उत्तर प्रदेश के वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ रहे आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को जिलाधिकारी को पत्र लिखकर सुरक्षा वापस लेने को कहा है। आप प्रत्याशी ने पत्र में कहा है कि उन्हें सुरक्षा नहीं चाहिए, बल्कि जरूरी यह हो गया है कि काशी की जनता को भाजपा के 'गुंडों'से बचाया जाए। केजरीवाल ने जिलाधिकारी द्वारा दो मई को भेजे उस पत्र का जवाब दिया है, जिसके साथ पुलिस उपाधीक्षक प्रज्ञान की भेजी रिपोर्ट संलग्न है। केजरीवाल ने पुलिस उपाधीक्षक की इस रिपोर्ट पर घोर आपत्ति की है, जिसमें कहा गया है कि वह भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोल रहे हैं, जिससे पुलिस को उनकी सुरक्षा करने में परेशानी हो रही है।
उन्होंने पत्र में कहा है, "सभी पुलिसकर्मियों को काशी की जनता की सुरक्षा में लगाया जाए। मुझे सुरक्षा नहीं चाहिए। काशी की जनता मेरी सबसे बड़ी सुरक्षा है। काशी के लोग मुझे बहुत प्यार करने लगे हैं। काशी में मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। बाबा विश्वनाथ का मुझ पर आशीर्वाद है, फिर किस बात का डर!"अरविंद ने जिलाधिकारी से कहा है, "आप काशी की जनता को भाजपा के गुंडों से बचाइए, मेरी सुरक्षा की चिंता छोड़ दीजिए।"
उन्होंने लिखा, "डीएसपी प्रज्ञान की 28 अप्रैल की रिपोर्ट पर मुझे घोर आपत्ति है। उनकी रिपोर्ट के मुताबिक मैं हिंदू बहुल तथा भाजपा के समर्थकों वाले स्थानों पर मोदी के खिलाफ बोल रहा हूं, जिससे पुलिस को परेशानी हो रही है। तो क्या आपके पुलिस उपाधीक्षक चाहते हैं कि मैं मोदी के खिलाफ बोलना बंद कर दूं? काशी का तो ज्यादातर इलाका हिंदू बहुल है, तो क्या पूरे काशी में मोदी के खिलाफ बोलना बंद कर देना चाहिए?"
केजरीवाल ने आगे लिखा है, "जो लोग हिंसा कर रहे हैं, वे हिंदू नहीं बल्कि भाजपा के गुंडे हैं। आपके डीएसपी का यह मान लेना कि सभी हिंदू मोदी समर्थक हैं, यह सरासर गलत है। उनकी यह सोच भी खतरनाक है कि मोदी के खिलाफ कोई भी बात सुनने पर लोग हिंसा करने लगेंगे।"आप नेता ने कहा है, "हिंदू धर्म के लोग दुनिया के सबसे शांतिप्रिय लोग हैं। कोई भी हिंदू हिंसा नहीं चाहता। यह धर्म वसुधैव कुटुम्बकम् सिखाता है।"केजरीवाल ने कहा है कि पुलिस उपाधीक्षक की रिपोर्ट साफ दर्शाती है कि वह घोर मोदी समर्थक हैं, भाजपा समर्थक हैं और हिंदू धर्म के बारे में बहुत ही गलत विचार रखते हैं।
उन्होंने पत्र में कहा है, "इसी रिपोर्ट में आपके डीएसपी ने लिखा है-चुनाव प्रचार के दौरान अरविंद केजरीवाल द्वारा ऐसे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं, जिससे मीडिया का ध्यान आकर्षित किया जा सके और मीडिया का फोकस इन पर बना रहे। प्रज्ञान की इस टिप्पणी पर मुझे घोर आपत्ति है।" आप नेता ने लिखा है, "क्या अब आपके डीएसपी मुझे सिखाएंगे कि मुझे चुनाव प्रचार कैसे करना है? मैं बिना सुरक्षा के जनता के बीच जाता हूं, लोगों से हाथ मिलाता हूं, गले मिलता हूं, जनता के प्रश्नों के जवाब देता हूं। जनता में से कोई भी मुझे अपने घर बुलाता है और यदि मेरे पास समय होता है तो मैं उसके घर भी चला जाता हूं। मेरे इसी व्यवहार को आपके पुलिस उपाधीक्षक 'हथकंडा'कह रहे हैं।"
उन्होंने लिखा है, "आपको शायद अपने पुलिस उपाधीक्षक को जनतंत्र की परिभाषा बतानी होगी। उन्हें यह बताना होगा कि जनतंत्र हेलीकॉप्टर और एअर कंडिशंड कमरों से नहीं चलता। जनतंत्र गली-मोहल्लों, सड़कों और गांव-गांव में घूमने से चलता है।"केजरीवाल ने डीएम को चेताया, "मेरा संवाद सीधे काशी की जनता से है। आपकी पुलिस यदि मेरे और काशी की जनता के बीच आने की कोशिश करेगी तो मैं ऐसी सारी कोशिशों को नाकाम कर दूंगा। आपकी नजर में यह 'हथकंडा'हो सकता है, मेरी नजर में यही 'जनतंत्र'है।"
गुजरात के मुख्यमंत्री को चुनौती देने चुनावी समर में उतरे दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने डीएम से अनुरोध किया, "मैंने कभी आपसे अपने लिए सुरक्षा नहीं मांगी। इस पत्र के जरिए मैं आपसे निवेदन करता हूं कि आपने अपनी मर्जी से मेरी सुरक्षा में जो पुलिसकर्मी लगाए हैं, उन्हें तुरंत वापस ले लिया जाए।"