बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र के मधुबनी जिला स्थित झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी चंद्र मोहन झा को मंगलवार को बिहार में गिरफ्तार कर लिया गया। झा पर जालसाजी और जाली प्रमाणपत्र बेचने का आरोप है। मेघालय में सीजेएम यूनिवर्सिटी चलाने वाले और इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सी.एम. झा की तलाश मेघालय पुलिस को लंबे समय से थी। कई देशों से शिकायत आने के बाद मेघालय के तत्कालीन राज्यपाल आर.एस. मूशाहारी ने इस विश्वविद्यालयका औचक निरीक्षण किया था और कई तरह की गड़बड़ियां पाई थीं।
मेघालय के पुलिस महानिदेशक पीटर हनमान ने कहा, "हमारी सीआईडी (अपराध अनुसंधान विभाग) टीम ने बिहार पुलिस के साथ झा को मधुबनी जिले में चुनाव प्रचार के दौरान गिरफ्तार किया।"हनमान ने कहा, "वह (झा) अभी बिहार पुलिस की हिरासत में हैं। हम बिहार की अदालत से उनका मेघायल के लिए ट्रांजिट रिमांड की मांग करेंगे।"
शिलांग के प्रथम निजी विश्वविद्यालय सीएमजे विश्वविद्यालय द्वारा 2013-14 में 434 लोगों को पीएचडी की डिग्री दी गई और 2012-13 में पीएचडी के लिए 490 छात्रों ने पंजीयन कराया। यह संख्या तब थी जब विश्वविद्यालय के मात्र 10 शिक्षक ही पीएचडी उपाधि धारक हैं। पीएचडी करने वाले हर छात्र को 1.27 लाख रुपये भुगतान करने के लिए कहा जाता था।
विश्वविद्यालय के कुलपति झा पर जालसाजी, धोखाधड़ी और देश के विभिन्न हिस्सों के छात्रों को जाली प्रमाणपत्र बेचने का आरोप है। 7 मार्च को सर्वोच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत निरस्त होने के बाद से वे बचते फिर रहे थे।उल्लेखनीय है कि चंद्र मोहन झा दरभंगा से प्रकाशित मैथिली भाषा के दैनिक समाचारपत्र 'मिथिला आवाज'के प्रधान संपादक भी हैं।