यूपी में मोदी की ऐसी लहर चली की बहुजन समाज पार्टी को एक भी सीट नसीब नहीं हुई। ये हश्र उस पार्टी के साथ हुआ जो खुद को दलितों और अल्पसंख्यकों की इकलौती हितैषी होने का दावा करती है। हार की खींज मायावती के चेहरे पार साफ देखी जा सकती है। आज बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि देश की जनता एनडीए को सत्ता देकर पछताएगी। अगर उन्होंने अपने वादों को पूरा नहीं किया, तो हमारी पार्टी इन्हें चैन से नहीं बैठने देगी और हमारी पार्टी यहां की जनता को जागरुक बनाने का भी काम करेगी।
मायावती ने अपनी हार के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि कांग्रेस के खिलाफ जनता का गुस्सा दूसरे दलों को झेलना पड़ा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को यूपी में 58 फीसदी लोगों ने नाकारा है और उन्हें सिर्फ 42 फीसदी वोट मिले हैं। मायावती ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि बीएसपी के खिलाफ सभी ने हाथ मिला लिया था, अमित शाह ने चुनाव को सांप्रदायिक रंग दिया और घिनौने हथकंडे अपनाये। मुस्लिम वोट का बड़ा हिस्सा समाजवादी पार्टी को मिला।
मायावाती ने मोदी पर वार करते हुए कहा कि मोदी की हवा के बावजूद दलित वोटों पर कोई असर नहीं हुआ दलित मेरे साथ चट्टान की तरह खड़े रहे। उन्होंने कहा कि अपर कास्ट और मुसलमान गुमराह हो गए हैं। मायावती ने कहा कि 2009 की तुलना में बीएसपी को ज्यादा वोट मिला है हम नेशनल पार्टी बनकर उभरे हैं। अगर बीजेपी, सपा और कांग्रेस अपने हथकंडे इस्तेमाल नहीं करती, तो हमारी पार्टी केंद्र में बैलेंस ऑफ पॉवर बनकर उभरती।
मायावती ने आगे कहा कि मुसलमान बहुत पछताएगा, मुस्लिम समाज पहले भी भटकता रहा है और फिर आगे पछाताता है। बीजेपी को रोकने के लिए मुस्लिम को अपना वोट नहीं बांटना चाहिए था। मुस्लिम हर चुनाव में अपनी निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। हमारी पार्टी से जुड़े मुस्लिम वर्ग और अन्य पिछड़े लोग गुमराह हो गए हैं, जिससे हमारी पार्टी का खाता नहीं खुला है। मायावती ने मोदी पर वार करते हुए कहा कि बीजेपी का पीएम पद का उम्मीदवार मूल रूप से पिछड़ी जाति का नहीं है। यह पार्टी मंडल कमिशन की रिपोर्ट को लागू करने के खिलाफ है, लेकिन मेरी बात को गंभीरता से नहीं लिया गया। ब्राह्मण समाज के लोग भी बीजेपी के बहकावे में आ गए, जिसकी वजह से हमारी पार्टी को उम्मीद के बराबर सफलता नहीं मिली।