सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि किन्नर समुदाय को तीसरे लिंग का दर्जा दिया जाना चाहिए और सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग मानकर रोजगार में आरक्षण दिया जाना चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूत्र्ति के. एस. राधाकृष्णन और न्यायमूत्र्ति ए. के. सीकरी की पीठ ने केंद्र और राज्य सरकारों को शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में किन्नरों को आरक्षण दिए जाने का निर्देश दिया।
न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकारों को किन्नरों के लिए कल्याणकारी योजनाएं बनाने के भी निर्देश दिए।