Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all articles
Browse latest Browse all 78528

उत्तराखंड की विस्तृत खबर (17 मई)

$
0
0
ऐतिहासिक हार ने बढ़ाई मुख्यमंत्री की परेशानी
  • हरीश रावत को बहुगुणा शासनकाल में किये गये कुकर्मो का फल पड़ा भोगना 

uttrakhand news
देहरादून,17 मई। उत्तराखंड में मोदी की आंधी ने कांग्रेस की जड़े ही उखाड़ दी है। राज्य में सत्तासीन पार्टी की हार तो संभावित थी लेकिन जितने बड़े अंतर से बीजेपी उम्मीदवारोें ने कांग्रेस को पटखनी दी उससे कांग्रेस सदमे में है। पार्टी के पांचो उम्मीदवारो को बीजेपी के प्रत्याशियों ने लाखों मतों के अंतर से हराया। इस ऐतिहासिक हार के बाद प्रदेश के मुखिया हरीश रावत का सिंहासन भी डोल रहा है। उन पर पार्टी की पराजय की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का दबाब बनाया जा रहा है। हालांकि अभी उनके इस्तीफे की मांग विपक्षी भाजपा की ओर से ही की गई है लेकिन जिस तरह की परिस्थितियां बन रही है उससे स्पष्ट है कि जल्द ही कांग्रेस के अन्दर से भी बगावती बिगुल बजने वाला है। हालांकि अभी तक वे विधायकों की संख्या के हिसाब से कम्फर्ट जोन में हैं। वहीं राजनीतिक जानकारों के कहना है कि हरीश रावत को बहुगुणा शासनकाल में किये गये कुकर्मो का फल भोगना पड़ा है। उनका कहना है 2012 में जब राज्य में विधानसभा चुनाव हुए थे यदि उसी समय हरीश रावत के हाथ प्रदेश की बागडोर होती तो लोकसभा चुनाव के परिणाम कांग्रेस के लिए उत्तराखण्ड में तो कम से कम इतने पीड़ादायक नहीं होते। शुक्रवार को आए 2014 के परिणाम में भाजपा ने कांग्रेस से 2009 की हार का बदला लेते हुए प्रदेश में राज्य का सूपड़ा साफ कर दिया है। इस चुनाव में कांग्रेस के पांचो प्रत्याशी ऐसे हवा हुए जैसे किसी आंधी में सूखा पत्ता। यहां तक कि हरिद्वार सीट पर जिससे खुद मुख्यमंत्री हरीश रावत की पत्नी श्रीमती रेणुका रावत उम्मीदवार थी उन्हें बीजेपी उम्मीदवार ने एक लाख 75 हजार से अधिक मतों से हरा दिया। जबकि मुख्यमंत्री समेत पूरी कांग्रेस इस सीट को लेकर निश्चिंत थी कि इस सीट पर जीतकर कांग्रेस कम से कम राज्य में खाता खोल लेगी। उधर किसी भी कीमत पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार न होने वाले विजय बहुगुणा के बेटे साकेत बहुगुणा को हरीश इस शर्त पर मैदान में उतारे थे कि उसे जिताकर लाएंगे लेकिन मोदी की आंधी में कांग्रेस का सबकुछ स्वाहा गया। साकेत बहुगुणा का राजनीतिक कैरियर शुरू होने से पहले ही समाप्त हो गया है। इसके पीछे राजनीतिक विश्लेषक बहुगुणा शासनकाल में बाप बेटे व इनके मुंह लगे एक अधिकारी की टिकड़ी द्वारा प्रदेश के जल,जंगल और जमीन पर डाका डालने की चर्चाओं ने कांग्रेस का बंटाधार कर दिया। वहीं इस बात से विजय बहुगुणा काफी बौखलाए हुए हैं। चूंकि ऐन लोकसभा चुनाव से पहले हरीश रावत ने कांग्रेस आला कमान पर दबाव डाल कर राज्य में नेतृत्व परिवर्तन करने के लिए मजबूर कर दिया था। कांग्रेस सूत्रों की माने तो हरीश रावत को मुख्यमंत्री का पद दिया ही इसी शर्त पर गया था कि वे राज्य में कांग्रेस के पुराने प्रदर्शन को बनाए रखेंगे। लेकिन अब जिस तरह के राजनीतिक परिवर्तन आए है उन पर इस्तीफे का दबाव बनना शुरू हो गया है। पहल की है पूर्व में कांग्रेस में रहे और अब भाजपा का हिस्सा बन चुके सतपाल महाराज ने। सतपाल महाराज ने पहले ही हरीश रावत पर राज्य सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाते हुए पार्टी से नाता तोड़ लिया था। ताजा हालात का जिम्मेदार हरीश रावत को बताते हुए उन्होंने उनका इस्तीफा मांगा है। जबकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत ने उनको 2009 के लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा देने का आदर्श कायम किया था। भाजपा प्रदेश प्रमुख का कहना है कि  मुख्यमंत्री हरीश रावत को स्वस्थ राजनीतिक परपंरा का पालन करते हुए हार की नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए। कांग्रेस सूत्रों की माने तो आगामी कुछ दिन मुख्यमंत्री के लिए भारी साबित हो सकते है। सीएम पर उनकी पार्टी के अन्दर से ही इस्तीफे का दबाव पड़ सकता है। हालांकि मुख्यमंत्री को इस तरह के परिणाम के बाद सरकार पर आने वाली सियासी आपदा का अनुमान था शायद इसीलिए उन्होंने आचार संहिता के दौरान ही बहुगुणा गुट और सतपाल महाराज गुट के विधायको को आनन फानन में संसदीय सचिव की शपथ दिला दी। उनके इस कदम को पूरी तरह से डैमेज कंट्रोल के लिए उठाया गया माना जा रहा है। मुख्यमंत्री एक दो दिन में अपने मंत्रिमंडल के कुछ साथियों के विभागों में भी बदलाव कर सकते है। इसके माध्यम से वे अपने पास के कुछ मंत्रालयों के भार को कम कर सकते है। सीएम का ध्यान अब पूरी तरह से अपनी सरकार को बचाने और किसी भी सीट पर चुनाव लड़ विधानसभा की सदस्यता लेने पर है। भाजपा सूत्रों की माने तो भाजपा कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए तैयार थी लेकिन पिछले दिनों विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट द्वारा सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव इसके आड़े आ रहा है। चूंकी अविश्वास प्रस्ताव सदन में गिर गया था और हरीश ने बहुमत साबित कर दिया था इसलिए छह महीने के पहले दोबारा से अविश्वास प्रस्ताव लाया नहीं जा सकता। इसे देखते हुए भाजपा अभी वेट एंड वाॅच की स्थिति में है। बहरहाल जिस तरह के संकेत मिल रहे है जल्द ही राजनीतिक अस्थिरता के लिए कुख्यात उत्तराखंड एक बार फिर से राजनीतिक प्रयोगशाला बन सकता है और यहां नए नए प्रयोग हो सकते है। 

