भाजपा नेता नरेंद्र मोदी को वीजा देने पर चुप्पी बरकरार रखते हुए अमेरिका ने कहा कि राष्ट्र और सरकार के प्रमुख ए1 वीजा का पात्र होता हैं।
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जेन साकी ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा आईएनए (आव्रजन एवं राष्ट्रीयता कानून) के तहत राष्ट्र और सरकार के प्रमुख ए1 वीजा के लिए पात्र हैं। कोई व्यक्ति अमेरिकी वीजा के लिए अपने आप पात्र नहीं, रिपीट नहीं होता। जेन साकी से मोदी को वीजा जारी करने की संभावनाओं के बारे में पूछा गया। इस पर उनका जवाब था अमेरिकी कानून में राष्ट्र और सरकार के प्रमुखों सहित विदेशी सरकार के अधिकारियों को कुछ पोटेंशियल इनऐडमिसिबिलिटी आधारों पर छूट है।
गौरतलब है कि एग्जिट पोल के नतीजों में संभावना जताई जा रही है कि मोदी की पार्टी भाजपा की अगुवाई में राजग को बहुमत मिलेगा और अगली सरकार उसकी होगी। जेन साकी ने मोदी के वीजा मुद्दे पर सवालों का सीधा जवाब न देते हुए कहा कि अमेरिका नई सरकार के साथ काम करने के लिए उत्सुक है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा हम वीजा आवेदनों के बारे में बात नहीं करते। हम, निर्वाचित होने के बाद नई भारत सरकार के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं। लेकिन मैं कोई कयास लगाने नहीं जा रही हूं...अब तक परिणामों की घोषणा नहीं हुई है।
भारत में संपन्न 16वें लोकसभा चुनाव के नतीजे 16 मई को घोषित होने वाले हैं। वर्ष 2005 में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने मोदी का वीजा निरस्त कर दिया था। इस कार्रवाई का आधार वर्ष 2002 में गुजरात में हुए दंगों के बाद मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन को बताया गया था। अमेरिका ने बार बार कहा कि मोदी के संबंध में उसकी चली आ रही वीजा नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है लेकिन मोदी वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं तथा अन्य आवेदकों की तरह अपने आवेदन की समीक्षा का इंतजार कर सकते हैं।
पिछले साल मोदी की पेन्सिलवानिया विश्वविद्यालय में एक बैठक को वीडियो के जरिये संबोधित करने की योजना भारतीय अमेरिकी प्राध्यापकों तथा छात्रों के विरोध के बाद रद्द कर दी गई थी। बहरहाल, फरवरी में अमेरिकी राजदूत नैन्सी पावेल ने मोदी से अहमदाबाद में मुलाकात की थी और वॉशिंगटन ने अचानक पलटी खाते हुए मोदी के बहिष्कार की समाप्ति का संकेत दिया था। अमेरिकी अधिकारी तब से कहते रहे हैं कि भारत में अगला नेता जो भी निर्वाचित होगा, अमेरिका उसका स्वागत करेगा।