ललित मोदी मंगलवार को राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) के अध्यक्ष निर्वाचित हुए तो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने उसकी सदस्यता समाप्त कर दी। बीसीसीआई सचिव संजय पटेल ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि बीसीसीआई ने सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश का पालन करते हुए आसीए की सदस्यता भंग की ह', जिसमें न्यायालय ने कहा था कि गर चुनाव परिणामों से किसी को आपत्ति होगी तो वह उसे उचित प्लेटफार्म पर चुनौती दे सकता है। बीसीसीआई ने अपने बयान में कहा, "सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 30-4-2014 को पारित आदेश के अनुसार न्यायालय ने निर्देश दिया था कि अगर बीसीसीआई को यह लगता है कि कोई व्यक्ति उसके नियमों और कानून के खिलाफ काम करता है तो वह उस व्यक्ति या संस्था के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।"
"इसी को देखते हुए बीसीसीआई के कार्यकारी प्रमुख शिवलाल यादव ने अधिनियम 32 (सात) के तहत राजस्थान क्रिकेट संघ को मंगलवार को प्राथमिक सदस्यता से अलग कर दिया। आरसीए के खिलाफ जारी जांच पूरी होने तक उसकी सदस्यता भंग की गई है।"राजस्थान में क्रिकेट से जुड़ी प्रतिभाओं के हित को ध्यान में रखते हुए बीसीसीआई वहां क्रिकेट के संचालन के लिए एक कार्यकारी समिति का गठन करेगी। यह समिति अलग-अलग आयु वर्ग के खिलाड़ियों के खेल तथा प्रशिक्षण का संचालन करेगी।
बीसीसीआई का यह फैसला इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) को ऊंचाइयों तक ले जाने वाले पूर्व कमिश्नर ललित मोदी को मंगलवार को आरसीए का नया अध्यक्ष घोषित किए जाने के बाद आया है। मोदी इस पद पर निर्वाचित हुए हैं। मोदी को बीते साल सितम्बर में बीसीसीआई ने 'भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता के गम्भीर आरोपों'को लेकर निष्कासित कर दिया था। न्यायालय द्वारा नियुक्त आब्जर्वर न्यायाधीश (सेवानिवृत) एमएम कासिवाल ने मोदी को आरसीए अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा की।
आरसीए के चुनाव बीते साल दिसम्बर में हुआ था लेकिन अदालती कार्रवाई के कारण इसके परिणाम को घोषित नहीं किया गया था। परिणाम सील अवस्था में न्यायालय के पास सुरक्षित था। सर्वोच्च न्यायालय ने 30 अप्रैल को आरसीए के चुनावों का परिणाम छह मई तक घोषित करने का निर्देश जारी किया था। न्यायाधीश अनिल आर. दवे की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह निर्देश जारी किया था कि चुनाव परिणाम का सील किया हुआ लिफाफा कासिवाल के पास भेंजे, जिससे कि वे समय पर परिणाम घोषित कर सकें।
सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि अगर चुनाव परिणामों से किसी को आपत्ति होगी तो वह उसे उचित प्लेटफार्म पर चुनौती दे सकता है। कासिवाल ने जब परिणाम घोषित किए तो पता चला कि मोदी 33 में 24 मत लेकर विजयी रहे। मोदी के प्रतिद्वंद्वी रामपाल शर्मा को पांच मत मिले। मोदी ने निष्कासन के बावजूद आरसीए चुनावों में खड़ा होने का फ'सला किया था। मोदी को इन चुनावों में खड़ा होने का हक राजस्थान क्रिकेट संघ के संविधान ने दिया था, जिसमें लिखा गया है कि यह क्रिकेट संघ बीसीसीआई के नहीं बल्कि राजस्थान स्पोर्ट्स एक्ट के अधीन संचालित होता है। मोदी के सहयोगियों ने आरसीए चुनावों के सभी अहम पदों पर कब्जा किया। मोदी के वकील मोहम्मद एम. नबी को सहयोगी अध्यक्ष, सोमेंद्र तिवारी को महासचिव और पवन गोयल को कोषाध्यक्ष चुना गया।