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हिमाचल प्रदेश की विस्तृत खबर (11 मई)

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कांग्रेस पार्टी में बागियों की वापिसी जल्दबाजी में नहीं हो रही, सरकारें संगठन ही बनाते हैं  : सुखविन्दर सिंह 

Thakur Sukhwinder Singh
ज्वालामुखी, 11 मई (विजयेन्दर  शर्मा) । हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ठाकुर सुखविन्दर सिंह ने आज यहां स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी में बागियों की वापिसी जल्दबाजी में नहीं हो रही।  न ही अनुशासन के नाम पर कोई समझौता किया जायेगा। इस मामले में कोई भी फैसला ठोक बजाकर ही होगा।  ज्वालामुखी के विद्युत विश्राम गृह में  पत्रकार सम्मेलन में उन्होंने  इस बात को भी सिरे से खारिज किया कि अगर बागी वापिस आ जाते तो पार्टी बेहतर प्रर्दशन चुनाव में करती।   यह विचार गलत हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि लोकसभा चुनावों के दौरान बागियों की वापिसी का कोई मुद्दा नहीं था।  बकौल उनके बागियों के सहारे चुनाव नहीं जीते जा सकते, बल्कि पार्टी की नितियों , विचारों और कार्यक्रम के आधार पर लड़े जाते हैं।  कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जिन बागियों की पार्टी की वापिसी हुई, उसमें कहीं कोई पिक एंड चूज की निति नहीं अपनाई गई।   जो भी लोग वापिस आये उनके लिये जिला व ब्लाक की तरफ से अनुमोदन आया, तब जाकर उनकी वापिसी हुई।  बाकि मामलों पर भी यही निति लागू है।  हालांकि यह पार्टी का अंदरूनी मामला है। इस पर चरचा पार्टी के अंदर ही होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि  पार्टी अब बागियों को कतई बर्दाशत नहीं करेगी। कुछ नेता तब तक पार्टी के साथ चलते हैं, जब तक उन्हें टिकट मिले। टिकट न मिले तो यह लोग बागी होकर पार्टी को नुक्सान पहुंचाते हैं।  व बाद में फिर पार्टी में वापिस आ जाते हैं। इस सबसे संगठन कमजोर होता है। आम कार्यकर्ता का मनोबल कमजोर होता है।  लिहाजा अब इस परंपरा को सख्ती के साथ रोका जायेगा। बागियों के लिये पार्टी के दरवाजे अब बंद हो चुके हैं।  यह पार्टी का नितिगत सिद्धांत है।  कांग्रेस नेता ने कहा कि संगठन को मजबूत करना उनकी प्राथमिकता है व रहेगी।  उन्होंने चेतावनी दी कि इस मामले में बेवजह बात का बतंगढ़ बनाने वाले नेता जान लें कि सरकारें संगठन ही बनाते हैं।  उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में संगठन को मजबूत करने के लिये और कड़े फैसले लिये जायेंगे।  ताकि पार्टी निचले स्तर पर मजबूत हो। उन्होंने कहा कि कोई अपनी व्यक्तिगत राय पार्टी पर नहीं थोप सकता। पार्टी में जो भी फैसले लिये जाते हैं। वह सामूहिक सोच से लिये जाते हैं।  कांग्रेस नेता ने कहा कि  मिशन 2017  की कामयाबी को लेकर वह जल्द ही प्रदेश का दौरा करेंगे। व पार्टी के बूथ स्तर पर कार्यर्ताओं से मिलेंगे। वहीं संगठन में निष्क्रिय लोगों को हटाया जायेगा।   उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों के दौरान पार्टी ने बेहतर तालमेल के साथ काम किया, जिससे पहली बार कार्यकर्ताओं खासा उत्साह देखा गया।  हिमाचल प्रदेश में चुनावों के दौरान यू पी ए अध्यक्षा श्रीमति सोनिया गांधी एवं पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी व दूसरे केन्द्रिय नेताओं के दौरे प्रेरणादायी रहे।  कार्यकताओं में उत्साह बढ़ा। लेकिन इसके साथ ही सोलन रैली को लेकर भाजपा ने बेवजह विवाद खड़ा करने की कोशिश की।   वहीं भाजपा नेताओं ने प्रदेश के सामाजिक ताने बाने को राजनिति के नाम पर तोडऩे की पूरी कोशिश की।  पानी की तरह पैसा बहाया । मतदाताओं को प्रभावित करने के लिये तरह तरह के हथंकडे अपनाये।  वहीं कांग्रेस पार्टी ने पूरा चुनाव मर्यादित तरीके से लड़ा। सुखविन्दर सिंह ने बताया कि चुनावों के दौरान उन्होंने पूरे हिमाचल का दौरा किया। मंडल स्तर पर भी बैठको ं में शिरकत की।  व आम कार्यकर्ता से सीधे संपर्क साधने की कोशिश की।  व पूरे तालमेल के साथ चुनाव को नई दिशा देने की कोशिश की। कांग्रेस अध्यक्ष  ने कहा कि कांग्रेस हर वर्ग का विकास करने में विश्वास रखती है और जातिवाद से हट कर कार्य करती है।  भाजपा ने हमेषा ही देष के लोगों को धर्म, क्षेत्र  व सम्प्रदाय के नाम पर बांटने का काम किया है, जबकि कांग्रेस सदा ही सभी धर्मों के लोगों को साथ लेकर चलती आ रही है।  बकौल उनके देश में कभी भी भाजपा की सरकार नहीं बन सकती, क्योंकि ये लोग साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देते हैं। भारतवर्ष एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है तथा यहां वहीं पार्टी सरकार बना सकती है, जो सभी धर्मों के लोगों का आदर करती हो जैसा कि कांग्रेस पार्टी करती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जब भी कांग्रेस सरकार बनी हैं, राज्य का समान और संतुलित विकास हुआ है।

