ज्यादातर लोग मान रहे हैं कि सेंटर में स्टेबल गवर्नमेंट बनने पर डॉलर के मुकाबले रुपया नाटकीय ढंग से मजबूत होगा, लेकिन इकनॉमिक टाइम्स के पोल में शामिल सीनियर ट्रेडर्स और ट्रेजरी इकनॉमिस्ट्स इससे इत्तिफाक नहीं रखते। उनका कहना है कि कुछ भी हो जाए आरबीआई अगले साल मार्च तक रुपये को डॉलर के मुकाबले 57 के लेवल से मजबूत नहीं होने देगा। मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 10 महीने के हाई 59.67 पर बंद हुआ था।
ईटी के सर्वेक्षण में शामिल पार्टिसिपेंट्स की अलग-अलग राय है। कुछ लोगों का कहना है कि रुपया बहुत ज्यादा मजबूत होकर 57 तक आ सकता है। इसके उलट कुछ लोगों का कहना है कि यह कमजोर होगा और डॉलर के मुकाबले 67-79 तक जा सकता है। उन्होंने यह सोच तब बनाई है, जब ज्यादातर लोगों को लग रहा है कि इस साल फॉरेक्स इनफ्लो में खासी बढ़ोतरी होगी।
ज्यादातर पार्टिसिपेंट्स का मानना था कि टोटल फॉरेन एक्सचेंज इनफ्लो - एफडीआई और एफआईआई इस फिस्कल इयर में 30 से 50 अरब डॉलर के बीच रह सकता है। इस सर्वेक्षण में शामिल 15 ट्रेडर्स और बैंकों के एग्जेक्यूटिव्स में से सिर्फ चार ने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत होकर 57-58 तक जा सकता है। ज्यादातर का मानना था कि यह 60 से 64 के बीच रहेगा।
एसबीआई के इकनॉमिक रिसर्च डिपार्टमेंट के चीफ इकनॉमिक ऐडवाइजर सौम्या कांति घोष के मुताबिक, 'फॉरन इन्वेस्टमेंट सेंटिमेंट पॉजिटिव है। इससे डोमेस्टिक इन्वेस्टर्स के सेंटिमेंट में सुधार आएगा, लेकिन मैक्रो फैक्टर्स के चेंज होने में वक्त लगेगा।'एसबीआई का अनुमान है कि फिस्कल इयर 2015 में 55 अरब डॉलर का फॉरन फंड इनफ्लो हो सकता है जबकि पिछले फिस्कल के लिए 29 अरब डॉलर इनफ्लो का अनुमान लगाया गया था।
सर्वेक्षण में ज्यादातर पार्टिसिपेंट्स ने कहा कि कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स बेस्ड इन्फ्लेशन घटकर 8 फीसदी से नीचे आ सकती है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर अर्जित पटेल की अगुवाई में कमेटी ने मॉनिटरी पॉलिसी पर अपनी रिपोर्ट में CPI बेस्ड इन्फ्लेशन के लिए यह टारगेट फिक्स किया था। चार पार्टिसिपेंट्स इन्फ्लेशन के 8 फीसदी से ज्यादा रहने की आशंका जता रहे हैं।
इंडिया फॉरेक्स ऐडवाइजर्स के सीईओ अभिषेक गोयनका ने कहा, 'खाने-पीने के सामान और फ्यूल के दाम में बढ़ोतरी के बीच इन्फ्लेशन रेट ऊंचे लेवल पर बनी रह सकती है।'आईडीबीआई बैंक, यस बैंक और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक जैसे फाइनैंशल इंस्टिट्यूशंस को लगता है कि रुपया 58 के लेवल तक मजबूत हो सकता है। इंडिया रेटिंग्स ने डॉलर के मुकाबले रुपये के 57 के लेवल पर रहने का अनुमान लगाया है। क्रेडिट एग्रीकोल सीआईबी जैसे फॉरेन बैंक्स को लगता है कि रुपया इस साल 69.5 तक गिर सकता है, जबकि मॉर्गन स्टैनले और बार्कलेज को यह मार्च तक 66 पर पहुंचता नजर आ रहा है।