मध्य प्रदेश की एक दलित महिला द्वारा शौचालय के लिए अपने पति और परिवार के खिलाफ बगावत करने के लिए सुलभ इंटरनेशनल ने रविवार को उसे दो लाख रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की। इस विद्रोह ने उसके विवाह को खतरे में डाल दिया। खुले में शौच से परेशान होकर मध्य प्रदेश के देवास जिले के मुंडलना गांव की एक दलित महिला सविता ने अपने पति देवकरन पर घर में एक शौचालय बनाने के लिए दबाव डाला।
जब उसकी बात को अनसुना कर दिया गया तो सविता अपने पति के घर से निकल अपने पिता के घर चली गई। इससे उसका विवाह खतरे में पड़ गया। वह तभी अपने पति के घर लौटी जब वहां पर शौचालय का निर्माण हो गया।
सुलभ इंटरनेशनल से जुड़े स्वयंसेवकों ने कहा कि सविता ने भारत के ग्रामीण इलाकों की महिलाओं के लिए एक उदाहरण पेश किया है। दलित महिला के साहस को सम्मान प्रदान करते हुए दो लाख रुपये का पुरस्कार घोषित करते हुए सुलभ के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक ने कहा कि पूरी तरह दैनिक मजदूरी पर निर्भर व्यक्ति के लिए ऐसी पहल करना अत्यधिक सराहनीय है।