सोलन में चार दिवसीय हिम गोल्ड कप महिला हॉकी टूर्नामेन्ट सम्पन्न, यूपी ईलेवन ने 3-1 से हरियाणा को पराजित किया
  • राज्यपाल उर्मिला सिंह ने नवाजे विजेता

 सोलन,11 मई (विजयेन्दर शर्मा)।   सोलन में आज 4 दिवसीय महिला हिम गोल्ड कप हॉकी टूर्नामेन्ट सम्पन्न हो गया। आज हुए एक रोमांचक फाईनल में यूपी ईलेवन ने हरियाणा को 3-1 से शिक्शत देकर ट्राफी अपने नाम की। इस टूर्नामेन्ट में पाकिस्तान की टीम सहित देश के विभिन्न राज्यों से कुल 6 टीमों ने भाग लिया। हरियाणा की निशा टूर्नामेन्ट की बेस्ट प्लेयर रही। समापन अवसर पर राज्यपाल उर्मिला सिंह ने महिला खिलाडिय़ों को बधाई देते हुए कहा कि खेल विचारों और भावनाओं को संतुलित रखने की कला सिखाने के साथ-साथ खिलाडिय़ों के व्यक्तित्व निर्माण में भी सहायक सिद्ध होते हैं। खेलों के माध्यम से खिलाड़ी न केवल बेहतर नागरिक बनते हैं बल्कि जीवन के सभी क्षेत्रों विशेषकर कार्य क्षेत्र में भी श्रेष्ठ प्रदर्शन करने में सक्षम होते हैं। उन्होंने कहा युवाओं को खेल गतिविधियों में अधिक से अधिक भाग लेना चाहिए। खेलों के माध्यम सेे आत्मविश्वास, मिलजुल कर कार्य करने की भावना और मित्रता जैसे गुणों का विकास होता है। सभी स्तरों पर खेल गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए । राज्यपाल ने कहा महिलायें आज हर क्षेत्र में आगे आकर अपनी क्षमता का लोहा मनवा रही हैं। यह समाज के लिए अच्छा सूचक है क्योंकि कोई भी देश महिलाओं की प्रतिभागिता के बिना आगे नहीं बढ़ सकता। आज देश की कई महिला खिलाडिय़ों ने राश्ट्रीय और अन्र्तराश्ट्रीय खेलों में देश का नाम ऊंचा किया है । उन्होंने यह साबित कर दिया कि खेलों में भी  वे ऊंचा मकाम हासिल कर सकती हैं। बालिकाओं को स्कूल स्तर से ही खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित करने से खेल जगत में महिलायें अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगी । राज्यपाल ने विजेता टीम यूपी ईलेवन को 50 हजार रूपये व ट्रॉफी जबकि उप-विजेता टीम हरियाणा को 25 हजार का चैक व ट्रॉफी प्रदान की। राज्यपाल ने अतिथि टीम पाकिस्तान के सभी खिलाडियों व उनके साथ कोच व मैनेजर को सम्मानित किया। उपायुक्त एवं अध्यक्ष हिम गोल्ड हॉकी एसोसियेशन सोलन मदन चौहान ने स्वागत करते हुए कहा कि एसोसियेशन पिछले 20 वर्षों से लगातार सोलन में हॉकी टूर्नामेन्ट का आयोजन करती आ रही है। इस टूर्नामेन्ट में देश व विदेशों के नामी खिलाड़ी भाग ले चुके हैं।   

