कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर अमीरों के हितों की रक्षा करने वाली पार्टी बताते हुए कहा कि इस दल को गरीबों के भूखा रहने और मरने से कोई फर्क नहीं पड़ता, उसे तो सिर्फ अमीरों की चिंता है। मध्य प्रदेश के धार संसदीय क्षेत्र के मनावर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए रविवार को राहुल ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस में मूल फर्क विचारधारा का है। कांग्रेस जहां लोगों को जोड़ने में भरोसा करती है और गरीबों के हित के लिए काम करती है, वहीं भाजपा का मकसद सिर्फ दो-तीन उद्योगपतियों को ही फायदा पहुंचाना है।
राहुल गांधी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह सिर्फ चुनाव के समय ही गरीबों की बात करती है और चुनाव निकलते ही वह गरीबों को भूल जाती है। कांग्रेस की सरकार ने बीते 10 वर्षो में 15 करोड़ रुपये लोगों को गरीबी की रेखा से बाहर लाया है।
राहुल ने आगे कहा कि कांग्रेस ने लोगों को अधिकार देने की राजनीति की है। पहले योजनाएं बनती थीं, मगर लोगों को अधिकार नहीं मिलता था, मगर अब ऐसा नहीं है। कांग्रेस सरकार ने लेागों को रोजगार का अधिकार दिया, सूचना के अधिकार के जरिए भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों पर कार्रवाइयां हुईं। कोई भूखा न रहे इसके लिए खाद्य सुरक्षा कानून को अमल में लाया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस ने गरीबों के लिए खाद्य सुरक्षा अधिनियम बनाया तो भाजपा के नेताओं ने इसका सबसे ज्यादा विरोध किया। वे बात गरीबों की करते हैं, मगर गरीबों के हितों की योजनाओं में बाधा खड़ी करते हैं।
गरीब, जनजातीय वर्ग को लेकर कांग्रेस पर भाजपा द्वारा लगातार सवाल उठाए जाते रहे हैं। रविवार को राहुल ने भी भाजपा से सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने तो इन वर्गो के लिए खूब काम किया। भाजपा बताए कि उसने क्या किया? केंद्र सरकार मध्य प्रदेश को गरीबों के कल्याण के लिए राशि भेजती है, मगर उसे खर्च ही नहीं किया जाता।
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र ने किसानों के 70 हजार करोड़ रुपये के कर्ज माफ किए, मगर मध्य प्रदेश में भाजपा ने पूर्व में किए गए वादे के मुताबिक किसानों के 50 हजार रुपये तक के कर्ज माफी नहीं किए। यहां गड़बड़ियों और घोटालों का बोलवाला है। अब तो हाल यह है कि नौकरियां तक बेची जा रही हैं।