दिवंगत समाज सुधारक नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के आठ महीने बाद भी पुलिस उनकी हत्या की गुत्थी नहीं सुलझा सकी है, न ही एक भी दोषी को गिरफ्तार कर पाई है। करीब आठ महीने पहले दाभोलकर की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह रोज की तरह अपने घर से सुबह की सैर पर निकले थे। महाराष्ट्र और आस पास के राज्यों में कई सारे जांच दल और जांच अभियान चलाए जाने के बावजूद जांच बेनतीजा है।
मुख्यमंत्री पृथ्वी राज चौहान, उप मुख्यमंत्री अजीत पवार और राज्य गृह मंत्री आर. आर. पाटिल सहित कई शीर्ष नेताओं के आश्वासन के बावजूद दोषियों को आज तक पकड़ा नहीं जा सका है। पिछले आठ महीनों में 1,200 से ज्यादा स्थानीय लोगों से पूछताछ की जा चुकी है, स्थानीय सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई हैं, 700 से ज्यादा पेशेवर बदमाशों और हथियार का कारोबार करने वालों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा चुकी है, फिर भी नतीजा सिफर है।
गौरतलब है कि नरेंद्र दाभोलकर एक समाज सुधारक, अंधविश्वास और जादू-टोने के खिलाफ जनजागृति पैदा करने वाले प्रचारक, एक पेशेवर चिकित्सक, सामाजिक कार्यकर्ता और एक पत्रकार थे। 20 अगस्त, 2013 को पुणे में ओंकारेश्वर मंदिर के निकट उनके आवास के पास उन्हें गोली मार दी गई थी, जब वह सुबह की सैर पर निकले थे। मुख्यमंत्री चौहान द्वारा हत्यारों पर 10 लाख का इनाम रखे जाने के बावजूद अब तक दोषियों के बारे में कोई सुराग नहीं मिल पाया है।