भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता नरेंद्र मोदी के बहुप्रचारित गुजरात विकास मॉडल को खारिज करते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने शनिवार को इस राज्य को औसत करार दिया और इस मॉडल को दूसरी जगह सफलतापूर्वक लागू होने की संभावना पर संशय जाहिर किया। विकास का अंकन करने के लिए विभिन्न संकेतकों के पैमाने पर गुजरात को 'औसत राज्य'करार देते हुए उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि इस पैमाने पर बेहतरी में यह राज्य बमुश्किल ठहरता है।
उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि वार्षिक विकास दर के लिहाज से गुजरात का स्थान पांचवां है। गरीबी के लिहाज से यह राज्य 14वें स्थान पर आता है। शिशु मृत्यु दर के लिहाज से राज्य देश में 9वें स्थान पर है जबकि वर्ष 2011 में राज्य साक्षरता की दृष्टि से 12वें स्थान पर था। घरेलू विद्युत उपभोक्ता की दृष्टि से भी यह राज्य देश में बेहतर प्रदर्शन करने वाले नौ राज्यों से पीछे चल रहा है, जबकि सड़कों के लिहाज से वर्ष 2011 तक यह राज्य देश में 22वें स्थान पर था।
चिदंबरम ने दावा किया कि उनके कार्यकाल में उठाए गए कदमों की वजह से अर्थव्यवस्था सुधार की राह पर चल रही है। वित्तीय घाटे पर रोक लगाई गई है। उन्होंने कहा, "कर राजस्व अनुमान से ज्यादा या कम रहा है। करीब 5500 करोड़ रुपये प्रत्यक्ष कर से जुटाए गए हैं, जो कि अनुमान से अधिक हैं। अप्रत्यक्ष कर से जुटाए गए राजस्व में 17,000 करोड़ रुपये की गिरावट आई है। राज्यों के हिस्से को घटाने और गैर करों से जुटाए गए राजस्व के अनुसार वित्तीय घाटे में 8400 करोड़ रुपये की कमी हुई है।"
उन्होंने कहा कि चालू खाता घाटा वित्त वर्ष की समाप्ति पर 32 अरब डॉलर रहा, जो इससे पूर्व के साल में यह 88 अरब डॉलर था। चिदंबरम ने दावा किया कि निवेश मामले की मंत्रिमंडलीय समिति ने परियोजना निगरानी समूह के जरिए देश में निवेश के माहौल को सुधारने की दिशा में अच्छा काम किया है।