पाकिस्तान ने अपने यहां से बिना कोई कारण बताए दो भारतीय पत्रकारों को निकाल दिया है. पीटीआई के स्नेहेश एलेक्स फिलिप और दि हिंदू की मीना मेनन को पाकिस्तान सरकार की ओर से बीती रात एक लेटर मिला जिसमें उन्हें सूचित किया गया है कि उनका वीजा नहीं बढ़ाया जा रहा है. ये दोनों पत्रकार इस्लामाबाद में करीब नौ महीने से कार्यरत हैं. इस्लामाबाद के इस कदम के मद्देनजर भारत सरकार ने बुधवार को कहा कि वह पाकिस्तान के साथ यह मामला उठाने पर विचार कर रही है.
भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि न तो इस्लामाबाद में पाकिस्तान सरकार और न ही दिल्ली में उसके उच्चायोग ने इस घटनाक्रम के बारे में अवगत कराया. मंत्रालय प्रवक्ता ने यह भी कहा दोनों पत्रकारों को 20 मई तक देश से जाने के लिए कहा गया है और पाकिस्तान की ओर से इसके लिए कोई कारण भी नहीं बताया गया है. दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इस्लामाबाद के इस कदम के बाद शायद ऐसा पहली बार होगा जब भारत और पाकिस्तान दोनों देशों की एक-दूसरे के देश में मीडिया मौजूदगी नहीं होगी.
गौरतलब है कि पाकिस्तान को पत्रकारों के काम करने के सबसे खतरनाक जगह के रूप में जाना जाता है. साथ ही यहां विदेशी पत्रकारों की तुलना में भारतीय पत्रकारों को अपनी गतिविधियों को लेकर अधिक अड़चनों का सामना करना पड़ता है. हालांकि खुद यहां के पत्रकार विदेशी पत्रकारों की तुलना में अधिक खतरों का सामना करते हैं. 2008 में प्रजातांत्रिक सरकार की वापसी के बाद से अब तक कुल 34 पाकिस्तानी पत्रकारों की मौत हो चुकी है लेकिन केवल एक मामले में ही दोषी को सजा दी जा सकी है.