रहा है और मिलान के बाद मतदान के प्रतिशत में वृद्धि दर्ज हो सकती है।"मतदान के लिए 3,228 मतदान अधिकारियों की तैनाती की गई थी। यहां सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के मौजूदा सांसद प्रेम दास राय, कांग्रेस के अकर धोज लिंबु, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नर बहादुर खटिवारा और आम आदमी पार्टी (आप) के कौशल राय सहित छह उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है।
प्रेम दास कहते हैं कि यहां सरकार विरोधी लहर मुद्दा नहीं है और उन्होंने कहा कि 1996 से लेकर सभी पांच लोकसभा चुनाव में एसडीएफ ने सिक्किम में जीत हासिल की है और उम्मीद जाहिर की कि इस बार भी एसडीएफ की जीत होगी। राज्य में लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा के चुनाव भी कराए गए हैं। विधानसभा चुनाव में एसडीएफ, एसकेएम और कांग्रेस ने सभी सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं, जबकि भाजपा के उम्मीदवार 13 और तृणमूल कांग्रेस के सात सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं।
त्रिपुरा की दो लोकसभा सीटों में से दूसरी लोकसभा सीट के लिए चौथे चरण के तहत शनिवार को लगभग 83 फीसदी मतदान दर्ज हुआ। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी आशुतोष जिंदल ने बताया, "जनजातियों के लिए आरक्षित त्रिपुरा पूर्व सीट पर अब तक किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है, तथा मतदान पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा।" त्रिपुरा पूर्व संसदीय क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 11.3 लाख है, जिनमें अधिकांश जनजातीय हैं। शनिवार को 9,40,000 मतदाताओं ने 1,490 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। पिछले लोकसभा चुनाव-2009 में भी इस संसदीय सीट पर 83 फीसदी के लगभग ही मतदान हुआ था। सात अप्रैल को पहले चरण के अंतर्गत त्रिपुरा पश्चिम सीट पर 86 फीसदी मतदान हुआ था। आरक्षित इस सीट पर 12 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है। यहां दो महिलाएं भी चुनाव मैदान में हैं।
जिंदल ने बताया, "गर्मी के बावजूद महिलाओं सहित बड़ी संख्या में मतदाता सुबह सात बजे से पहले मतदान केंद्र पहुंच गए।"एक अन्य अधिकारी ने बताया, "निर्वाचन अधिकारी एवं जिलाधिकारियों तथा कलेक्टरों से मतदान की अंतिम रिपोर्ट मिलने तक मतदान फीसदी में इजाफा हो सकता है। मतदान की अंतिम समयसीमा पांच बजे के बाद भी अनेक मतदान केंद्रों पर मतदाता कतारें लगाए देखे गए।"जिंदल ने आगे कहा, "इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में तकनीकी गड़बड़ी की वजह से कुछ मतदान केंद्रों में मतदान में देरी हुई, लेकिन इंजीनियरों ने 10-15 मिनट के अंदर या तो उन्हें बदल दिया या फिर दुरुस्त कर दिया, जिसके बाद मतदान सुचारु रूप से चलने लगा।" 1,490 मतदान केंद्रों में से छह महिलाओं के लिए हैं जिनमें सिर्फ महिला अधिकारी तैनात की गई हैं।
शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव के लिए मणिपुर स्टेट राइफल्स, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), असम राइफल्स, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और राज्य सुरक्षा बल के 12,000 जवान तैनात किए गए हैं। मतदान केंद्रों के हवाई सर्वेक्षण के लिए हेलिकॉप्टर की सेवाएं भी ली जा रही हैं। इस सीट पर मुख्य मुकाबला मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के उम्मीदवार और त्रिपुरा के उद्योग, वाणिज्य व ग्रामीण विकास मंत्री जितेंद्र चौधरी और कांग्रेस के सचित्र देबबर्मा के बीच है। त्रिपुरा पूर्व से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने परीक्षित देबबर्मा और तृणमूल कांग्रेस ने भृगुराम रेयांग और आम आदमी पार्टी (आप) ने कर्ण बिजॉय जमातिया को मैदान में उतारा है। राज्य में 1952 से कराए जा रहे लोकसभा चुनाव में वाम मोर्चे ने 10 बार त्रिपुरा पूर्व सीट पर जीत हासिल की है तथा पांच बार कांग्रेस के उम्मीदवार जीते हैं।