बांग्लादेश से निर्वासित लेखिका तसलीमा नसरीन को स्तन कैंसर का खतरा है। न्यूयार्क के एक अस्पताल में जांच के बाद इस बीमारी का खुलासा हुआ। एक वेब साईट की रपट के अनुसार, चिकित्सकों ने पाया है कि तसलीमा को बड़ा ट्यूमर है और उन्हें बायोप्सी कराने की सलाह दी। बायोप्सी रिपोर्ट 12 मई को आ सकती है।
रपट के अनुसार, इस बीमारी के बारे में पता चलने पर तसलीमा चिंतित हो गई हैं, क्योंकि उनकी मां की मौत कैंसर से हुई थी और उनका एक भाई न्यूयार्क में कैंसर का इलाज करा रहा है। तसलीमा ने ट्वीट के जरिए अपनी चिंता जाहिर की है और कहा है कि उन्होंने बायोप्सी के तत्काल बाद न्यूयार्क के पैराडाइज रेस्तरां में भोजन में हैदराबादी बिरयानी ली। तसलीमा भारत की भीषण गर्मी से बचने के लिए एक सप्ताह पूर्व न्यूयार्क पहुंची थीं।
तसलीमा खुद चिकित्सक हैं और उन्होंने 1986 में मायमेनसिंह मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी। चिकित्सक के रूप में अपनी सेवाएं देते रहने के साथ उन्होंने लेखन का अपना शौक भी जारी रखा। उनका उपन्यास लज्जा जैसे ही बाजार में आया, वह कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गईं और उन्हें 1998 में बांग्लादेश छोड़ना पड़ा था। उसके बाद से ही वह भारत और कई पश्चिमी देशों में निवास कर रही हैं।