औरंगाबाद जिले के रिसियप थाना के भरौंधा गांव में आज दबंगों ने ऐसा कारनामा कर दिया जिसे समाज में बर्बर अपराध के रूप में जाना जाता है । गांव के दबंगों ने एक बच्चे कि तबियत खराब हेाने वजह से गांव के ही
बिन्देश्वरी साव के घर में दिनदहाड़े जबरन घुसकर पति पत्नी पर ओझा और डायन होने का आरोप लगाकर जमकर पिटायी की । इतना ही नहीं दबंगों का कहर यहीं नहीं समाप्त हुआ बल्कि उन्होंने बिन्देश्वरी साव की पत्नी गिरिजा देवी के बाल पकड़कर खींचते हुये आंगन तक ले आये और उसके बाल बेतरतीब तरीके से काट डाले । दबंगों के द्वारा बिन्देश्वर को पिटते हुये घर से बाहर निकाला गया और तबतक उसकी पिटायी की गई जबतक जान उसके शरीर से जुदा न हो गयी , बिन्देश्वर की मौत के बाद दबंगों ने उसके शव को घसीटते हुये खेत के बधार में फेंक दिया और आराम से चलते बने । पुरे डेढ़ घंटे तक चले दबंगों के इस बहशीपना को गांव वाले तमाशबीन बन देखते रहे परन्तु किसी ने भी इसे रोकने की जुर्रत नहीं कि ।
बताया जाता है कि गांव के चंदुली चैहान का 15 वर्षीय पुत्र धमेन्द्र दो दिन पुर्व घर से गायब हो गया था जिसकी शिकायत रिसियप थाने में पविारवालों ने की थी और इसका आरोप बिन्देश्श्वर के सिर पर मढ़ डाला था । पुलिस ने भी त्वरित कार्रवाई करते हुये तहकीकात के लिये गांव पहुंची और इससे संबंधित जानकारी बिन्देश्वर से लेने की कोशिश की परन्तु वह पुरे घटनाक्रम में अपनी संलिप्तता से इनकार चला गया ।परन्तु आज सुबह चंदुली का पुत्र धमेन्द्र गांव में बेहोशी की हालत में मिला जिसे इलाज के लिये सदर अस्पताल औरंगाबाद लाया गया जहां चिकित्सकों ने उसकी हालत गंभीर बताते हुये बनारस रेफर कर दिया । बच्चे की हालत देखकर चंदुली के आंखों में खुन उतर आया और वह अपने 20 समर्थकों के साथ के साथ बिन्देश्वर के घर पहुंचा जिसमें घर की महिलाये भी शामिल थी ।
बिन्देश्वर को देखते ही चंदुली के साथ रहे उसके ही स्वजातीय उसपर पिल पड़े और लाठी डंडों की बौछार कर दी और यह तबतक चलता रहा जबतक बिन्देश्वर की मौत न हो गयी । महिलाओं ने भी पुरूषों का साथ दिया और उनसबों ने भी लाठी डंडे का प्रयोग कर बिन्देश्वर की पत्नी की जमकर पिटाई कि और उसे मरता छोड़ फरार हो गये । इधर गांव में हुये इस दरिंदगी एवं बहशीपना के नंगे नाच की खबर पुलिस को मिली तो दल बल के साथ वह घटनास्थन पहुंची परन्तु पुलिस को वहां सिर्फ बिन्देश्वर की लाश ही मिली जबकि इस घटना को अंजाम देने वाले गांव से फरार हो चुके थे । पुलिस ने मामले की तह तक जाने के लिये अपनी कार्यवाही तेज कर दी है परन्तु गांव के लोगों के द्वारा जुबान न खोलने के कारण पुलिस को अनुसंधान में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है । इस मामले में तहकीकात के पहले तक पुलिस ने मीडीया से परहेज करना ही मुनासिब समझा ।
धीरज कुमार पाण्डेय
औरंगाबाद
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