राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस ज्यादा काम करती है, लेकिन उन्हें उतने अच्छे ढंग से प्रचारित नहीं कर पाती, जिस तरह विपक्षी दल करते हैं। राष्ट्रीय युवा और छात्र घोषणापत्र के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय विमर्श में मंथन सत्र के दौरान राहुल ने कहा कि हमारे विपक्षी मार्केटिंग में ज्यादा अच्छे हैं, काम में कम, हम काम ज्यादा करते हैं, लेकिन मार्केटिंग में अच्छे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अकेली पार्टी है जो प्रत्येक भारतीय को एक साथ रख सकती है- अमीर, गरीब, हिन्दू अथवा मुस्लिम। उन्होंने छात्रों, पेशेवरों, नवाचारियों, कार्यकर्ताओं, शोधार्थियों, कलाकारों और पंचायत प्रतिनिधियों सहित समाज के विभिन्न वर्गों से जुड़े युवा भारतीयों की मौजूदगी में आयोजित सत्र में यह बात कही।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि राजनीति में युवाओं के लिए अपर्याप्त जगह होने की बुनियादी वजह उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि राजनीति में युवाओं के लिए अपर्याप्त जगह क्यों है इसका बुनियादी कारण प्रवेश और प्रोन्नति की प्रक्रिया का पारदर्शी न होना है। वास्तविक समस्या उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया है। उन्होंने वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह, केन्द्रीय मंत्रियों मनीष तिवारी, सचिन पायलट और जितेन्द्र सिंह सहित वहां मौजूद लोगों से कहा कि क्या किसी पार्टी ने लोगों से पूछा कि उनके इलाके से उम्मीदवार कौन होना चाहिए।
इंफोसिस के सह संस्थापक और आधार कार्यक्रम के प्रमुख नंदन नीलेकणि भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे। उनकी बेंगलूर से कांग्रेस के टिकट पर लोक सभा का चुनाव लड़ने की योजना है। गांधी ने ऐसे संस्थानों और प्रक्रियाओं के निर्माण पर जोर दिया जो लोगों को शक्तियां दें, लेकिन साथ ही कहा कि व्यवस्थाएं बनाने में समय लगता है, यह उतना आसान नहीं, जितना लगता है। मीडिया को दिए गए गांधी के वक्तव्य में कहा गया है कि वास्तविक सशक्तीकरण निरंतर और दीर्घकालिक होना चाहिए। अल्पावधि सशक्तीकरण दरअसल शक्तियों का हनन है।
गांधी ने कहा कि देश की उच्चतर शिक्षा प्रणाली को खोलने और इसे औद्योगिक प्रणाली, एनजीओ प्रणाली और विभिन्न अन्य प्रणालियों से जोड़ने की जरूरत है। पश्चिम बंगाल के एक प्रतिनिधि द्वारा महिलाओं के खिलाफ दमन के बारे में की गई टिप्पणी का जवाब देते हुए गांधी ने कहा कि देश में सबसे बड़ी समस्या महिलाओं के पास कम शक्तियां और उनके साथ किया जाने वाला व्यवहार है। उन्होंने कहा कि अगर मैं एक परिवर्तन लाना चाहता हूं तो वह महिलाओं का सशक्तीकरण है। उन्होंने कहा कि सच्चा शासन वही है जो जनता को सम्मान और गरिमा प्रदान करे और सुनिश्चित करे कि उनकी आवाज सुनी जाए। तिवारी ने बताया कि 2014 के लोकसभा चुनाव के अपने घोषणापत्र के लिए सुझाव हासिल करने के इरादे से कांग्रेस ने यह तीसरी विमर्श बैठक आयोजित की है। उन्होंने कहा कि जनता की सलाह से घोषणापत्र तैयार करने की प्रक्रिया कांग्रेस के जनता की आवाज को वास्तविक रूप से प्रतिध्वनित करने वाली सरकार सुनिश्चित करने के संकल्प से उपजी है।
यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस अब जनता के साथ जुड़ने की कोशिश क्यों कर रही है। उसने पिछले दस वर्ष के शासन में ऐसा क्यों नहीं किया, पर तिवारी ने कहा कि यह देर से नहीं है, यह समय पर है। तिवारी ने कहा कि कांग्रेस खाद्य सुरक्षा कानून और सूचना के अधिकार कानून जैसी नीतियों के जरिए देश में बदलाव लाई और अब उनकी पार्टी इसे अगले स्तर तक ले जाना चाहती है।