पूर्ण निष्पक्षता से गणना कार्यो को सम्पादित करें-कलेक्टर श्री ओझा
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री एम0बी0ओझा ने मंगलवार को आयोजित मतगणना संबंधी प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मतगणना कार्य अतिमहत्वपूर्ण है। जिन अधिकारियों, कर्मचारियों की ड््यूटी मतगणना कार्य के सम्पादन हेतु लगाई गई है वे पूर्ण निष्पक्षता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें। उन्होंने मतगणना कार्य के लिए आयोजित प्रशिक्षण को गंभीरता से ले और दी जाने वाली जानकारियांें को आत्मसात करने की अपेक्षा व्यक्त की। कलेक्टर श्री ओझा ने कहा कि मतगणना संबंधी जो जिज्ञासाएं, समस्याएं ध्यान में आती है तो उसका समाधान मास्टर टेªनर्स से प्राप्ति के उपरांत ही प्रशिक्षण हाल छोड़े। एसएटीआई के पाॅलिटेक्निक सभागार कक्ष में दो चरणों में सम्पन्न हुए उक्त प्रशिक्षण के प्रथम चरण में गणना पर्यवेक्षक, सहायक गणना पर्यवेक्षक को प्रशिक्षित किया गया। द्वितीय चरण में माइक्रोआब्जर्वर को मतगणना के दौरान सौंपे जाने वाले दायित्वों से उन्हें अवगत कराया गया। प्रशिक्षण के दौरान संबंधितों को मतगणना कैसे करनी है की प्रायोगिक जानकारी दी गई वही ईव्हीएम के संचालन और बंद करने के अलावा ईव्हीएम के किन पार्ट को खोलना नही है से भी अवगत कराया गया। इस दौरान बतलाया गया कि सबसे पहले डाक मतपत्रों की गणना की जाएगी। प्रत्येक विधानसभा की मतगणना कार्य हेतु 14-14 टेबिले लगाई जाएगी। प्रत्येक टेबिल पर क्रमशः गणना पर्यवेक्षक, गणना सहायक और भारत निर्वाचन आयोग के प्रतिनिधि के तौर पर केन्द्रीय शासन के कर्मचारी (माइक्रोआब्जर्वर) की नियुक्ति कम्प्यूटर रेण्डमाइजेशन के माध्यम से की जायेगी। उक्त प्रशिक्षण में अपर कलेक्टर डाॅ0के0डी0त्रिपाठी, जिला पंचायत के सीईओ श्री शशिभूषण सिंह के अलावा आरओ, एआरओ, गणना पर्यवेक्षक, गणना सहायक और माइक्राआब्जर्वर मौजूद थे।
पांच हजार का ईनाम घोषित
पुलिस अधीक्षक श्री धर्मेन्द्र चैधरी ने थाना शमशाबाद में दर्ज प्रकरण के फरार आरोपियों की सूचना देने अथवा गिरफ्तार कराने में मदद करने वाले को पांच हजार रूपए नगर राशि देने की घोषणा की गई है। संबंधित चाहे तो उसका नाम गोपनीय रखा जाएगा। जारी उद््घोषणा में उल्लेख है कि शमशाबाद थाना में दर्ज अपराध प्रकरण 199/13 के फरार आरोपी जगदीश बंजारा, कल्लू बंजारा एवं इनके दो, तीन साथी निवासीगण ग्राम जमनयाई थाना जामनेर जिला गुना की सूचना देने अथवा गिरफ्तारी कराने में मदद करने वाले को पूर्व उल्लेखित राशि प्रदाय की जायेगी।
कार्यालय हस्तातंरित
उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं कार्यालय जो पूर्व में राजीवनगर विदिशा में किराए के मकान से संचालित हो रहा था उक्त कार्यालय अब पशु चिकित्सालय परिसर बरईपुरा हस्तांतरित हो गया है। अतः पत्राचार हेतु नवीन पता कार्यालय उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं पशु चिकित्सा परिसर बरईपुरा विदिशा पर करने का अनुरोध विभाग के अधिकारी द्वारा किया गया है।