अतिरिक्त उपायुक्त एवं टुर्नामेंट के निदेशक सी.पी.वर्मा ने धन्यवाद किया।
इस मौके पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पदम चन्द, वाईस प्रेजिडेंट लोकन्द्र चौहान, महासचिव टशी सन्डूप, सदस्य सचिव सुभाष सकलानी, हॉकी इण्डिया के कार्यकारी निदेशक आर.के. श्रीवास्तव, हिम गोल्ड कप सोसायटी के महासचिव बी.आर. नेगी, सचिव वेद प्रकाश, कोषाध्यक्ष मंगलेश्वर शर्मा भी उपस्थित थे।   

चुनाव परिणामों का बेसब्री से इंतजार

ज्वालामुखी ,11 मई (विजयेन्दर शर्मा)।   जैसे जैसे चुनाव परिणामों का दिन नजदीक आ रहा है, वैसे ही  नेताओं की धुकधुकी भी तेज होने लगी है। व तरह तरह की कयासबाजी जारी है। दोनों ही दलों के नेता अपनी अपनी बढ़त के दावे कर रहे हैं। लेकिन जमीनी हालात कुछ ओर ही हैं। जिससे नेताओं की परेशानी बढ़ी है। व हर कोई अपने तरीके से आकलन करने में जुटा है। ज्वालामुखी इस बार जहां कांगड़ा संसदीय चुनाव क्षेत्र का हिस्सा है तो देहरा व जसवां परागपुर हमीरपुर का, ऐसा डिलिमिटेशन की वजह से हुआ है।  हालांकि पहले तीनों ही हल्के हमीरपुर में आते थे।  ज्वालामुखी से कांग्रेस के विधायक हैं व दूसरे दोनों हल्कों  से भाजपा के विधायक रविन्दर सिंह रवि व विक्रम ठाकुर हैं।  इस बार के संसदीय चुनावों में चुनावी नजारा बदला ही नजर आया।  ज्वालामुखी में जहां कांग्रेस के खिलाफ महौल को  देखा जा सकता है। इसका सीधा फायदा पूर्व विधायक रमेश धवाला को हुआ है। व एक बार फिर राजनैतिक तौर सक्रिय हो गये हैं।  शांता कुमार के मैदान में होने से इलाके का ब्राहम्ण वोटर भाजपा के साथ लामबंद हो गया है तो धवाला के साथ बिरादरी चली ।  यही नहीं चंगर बैल्ट में भी कुछ नाराजगी स्थानीय विधायक के प्रति देखी गई। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा खासकर रमेश धवाला ने शुरू से ही पार्टी काडर को सक्रिय कर दिया व समय समय पर खुद शांता कुमार ने ज्वालामुखी हल्के को पूरा समय दिया व लोगों से सीधे तौर पर रूबरू हुये।  इस मामले में  कांग्रेस प्रत्याशी चंदर कुमार पिछड़ गये। व वहीं विधायक संजय रतन को भी पार्टी संगठन का पूरा सहयोग नहीं मिल पाया। अपने तौर पर उन्होंने हर बूथ पर जाने की कोशिश की , लेकिन लोग शुरू से ही चंदर कुमार से इस बात को लेकर नाराज थे कि उन्होंने देहरा में सेंटरल यूनिवर्सिटी  का विरोध किया था। इस मामले पर चंदर कुमार ने भी अपने दौरे के दौरान कोई  स्पष्टीकरण देने की कोशिश नहीं की।   वहीं इलाके में  जातीगत ध्ु्रावीकरण भी नहीं हो पाया।  ज्वालामुखी में अस्पताल के स्थानांतरण से लेकर एस डी एम आफिस की स्थापना के फैसले चंगर के लोगों को रास नहीं आये।  वहीं धवाला ने अपने भाषणों में पूरी आक्रमकता दिखाई व स्थानीय मुद्दे जोरदार ढ़ंग से उठाये।   व बार  चेताया कि कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनावों में छह हजार लोगों को नौकरियां देने की बात की, लेकिन पूरी नहीं हुई।  कुछ भी  इससे अब साबित हो गया है कि लोगों  को विकास नहीं व्यक्तिगत मेल मिलाप की जरूरत है।  ऐसा ही कुछ देहरा में भाजपा के साथ हुआ।  आम आदमी के बीच मोदी लहर के बावजूद पार्टी प्रत्याशी अनुराग ठाकुर  कोई खास छवि नहीं बना पाये।  यहीं नहीं लोग करीब डेढ़ साल बाद अपने विधायक  रविन्दर सिंह रवि को देख रहे थे,  वहीं भाजपा ने  कृपाल परमार व उनके समर्थको को यहां जोडऩे की कोशिश ही नहीं की। जबकि कांग्रेस के तमाम छोटे बड़े नेता एक मंच पर दिखे।  जसवां परागपुर में भी  अनुराग ठाकुर के प्रति लोगों में गुस्से के साथ  कांग्रेस पार्टी को प्रचार में खासा फायदा रहा। 

