गर्मी के दिनों में लू से बचने के उपाय
सीहोर, 13 मई,2014, जिले के नागरिकों को गर्मी के दिनों में लू से बचने के लिये को स्वास्थ्य विभाग सीहोर द्वारा सलाह दी है कि बिना भोजन किये खाली पेट धूप में न निकलें कुछ नास्ता करके घर से निकलें। घर से बाहर धूप में निकलते समय एक दो गिलास जल पीकर बाहर निकलें। ए.सी. कूलर से धूप में निकलते समय कूलर ,ए.सी. बंद करके दस से पन्द्रह मिनट बाद कमरे से धूप में निकले। ऐसा ही धूप से आने के बाद कूलर, एसी तत्काल चालू न करें। कूलर एवं एसी के सामने सीधे न बैंठें। घर से बाहर धूप में जाते समय सर एवं गर्दन को तौलिया से ढंक कर चलें। गर्मी में सूती एवं ढीले कपड़े का उपयोग करें। गर्मी में भोजन के साथ प्याज, नीबू, मटठा, सिकन्जी आदि का सेवन जरूर करें। धूप से निकलते समय आंख में धूप चस्मा का उपयोग करें। गर्मी में लू एवं ताप घात से प्रभावित मरीज को ठंडे पानी की पट्टी करें। पुदीना, प्याज, आग में पका कच्चा आम का शर्बत पीडि़त को दें एवं तुरंत डाक्टर को दिखायें। गर्मी में लू ताप घात से प्रभावित मरीज को निम्न लक्षण दिखाई पडने पर जैसे चक्कर आना, हाथ पैर में ऐठन होना, शरीर एवं पैर के तलबे में जलन होना, मुंह सूखना आदि लक्षण पाये जाने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर डाक्टर की सलाह लेना आवश्यक है।
डेंगू बुखार से बचने के लिये मच्छरदानी में सोयें, नीम की पत्ती का धुआं करें
सीहोर, 13 मई,2014, ¦भीषण गर्मी के इस शुष्क और ऊष्ण मौसम में बीमार होने की आषंका बनी रहती है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा मच्छर जनित डेंगू रोग से बचाव के लिये एडवाईजरी जारी की गई है। डेंगू एक वायरल बुखार है, जो डेन नामक वायरस के कारण फैलता है। यह वायरस एडीज नामक मच्छर के काटने से रोगी व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति मे फैलता है। यह मच्छर दिन के समय काटता है। एडीज मच्छर काले रंग का होता है जिसपर सफेद धब्बे होते है। डेंगू से संक्रमित मरीज को सामान्यतः 102 से 104 डिग्री तक बुखार होता है। जो लगातार 2 से 7 दिन तक रहता है। बुखार के साथ-साथ मरीज को तेज सिरदर्द, आंखो के आस-पास एवं मासपेषियों तथा जोडो में दर्द रहता है। शरीर में चकत्ते भी बनते हैं।
डेंगू बुखार से बचने के लिये क्या करें
शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में घरों मंे आजकल पानी के संचय करने के लिये अक्सर सभी व्यक्ति घरों में पानी कंटेनर में 5 से 7 दिन से ज्यादा रखने लगे है। यह कंटेनर ढके हुए नही रहते है। ऐसे पानी को गौर से देखे, तो इनमें कुछ कीडे (लार्वा) ऊपर-नीचे चलते हुए दिखाई देते है, ये ही आगे चलकर मच्छर बनते है। इसलिए इन्हे बारीक छन्नी से भी निकाला जा सकता है। यह कीडे पानी से बाहर निकालने के बाद स्वतः मर जाते है। ऐसा करके घरों में मच्छरों की उत्पत्ति रोकी जा सकती है।
मच्छरों से कैसे बचें
मच्छरों के काटने से बचनें के लिए जहां तक हो सके पूरी बांह के कपडे पहने। पूरा शरीर ढक कर रखें। मच्छरदानी में सोयें, नीम की पत्ती का धुआं करें। खिडकी दरवाजों में मच्छर जाली लगवायेें।
लार्वा का नाष करें
स्वास्थ्य विभाग द्वारा लार्वा को नष्ट करने के लिए टेमोफाॅस का छिडकाव किया जाता है। वयस्क ऐडीज मच्छर को नष्ट करने के लिए पायरेथम का स्पेस स्प्रे/धुंआ घर के अंदर किया जाता है इससे डेंगु का फैलाव रूकता है। संभावित डेंगु के लक्षणों वाले मरीज के प्रकाष मे आते ही डेंगू के नियंत्रण के लिए रक्त के नमूने तत्काल मेक एलाईजा किट से जांच हेतु भेजा जाता है। डेंगू का सत्यापित होते ही डेंगू का सर्विलेंस रैपिड रिसपोंस टीम प्रतिदिन भेज कर मरीजों का उपचार भारत सरकार की गाईड लाइन के अनुसार के किया जाता है।