बिहार में 16वीं लोकसभा चुनाव में विभिन्न संसदीय क्षेत्रों से कई महिला उम्मीदवार किस्मत आजमा रही हैं, लेकिन इनमें से कई ऐसी उम्मीदवार भी हैं जो अपने पिता या पति की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए चुनाव मैदान में उतरी हैं। कुछ लोग इसे जहां विरासत संभालना कह रहे हैं, तो कई लोग इसे राजनीति में वंशवाद बता कर राजनीतिक पार्टियों की आलोचना कर रहे हैं। इनमें से कई उम्मीदवार ऐसी हैं जिन्हें चुनावी बैतरणी पार करने के लिए पति और पिता के नाम का ही सहारा है।
पटना के पाटलिपुत्र सीट से पहली बार चुनावी मैदान में भाग्य आजमा रही मीसा भारती अपने पिता राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद के विरासत को आगे बढ़ाने के लिए चुनावी मैदान में खम ठोंक रही हैं, वहीं लालू की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी लालू की परंपरागत सीट माने जाने वाले सारण से चुनावी मैदान में उतरी हैं।
जिस चारा घोटाले के कारण लालू को मुख्यमंत्री की कुर्सी को छोड़कर राबड़ी देवी को बिहार की सत्ता सौंपनी पड़ी थी, उसी चारा घोटाले मामले में सजा पाने के बाद लालू को सारण की सीट भी राबड़ी को सौंपनी पड़ी है। पांच लोकसभा चुनावों में सारण सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले लालू की विरासत संभालने की राह पर आगे बढ़ी राबड़ी के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा की भी लड़ाई मानी जा रही है।
इधर, सासाराम सीट से पूर्व केन्द्रीय मंत्री जगजीवन राम की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए उनकी पुत्री मीरा कुमार एक बार फिर चुनावी मैदान में भाग्य आजमा रही हैं। इस क्षेत्र में 10 अप्रैल को मतदान संपन्न हुआ है। बांका संसदीय क्षेत्र से पुतुल कुमारी दूसरी चुनाव लड़ रही हैं। उन्होंने अपने पति दिग्विजय सिंह के निधन के बाद हुए उप चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी, लेकिन इस चुनाव में वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रत्याशी हैं।
शिवहर लोकसभा क्षेत्र में दो महिलाएं अपने-अपने पति की राजनीति विरासत संभालने के लिए एक-दूसरे के खिलाफ खड़ी हैं। निवर्तमान सांसद रमा देवी पूर्व मंत्री स्वर्गीय बृजबिहारी सिंह की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से चुनाव मैदान में हैं, वहीं उनके विरूद्घ समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट पर लवली आनंद अपने पति आनंद मोहन सिंह की राजनीति विरासत संभालने के लिए संघर्ष कर रही हैं। पिछली बार लवली ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था।
आरा लोकसभा क्षेत्र से मीना देवी अपने राजनीतिक परिवार की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। मीना एक बार फिर आरा संसदीय क्षेत्र से भाग्य आजमा रही हैं पिछले चुनाव में वह अपने पति और जनता दल (युनाइटेड) के तत्कालीन सांसद अजीत सिंह के निधन के बाद जीतकर संसद पहुंची थीं। चार लोकसभा चुनावों में सीवान से जीत चुके मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना साहेब भी पति द्वारा तैयार की गई राजनीति जमीन से कोशिश कर रही हैं। सीवान से हिना साहेब पिछला चुनाव भी लड़ी थी परंतु उन्हें कामयाबी नहीं मिल पाई थी।