ज्वालामुखी में भिखमंगों  का आतंक 

ज्वालामुखी,11 मई (विजयेन्दर शर्मा)।ज्वालामुखी मंदिर परिसर, पुराना बाजार, बस अड्डा, टैक्सी स्टैंड व अन्य सार्वजनिक स्थल जहां देखो वहीं पर भीख मांगने वाले बच्चे, बूढ़े, पुरुष, महिलाएं नजर आने लगे हैं, जिससे इस विश्वविख्यात तीर्थस्थल ज्वालामुखी की गरिमा व पवित्रता पर चोट हो रही है। बाहरी राज्यों से मेहनत मजदूरी करने आए, फेरी का सामान बेचने आए व रेहड़ी फड़ी, छाबा आदि लगाकर सामान बेचने वाले लोगों की महिलाएं व बच्चे शहर में मंदिर में व अन्य सार्वजनिक स्थलों में भीख मांग कर लोगों को परेशान कर रहे हैं। बाहर से आने वाले यात्रियों को परेशान करते हैं। उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं। मंदिर के साथ दुकान कर रहे फीनू राम ने कहा कि यदि यात्री उनको पैसे न दें तो यह लड़कियों यात्रियों से लड़ाई करने लग पड़ती हैं उनको श्राप देने का ढोंग करने लग पड़ती हैं, जिससे यहां की पवित्रता पर बुरा असर पड़ता है यात्रियों की श्रद्धा, आस्था व भक्ति भावना पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इस संदर्भ में नगर परिषद ज्वालामुखी की अध्यक्ष अनिल प्रभा शर्मा ने कहा कि शहर में बढ़ी भिखारियों की संख्या निश्चित रूप से बड़ी समस्या बनती जा रही है। इस संदर्भ में थाना प्रभारी सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि उनके ध्यान में भी यह बात आई है कि कुछ नौजवान लड़कियां भी मंदिर के पास भीख मांगती है, जो समाज के लिए बुरी बात है। पुलिस विभाग इस विषय में जरूर कार्रवाई करेगा, ताकि इस प्रवृत्ति को दूर किया जा सके।