गुरूदेव ही कराते हैं गोविन्द की प्राप्ति-पं. रविकृष्ण शास्त्री
विदिषा-6 मई 2014/स्थानीय मेघदूत टाॅकीज में जारी श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिवस भागवताचार्य पं रविकृष्ण शास्त्री ने एक ओर जहां भगवान श्रीकृष्ण और परमेश्वरी रूक्मणीजी के विवाह-दाम्पत्य पर अपनी कथा केन्द्रित रखी, वहीं दूसरी ओर गुरू महत्ता पर भी विशद प्रकाश डाला। पं रविकृष्ण शास्त्री ने आज की कथा में सजल नयनों से अपने दिवंगत गुरूदेव वरिष्ठ धर्माधिकारी पं गोविन्दप्रसाद शास्त्रीजी का पावन स्मरण करते हुए कहा कि यह उन सद्गुरू की ही कृपा है कि मैं कथा वाचन कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि सद्गुरूदेव के श्रीचरणों में तो समस्त तीर्थधाम होते हैं। हमारी आध्यात्मिक मान्यतानुसार गुरूदेव तो गोविन्द से भी बडे होते हैं, क्योंकि उन्हीं की अनुकम्पा से गोविन्द की प्राप्ति होती है। फिर, मेरे गुरूदेव का तो नाम भी ’गोविन्द’’ ही था, इसलिए मेरे लिए तो वे गुरू और गोविन्द दोनों एक साथ हुए। आज की कथा में श्री राधावल्लभ सम्प्रदाय भोपाल के श्री राधावल्लभ मंदिर के आचार्य पं भूपेशजी तथा भोपाल की प्रख्यात ज्योतिषाचार्य सुश्री चन्द्रा दीदी ने भी भाग लिया। आचार्यजी ने पं रविकृष्ण शास्त्री को भोपाल में कथा करने आमंत्रित किया। इस अवसर पर श्रीमती अमिता जडिया-श्यामसुन्दर जडिया ने राधा-कृष्ण स्वरूप में लीला का ऐसा भव्य मंचन-प्रदर्शन किया कि श्रद्धालु भाव-विभोर और अभिभूत हो उठे। इस अवसर पर जानी-मानी नन्हीं सी भजन गायिका कु. सौम्या शर्मा ने अपने भजनों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। पं रविकृष्ण शास्त्री ने समापन दिवस के ठीक एक दिन पूर्व की आज की कथा में बताया कि इस कथा के मुख्य आयोजनकर्ता मां सरस्वती मानस मण्डल तथा गौ-गोपाल सेवा समिति द्वारा लम्बे समय से निःशुल्क श्री सुन्दर काण्ड पाठ तथा भगवती जागरण की सेवाएं नगर तथा अन्यत्र निरंतर की जा रही है और उन्हीं के विशेष सौजन्य से यह कथा भी सम्भव हुई है। कथा में पं. रविकृष्ण शास्त्री ने कहा कि भगवान तो कल्पना से भी परे हैं। जीवन मेेें परोपकार से बडा कोई धर्म नहीं होता। ‘‘परहित सरिस धर्म नहीं भाई, पर पीडा सम नहीं अधमाई।’’ उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण के महारास का श्रीमद् भागवत में 5 बार वर्णन आया है। इसीलिए उसे महारास पंचाध्याय भी कहा जाता है। यह महारास भगवान से भक्त के परम दिव्य मिलन का ही दूसरा नाम है। उन्होंने कहा कि महारास की महत्ता तो यह है कि भगवान श्री शिवशंकर ने नारी वेष धारण कर उसमें भाग लेकर अपने आपको कृतार्थ किया। उन्होंने कहा कि भगवान की प्राप्ति तो परम दुर्लभ परम मोक्ष्य-मुक्ति ही है, जिसकी सर्वोच्च कामना-याचना संसार का प्रत्येक प्राणी करता है। आज समापन दिवस की कथा में 7 मई को स्थमन्तकमणि की कथा, नृंगराजा की कथा, सुदामा चरित्र हंसोपदेश, वर्णाश्रमधर्म निरूपण, भक्तियोग, कलियुगधर्म वर्णन, परीक्षित मोक्ष, श्रीमद् भागवत कथा की महिमा, पूजन शान्ति पाठ एवं प्रसादी वितरण होगा।