राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के लगभग 400 कार्यकर्ताओं ने रविवार को कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश राणे के पक्ष में प्रचार करने से इंकार कर दिया। इन कार्यकर्ताओं ने पार्टी अध्यक्ष शरद पवार की रैली का भी बहिष्कार कर दिया। महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री और कांग्रेस नेता नारायण राणे के बड़े पुत्र नीलेश राणे कोंकण क्षेत्र में रत्नागिरि-सिंधुदुर्ग लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। राणे के पक्ष में पवार की रैली से पूर्व राकांपा के विद्रोही नेताओं ने और कार्यकर्ताओं ने पवार के यहां पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत किया।
खबर है कि पवार ने राणे विरोधी खेमे की अगुवाई कर रहे बागी राकांपा विधायक दीपक केसरकर को डांट लगाई। उसके बाद केसरकर ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। पार्टी ने केसरकर को कारण बताओ नोटिस जारी कर पार्टी विरोधी गतिविधियों पर स्पष्टीकरण मांगा है। ऐसी स्थिति में शर्मिदगी झेल रहे राकांपा नेतृत्व के पास पार्टी के जिला अध्यक्ष बाला भिसे को बर्खास्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह गया और उनकी जगह पर विक्टर दांतेस का अध्यक्ष बना दिया।
इसके बाद भिसे और केसरकर ने खुलेआम घोषणा कर दी कि चाहे जो भी हो जाए वे राणे के लिए प्रचार नहीं करेंगे और उन्होंने पवार से भी अनुरोध किया कि वह रैली को संबोधित न करें। पवार ने रैली में कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेरी पार्टी के कुछ कार्यकर्ता संप्रग उम्मीदवार नीलेश राणे के लिए प्रचार करने से इंकार कर रहे हैं। राष्ट्रीय हित सर्वोपरि होना चाहिए। इसमें गठबंधन सहयोगियों के बीच मतदभेदों को आड़े नहीं आने देना चाहिए।"रैली में मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण भी मौजूद थे।
पवार ने कहा, "हमने उन्हें (केसरकर को) कारण बताओ नोटिस जारी किया है और उसके अनुसार उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।"राकांपा की राज्य इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र अव्हाड ने चेतावनी दी है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसके साथ सख्ती से निपटा जाएगा।