देश के महान क्रिकेट खिलाड़ी भारत रत्न सचिन तेंदुलकर गोवा सरकार के दस्तावेजों के अनुसार मनरेगा से लाभान्वित एक दिहाड़ी मजदूर हैं। एक गैर सरकारी संगठन ने इसका खुलासा किया है। इतना ही नहीं उनके दोनों बच्चे और उनकी पत्नी को भी इस दस्तावेज में दिहाड़ी मजदूरी के रूप में दर्ज किया गया है। 'गोवा परिवर्तन मंच'ने शनिवार को मनरेगा योजना के तहत किए गए एक घोटाले का पर्दाफाश करने का दावा किया है। संगठन का दावा है कि अधिकारियों और नेताओं ने राज्य में मनरेगा के तहत फर्जी मजदूरों के नामों की सूची बनाकर उनके नाम पर मिलने वाले मजदूरी के रुपयों का घोटाला किया है।
संगठन के प्रवक्ता यातिश नाइक ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "हम चिंबल मलिन बस्ती में मनरेगा के तहत हुए कार्यो की जांच की मांग करते हैं। इसका खुलासा होना चाहिए कि इन फर्जी नामों की सूची कैसे तैयार की गई और उनके नामों पर आ रहा रुपया किनकी जेबों में जा रहा है।"चिंबल पणजी के बाहरी इलाके में स्थित एक मलिन बस्ती है, और तेंदुलकर को तिसवादी उपमंडल से आवेदक के रूप में दर्शाया गया है। रजिस्टर में उनका आवेदन क्रम संख्या 374 है और इस महान क्रिकेट खिलाड़ी की पंजीकरण संख्या ड-01-001-028-001/10063-उ है।
इस सूची में सिर्फ तेंदुलकर का ही नाम नहीं दर्ज है, बल्कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ का नाम भी दिहाड़ी मजदूरों की सूची में शामिल है। इतना ही नहीं आस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग के नाम को भी इस फर्जी सूची में शामिल किया गया है। लाभान्वितों की सूची के अनुसार अमिताभ बच्चन और परेश रावल जैसी फिल्मी हस्तियां भी गोवा में मनरेगा से लाभान्वित हुई हैं।