मतगणना कार्य हेतु प्रभारी अधिकारी नियुक्त
सीधी 3 मई, 2014 लोकसभा निर्वाचन की मतगणना 16 मई को शासकीय संजय गांधी स्मृति महाविद्यालय सीधी में संपन्न होगी। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी सुश्री स्वाति मीणा द्वारा लोकसभा निर्वाचन 2014 की मतगणना हेतु दृढ कक्ष से ई.व्ही.एम. लेकर निर्धारित विधानसभा के टेबिल पर पहुंचाने एवं गणना उपरांत ई.व्ही.एम. को दृढ कक्ष में वापस रखवाने हेतु प्रभारी अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। इनकी सहायता हेतु सहायक कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। जारी आदेश अनुसार उक्त कार्य के लिए विधानसभा क्षेत्र चुरहट के लिए श्री रामेश्वर प्रसाद त्रिपाठी नायब तहसीलदार हनुमानगढ़ एवं श्री रामनिवास सोनी नायब तहसीलदार चुरहट को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसी प्रकार विधानसभा क्षेत्र सीधी के लिए श्री आशीष अग्रवाल नायब तहसीलदार गोपद बनास एवं श्री रोशनलाल रावत राजस्व निरीक्षक को, विधानसभाी क्षेत्र सिहावल के लिए श्री अनादि पाण्डेय राजस्व निरीक्षक वृत्त देवगवां एवं श्री श्रीकांत दुबे राजस्व निरीक्षक वृत्त अमिलिया को तथा विधानसभा क्षेत्र धौहनी के लिए श्री डी.एस.मांझी नायब तहसीलदार कुसमी एवं श्री बी.के.पटेल नायब तहसीलदार मझौली को प्रभारी अधिकारी बनाया गया है।
ग्रीष्मकालीन जुताई के लाभ अनेक
सीधी 3 मई, 2014 रबी फसलों की कटाई के पश्चात् खेत में इतनी नमी रहती है कि गहरी जुताई का कार्य आसानी से हो सके । यही समय सर्वोत्तम समय ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई करने का होता है। इस जुताई से कृषि में लाभ प्राप्त किया जा सकता हैं । इस आशय की जानकारी देते हुए परियोजना संचालक आत्मा श्री संजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया की अधिकांश किसान एक निश्चित गहराई पर (6-7 इंच) जुताई करते है। जिससे जल प्रवाह अधिक होता है। ग्रीष्म कालीन गहरी जुताई (जो लगभग 9-12 इंच तक गहरी होती है) में यही कड़ी परत टूट जाती हैं। परिणामतः वर्षाकाल में ऐसे खेत की जलधारण क्षमता बढ़ जाती है। इस तरह जलसंरक्षण को प्रत्यक्षतः बढ़ावा मिलता है। इसी प्रकार खरपतवार, फसल उत्पादन को लगभग 20-60 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं। कुछ खरपतवार जैसे-कांस, मोथा, दूध आदि की जड़े काफी गहराई तक रहती है। इनके नियंत्रण का एक कारगर उपाय ग्रीष्मकालीन गहरी जुताई है, जिसके करने से उक्त ,खरपतवारों की जड़े राइजोम ऊपरी सतह पर आ जाते हैं जो बाद में तेज गर्मी में सूख कर नष्ट हो जातें है। फसल रोगों के रोगजनक एवं कीटों के अण्डें व शंखी मिट्टी में छिपे रहते हैं। गहरी जुताई होने से या तो ये ऊपर आ जाते हैं या गहराई में दबकर मर जातें हैं ऊपर आने पर तेज गर्मी के सम्पर्क में आने से नष्ट हो जाते है। इस तरह से कीट व रोगों का नियंत्रण संभव हो जाता हैं। गहरी जुताई वाले खेत पहली बरसात का सम्पूर्ण पानी सोख लेते हैं जिससे अधिकतम वायुमण्डलीय नत्रजन इन खेतों में अनायस ही आ जाती है। इसके साथ-साथ मृदाक्षण भी गहरे जुते खेतों में कम होता हैं। फलतः पोषक तत्वों का बहाव भी रूकता है। मात्र गहरी जुताई से अनेक लाभ हमारे किसान भाई अर्जित कर सकते हैं।
मतगणना एजेन्ट क¨ तय स्थान के अलावा अन्य स्थान पर जाने की अनुमति नहीं ह¨गी
सीधी 3 मई, 2014 भारत निर्वाचन आय¨ग ने ल¨कसभा चुनाव की मतगणना में राजनैतिक दल¨ं अ©र उम्मीदवार के मतगणना एजेन्ट¨ं के प्रवेश अ©र बैठने के संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारिय¨ं क¨ दिशा निर्देश जारी किये हैं। प्रदेश में 16 मई क¨ 29 संसदीय क्षेत्र की मतगणना 51 जिला मुख्यालय पर ह¨गी। निर्वाचन आय¨ग ने मतगणना एजेन्ट¨ं के मतगणना केन्द्र में बैठने के प्रबंध के संबंध में निर्देश दिये हैं। आय¨ग ने कहा है कि वरीयता क्रम के अनुसार एजेन्ट के बैठने की व्यवस्था की जाए। मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनैतिक दल, मान्यता प्राप्त राज्य स्तरीय राजनैतिक दल अ©र अन्य प्रदेश¨ं के मान्यता प्राप्त राजनैतिक दल (जिन्हें मध्यप्रदेश में चुनाव-चिन्ह इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है,) पंजीकृत मान्यता विहीन राजनैतिक दल के उम्मीदवार¨ं अ©र निर्दलीय उम्मीदवार¨ं के मतगणना एजेन्ट क¨ क्रम से प्राथमिकता दी जाएगी। मतगणना एजेन्ट¨ं क¨ आवंटित सीट¨ं के स्थान पर ही बैठने की अनुमति ह¨गी। एजेन्ट अपने निर्धारित स्थान के अलावा काउंटिंग हाॅल में अन्य जगह नहीं आ-जा सकेंगे। मतगणना केन्द्र में केवल अधिकृत व्यक्ति क¨ ही प्रवेश दिया जाएगा। जिला निर्वाचन अधिकारी क¨ मतगणना के तीन दिन पहले उम्मीदवार¨ं से प्रपत्र-18 में मतगणना एजेन्ट¨ं की सूची द¨ प्रति में प्राप्त करने के लिए कहा गया है। जिला निर्वाचन अधिकारी किसी कारण से नियुक्त एजेन्ट क¨ प्रपत्र-19 के द्वारा निरस्त या बदल सकेंगे।