लव, धोखा फिर सबक

ज्वालामुखी ,11 मई (विजयेन्दर शर्मा)।ज्वालामुखी में इन दिनों एक युवती की प्रेम कहानी खासी चरचा में है, दरअसल यह युवती हिमाचली नहीं । कशमीरी है। वह अपनी पढई के सिलसिले में हिमाचल आई तो उसने हमीरपुर के ही एक शिक्षण संस्थान में दाखिला लिया व हमीरपुर में ही रहने लगी।  इस बीच ज्वालामुखी के ही एक युवक से उसकी आंखे दो चार हुईं। प्रेमपाश में बंधी युवती ज्वालामुखी युवक के घर आ गई। व वहां पेईंग गैस्ट के तौर पर रहने लगी। हालांकि युवक कुछ नहीं करता था। लेकिन प्रेम परवान चढ़ा।  इस बीच युवक ने अपनी प्रेमिका की विडियो क्लििंपंग  धोखे से तैयार कर ली थी।  यही वजह थी कि दोनों के संबन्धों में खटास आ गई।  लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई । युवती अपनी नौकरी के सिलसिले में जब वापिस काशमीर चली गई तो उसे एक कंपनी से विदेश जाने का आफर मिल गया।  इससे पहले कि पासपोर्ट बनता युवती फिर मुसिबत में फंस गई। दरअसल उसके सारे दस्तावेज उसी युवक के पास थे, लेकिन युवक उन्हें वापिस देने में आनाकानी करने लगा व धमकी देने लगा कि वह उसकी विडिया फुटेज को भी सोशल मिडिया में डाल देगा। लेकिन युवती दवाब के आगे झुकी नहीं। उसने पहले अपने परिजनों को बात बताई, परिवार के लोगों के माध्यम से बात जम्मू काशमीर के एक नामी गिरोह तक बात पहुंची  तो युवती को इंसाफ दिलाने का बीड़ा उन लोगों ने उठाया जो लोग आज तक लोगों की नजर में आसामाजिक थे।  यह लोग ज्वालामुखी आये व युवक को तुरंत सब कुछ ठीक करने का फरमान सुनाया, युवक को जब उन लोगों की असलियत पता चली तो हेकड़ी चली गई।  चंद ही पलो में युवक ने वह सब कुछ उनके हवाले कर दिया। जिसकी युवती को जरूरत थी। 

ज्वालामुखी मंदिर में चढ़ावे की चोरी का मामला
  • कांगड़ा के जिलाधीश ने जांच की रिपोर्ट भाषा एवं संस्कृति विभाग और राजस्व विभाग को सौंपी

