राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को कहा कि स्नातकों की गुणवत्ता बढ़ाने का प्रयास करने की जरूरत है ताकि संपूर्ण कौशल रोजगार साध्य हो सके। इंडियन स्कूल ऑफ माइंस (आईएसएम) के 36वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में मुखर्जी ने कहा, "भारत कौशल रिपोर्ट 2014 में खुलासा हुआ है कि इंजीनियरिंग स्नातकों का केवल 52 प्रतिशत और 34 प्रतिशत संपूर्ण कौशल ही रोजगार साध्य है। इस स्थिति में बदलाव लाना अनिवार्य है।"
उन्होंने कहा, "हमें अपने स्नातकों की गुणवत्ता बढ़ाने का प्रयास सुनिश्चित करना जरूरी है।"राष्ट्रपति ने भारतीय शिक्षण संस्थानों से भी आम लोगों को लाभ देने के लिए नवीनता लाने का आह्वान किया। मुखर्जी ने कहा, "हमारी उच्च शिक्षण संस्थाओं को अपनी सामाजिक और आर्थिक परिप्रेक्ष्य से जुड़े मुद्दों को गहन अनुसंधान में लेना चाहिए। आईएसएम विपुल खनिज संपदा वाले क्षेत्र में स्थित है। इसलिए इसे ऐसी तकनीक के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जिससे संसाधन उत्खनन की क्षमता बढ़ सके।"