समाजवादी पार्टी (सपा) ने शुक्रवार को भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर अपने नेता आजम खां पर लगी चुनाव प्रचार की रोक को हटाने की मांग की है। वहीं, आयोग ने पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को नोटिस भेज दिया है। सपा के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव ने आयोग को पत्र लिखकर अपने नेता आजम खां को राहत देने का अनुरोध किया है। सपा ने कहा कि आयोग आजम पर लगी रोक हटाने पर पुनर्विचार करे जिससे कि वह लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में प्रचार कर सकें। इस बारे में पूछे जाने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, "हमने आयोग को पत्र लिखकर पुनर्विचार का अनुरोध कर दिया है। पूरी उम्मीद है कि आयोग आजम खां को बहुत जल्द राहत दे देगा।" गौरतलब है कि 'जहरीला भाषण'देने के आरोप में भाजपा नेता अमित शाह और सपा नेता आजम खां के प्रचार पर गत 9 अप्रैल को आयोग ने प्रतिबंध लगा दिया था। आयोग ने गुरुवार को शाह को राहत देते हुए चुनाव प्रचार की इजाजत दे दी थी। आजम को राहत न दिए जाने ने से नाराज सपा कार्यकर्ताओं ने इलाहाबाद में सड़कों पर प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं, सपा कार्यकर्ताओं ने सामूहिक आत्मदाह की कोशिश की। हालांकि पुलिस ने उन्हें खदेड़कर हालात सामान्य कर दिए। इस बीच, आयोग ने मुलायम को आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का नोटिस भेज दिया है।
निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन करने की शिकायत पर नोटिस जारी किया। निर्वाचन आयोग ने नोटिस में कहा है कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक बैठक के दौरान शिक्षकों से किया गया वादा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। निर्वाचन आयोग ने बताया कि बुलंदशहर में तीन अप्रैल को मुलायम द्वारा किए गए जनसंबोधन के वीडियो क्लिप के साथ एक रिपोर्ट मिली है। निर्वाचन आयोग के अनुसार, "प्रथम दृष्टया आयोग का मानना है कि आपने (मुलायम) आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है।" आयोग ने उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से इस पर 20 अप्रैल तक अपना पक्ष रखने के लिए कहा है, तथा ऐसा न करने पर आयोग बिना उनसे संपर्क किए कोई निर्णय ले लेगा। मुलायम सिंह ने बुलंदशहर में एक जनसभा में कहा था कि सपा की राज्य सरकार ने 'शिक्षा मित्रों'के पक्ष में फैसला किया है, इसलिए वे उनकी पार्टी के पक्ष में मतदान करें। मुलायम ने यह भी कहा था कि यदि वे सपा के पक्ष में मतदान नहीं करते हैं तो उनके पक्ष में लिया गया फैसला वापस ले लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मुरादाबाद में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए दुष्कर्मियों के प्रति सहानुभूति दिखाकर मुलायम अपनी किरकिरी करा चुके हैं।