ज्वालामुखी ,11 मई (विजयेन्दर शर्मा)। प्रदेश के प्रसिद्ध शक्तिपीठ ज्वालामुखी मंदिर में हुए हेरा फेरी मामले में विभागीय जांच शुरू हो गई है। कांगड़ा के जिलाधीश ने जांच की रिपोर्ट भाषा एवं संस्कृति विभाग और राजस्व विभाग को सौंपी है। जिलाधीश द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट में सीसीटीवी की फुटेज सहित कर्मचारियों के बयान और मंदिर से संबंधित दस्तावेज दोनों विभागों को सौंपे गए हैं। इसी जांच रिपोर्ट के तहत विभागों ने कार्रवाई शुरू कर दी है। काबिलेगौर है कि पिछले दिनों ज्वालामुखी मंदिर में चढ़ावे की गणना के दौरान मंदिर अधिकारी को कथित तौर पर बारीदार ने चढ़ावे में गोलमाल करते हुये पकड़ लिया था। व यह सब सी सी टी वी कैमरें में कैद हो गया था। लेकिन मंदिर में चढ़ावे के चोरी के मामले में आज तक मंदिर प्रशासन यह स्पष्ट नहीं कर पाया है कि आखिर उस दिन कितना पैसा चढ़ावे से अपनी जेब में मंदिर अधिकारी ने डाला था। हालांकि पहले कहा जा रहा था कि यह रकम 2500 रूपये थी, लेकिन पुख्ता सूत्र बताते हैं कि यह रकम 7200 रूपये थी। देहरा के एस डी एम रिर्पोट को सार्वजनिक करने से कतराते रहे हैं। वहीं इस सब के पीछे चरचा यह भी है कि  पिछले दिनों मंदिर में जब एक किलो सोने का एक छत्र दिल्ली के एक श्रद्धालु ने चढ़ाया था तो उसे बाकायदा ंमदिर के खजाने में सीलबंद करके रख लिया गया। लेकिन बाद में दूसरे दिन इसी मंदिर अधिकारी की विशेष  कृपा से यह छत्र बाहर आ गया। कानूनन इसकी सील नहीं तोड़ी जा सकती थी। लेकिन तोड़ी गई। इस दौरान इसे बदला भी जा सकता था। कुछ निहित स्वार्र्थी तत्व ऐसा चाहते थे। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। व यहीं से अगली कहानी की शुरूआत हो गई। सारी घटना की टाईमिंग को लेकर यही सवाल उठ रहे हैं। कि आखिर दोषी   पहले क्यों नहीं पकड़ा गया।  शिकायत के आधार पर जिलाधीश ने इस मामले की जांच शुरू कर दी थी। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मंदिर के कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया है। जांच रिपोर्ट में सीसीटीवी फुटेज में कर्मचारी को दानपात्र से पैसे निकालते हुए देखा गया, इसी की बिनाह पर उस कर्मचारी को तुरंत नौकरी से निलंबित कर दिया गया।  बताया जा रहा है कि आरोपी मंदिर अधिकारी की सेवानिवृत्ति के केवल सात दिन ही बचे थे, लेकिन प्रशासन ने तुरंत मामले पर कार्रवाई करते हुए उसे निलंबन के आदेश जारी कर दिए। गौरतलब है कि ज्वालामुखी शक्तिपीठ में तैनात पदाधिकारी द्वारा कथित तौर पर गणना के दौरान हेरा फेरी की गई थी। इसमें हर दिन की तरह पुजारी दानपात्र से पैसे निकाल कर गिन रहा था। गणनाकक्ष के नियमों के मुताबिक चढ़ावे का हिसाब गिनने से पहले एंट्री में हरेक व्यक्ति के अंदर जाने या बाहर निकलने के समय की जांच समय पर होती है। जांच के दौरान कक्ष से बाहर किसी भी व्यक्ति को मोबाइल, नकदी, आभूषण लाने व ले जाने पर पाबंदी है, लेकिन चढ़ावे की गणना के दिन मंदिर अधिकारी को सीसीटीवी कैमरे में पैसे ले जाते हुए देखा गया, जिसकी शिकायत जिलाधीश को की गई। इस पर जिलाधीश ने जांच कार्य शुरू कर दिया। ब्राहम्ण सभा  के संयोजक वी के उपमन्यु ने कहा है कि मंदिरों में तहसीलदार स्तर के अधिकारी अपनी सेवायें बेहतर तरीके से नहीं दे पाये हैं। चूंकि तहसीलदार के पास मानव संसाधन का कोई तुर्जबा नहीं होता।  लिहाजा मंदिरों में रिटायर्ड एच ए एस अधिकारी लगाये जायें जिनका सेवाकाल बेहतर रहा हो व वह लोग मूर्ति पूजा में विशवास रखते हों। बकौल उनके इस त्रिकोणीय व्यवस्था से सुधार नहीं बिगाड़ हो रहा है।  उन्होंने कहा कि मंदिरों को एक ही महकमें के आधीन लाया जाना चाहिये।  इस बीच ज्वालामुखी के विधायक संजय रतन ने कहा कि इस मामले की पूरी जांच की जायेगी ताकि सच्चाई सामने आ सके। उन्होंने कहा कि उन्होंने विधायक बनने के बाद हाल ही में मंदिर परिसर में करीब दो दर्जन सी सी टी वी कैमरे लगवायें हैं, लिहाजा कहीं भी हेराफेरी की कोई गुंजाईश नहीं है। फिर भी कोई ऐसा कुछ करता है तो वह बच नहीं सकता। संजय रतन ने दावा किया कि पिछले एक साल में मंदिर व्यवस्था में निरंतर सुधार हो रहा है। व कई विकास कार्य चल रहे हैं। श्रद्धालुओं के पैसे का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। महज एक मामले से ही पूरी व्यवस्था को ही गलत नहीं ठहराया जा सकता।

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