दिल्ली की एक अदालत ने नवभारत पावर प्राइवेट लिमिटेड को कोयला ब्लॉक आवंटन में सरकारी अधिकारियों की कथित भूमिका के संबंध में महत्वपूर्ण पहलुओं की उचित ढंग से जांच नहीं करने के लिए आज सीबीआई की खिंचाई की।
नवभारत पावर को कोयला ब्लाक आबंटन में सरकारी अधिकारियों की कथित भूमिका के लिए सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में इनके नाम और कंपनी के दो उच्च अधिकारियों के नाम शामिल किए हैं। अदालत ने टिप्पणी की है कि जांच एजेंसी इस चरण में आरोपी नवभारत पावर, उसके प्रबंध निदेशक व वाइस चेयरमैन हरीशचंद्र प्रसाद व कंपनी के चेयरमैन पी़ त्रिविक्रम प्रसाद को समन जारी करने की इच्छुक नहीं थी क्योंकि आरोप पत्र का आधा अधूरे संज्ञान नहीं लिया जा सकता।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट गौरव राव ने यह भी पाया कि जब जांच लंबित है, ऐसे में सीबीआई के आरोप पत्र को संज्ञान में लेना या आरोपी व्यक्तियों को समन जारी करना एक तरह का मजाक होगा।अदालत ने सीबीआई के जांच अधिकारी को 30 अगस्त तक जांच पूरी करने और 30 अगस्त को या इससे पहले एक विस्तृत रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 30 अगस्त को होगी।