कलयुग में गाय ने सत्य-ईमान, धर्म का पाठ पढ़ाया हनुमान जी प्रतिमा के समक्ष !
छतरपुर - कौन कहता भगवान नही है , सत्य नही है, धर्म नही है ? बर्तमान समय में मानव अपने लोभ , अहंकार व प्रभाव में सब कुछ भूल रहा है लेकिन प्रकृति की संरचना में ष्षामिल पषु जो भारत की धरोधर माॅ के स्वरूप में गौ माता गाय है, उसने दो परिवारों को संगीन अपराधों से मुक्ति तो दिला ही दी साथ ही समाज को एक ऐसा संदेष दिया जिससे लोगों को गाय की उपयोगिता का धर्म का पाठ भी पढ़ने केलिए एक मिषाल बन कर सामने आ सकती है ।
हुआ यूॅ कि नौगाॅव सामूदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के सामने तिवारी मेडीकल के संचालक देवनारायण त्रिपाठी के पुत्र कृष्ण मोहन त्रिपाठी उर्फ चंगे गौ सेवा में लगे रहते है उन्हे गाय पालने एवं गाय सेवा करने का ष्षौक है इसी कारण अपने आवासीय मकान में 3 गाय को रखकर उनकी सेवा करते है तथा गाय के दूध का पूरे घर परिवार में उपयोग करते है साथ ही मल मूत्र को औषधी के रूपमें उपयोग करते है । उनकी एक गाय (बछियाॅ) कुछ समय से लापता हो गई , जिसकी खोजबीन करने के बाद पता चला कि नौगाॅव के ही वार्ड 7 में रहने बाले बबलू रिछारिया पिता श्री महादेव प्रसाद नि0 महुॅवाबाॅध हाल नौगाॅव के पास उनकी बछिया उम्र 3 साल बंधी है उन्होने बबलू महाराज से अपनी दावेदारी पैष की लेकिन उन्होने बछिया देने से मना किया यह प्रकरण नौगाॅव नगर निरीक्षक श्री डी डी आजाद के पास पहुॅचा जहां उन्होने आवेदन लेकर जाॅच प्रधान आरक्षक को दी , जाॅच में दोनो पक्षों को थाना में बुलाया गया, जिसमें बबलू रिछारिया व उनके समर्थक सेवानिवृत थाना प्रभारी लक्षमी प्रसाद तिवारी , सेवानिवृत लिपिक हरदेव लटोरिया, किसान संतोष यादव , बबलू जडि़या थाना पहुॅचे वही कृष्ण मोहन त्रिपाठी ने पुलिस के समक्ष कहा कि हमारे तो भगवान श्री कृष्ण साक्षी है जिस पर नगर निरीक्षक डी0डी0 आजाद ने नौगाॅव के बरिष्ठ पत्रकार संतोष गंगेले के समक्ष यह तय किया कि यदि बलिया जिसकी भी होगी , वही निर्णय देकर अपने मालिक के पास जायेगी । गाय को े श्री श्री 1008 हनुमान मंदिर के समक्ष खड़ा कर दो बछिया को बंधन से छोड़ दिया । गाय बंधन से मुक्त हेाते ही अपने मालिक के पास पहुॅच गई , पाॅलीटैकनिक हनुमान जी मंदिर के पुजारी ने गाय का तिलक किया, तथा दोनो का तिलक का आपस में तालमेल व ष्षाॅति पूर्वक जीवन जीने का संदेष दिया । गाय के मालिक ने नगर निरीक्षक के इस निर्णय को भगवान का फैसला बताते हुए धन्यवाद दिया और गाय को छोड़कर अपने घर चला । कुछ समय बाद गाय कृष्ण मोहन त्रिपाठी के घर स्वयं पहुॅच गई । इस घटना को कबरेज करने जब पत्रकार संतोष गंगेले ने दोनो लोगों को समझाकर प्रेम पूर्वक रहने का मार्ग बताया ।
नगर निरीक्षक डी0डी0 आजाद ने बताया कि कुछ घटनाए इस प्रकार की पुलिस के पास आ जाती है जिन्हे हम कानून से नही आपस समझौता से न्याय प्रदान करा देते है, सत्य व झूठ के सहारे लोगों को न्याय भी मिल सकता है । यदि व्यक्ति सत्य का सहारा लेकर अपना जीवन जीना सीख ले तो अपने आप झूठी रिपोर्ट व अपराध कम हो जायेगे ।