इंदिरा ह्रदयेश एंव प्रीतम का बढा कद

देहरादून, 17 मई,(निस)। अपनी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस लोकसभा प्रत्याशियों को अच्छे वोट दिलाने पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के दो मंत्रियों का कद बढा दिया है। शनिवार को उत्तराखण्ड कार्य (बंटवारा) नियमावली, 2003 के नियम-3 के अधीन मुख्यमंत्री तथा मंत्रीगण के कार्य विभागों और उन्हें आवंटित विभागों एवं विषयों के सम्बन्ध में गोपन (मंत्रिपरिषद) अनुभाग की एतद्विषयक समसंख्यक अधिसूचना  4 मार्च, 2014 में आंशिक संशोधन करते हुए मुख्यमंत्री को आवंटित औद्योगिक विकास विभाग के अंतर्गत समाहित खनन विभाग मुख्यमंत्री को, औद्योगिक विकास विभाग (अवशेष) मंत्री श्रीमती इन्दिरा हृदयेश को एवं आवास विभाग मंत्री प्रीतम सिंह पंवार को आवंटित करने के निर्देश दिये हैं। 

मोदी के पक्ष में खिले कमल की खुशबु की सुगंध ने तीर्थयात्रियों को किया उत्साहित

देहरादून, 17 मई,(निस)।  देश में हुए 16 वीं लोकसभा चुनाव की भारी तपीश में भारतीय जनतापार्टी के पक्ष में खिले कमल के फूलों की खुशबू की सुगंध जैसे ही तीर्थनगरी सहित गढ़वाल की यात्रा पर पहुंचे गुजरात सहित देश के विभिन्न प्रान्तों श्रद्धालुओं को पता चला कि भाजपा के घोषित प्रधानमंत्री के दावेदार मोदी को भारी बहुमत प्राप्त हो गया है उन्होने  जहां थे वहीं मोदी के लिए शुभकामनाओं के साथ ऋषिकेश के तमाम घाटों पर उनकी लम्बी दीर्घायू की कामना के लिए हवन पूजन व गंगा आरती की । वहीं चारों धामों में भी मोदी की जीत के बाद यात्रियों ने हर-हर मोदी के नारे गुंजायमान किये। उधर पहाड़ों में पिछले दिनों  भारी वर्षा व बर्फबारी से राहत के बाद चल रही ठण्डी हवाओं के बीच विख्यात चारधामों की यात्रा के लिए काफी संख्या में यात्रीयों ने रूख करना शुरू कर दिया। जिसके चलते ऋषिकेश से भी आधा दर्जन बसें व छोटे वाहन रवाना हुए। जिनके रवाना होने के बाद सैकड़ों की संख्या में यात्रियों ने ऋषिकेश के बायोमैट्रिक पंजीकरण कार्यालय पर अपना पंजीकरण करवाकर यात्रा प्रशासन को राहत पहुंचाने का कार्य किया है। जिन्हे लेकर संयुक्त रोटेशन से जुड़े परिवहन स्वामियों में भी हर्ष देखा जा रहा है। उधर केदारनाथ के लिए प्रारम्भ होने वाली यात्रियों की सुविधार्थ हवाई पवन हंस सेवा को हरी झण्डी प्रशासन की आर से न मिलने के कारण प्रारम्भ नहीं हो सकी है। वहीं ऋषिकेश संयुक्त बस अडडे से आधा दर्जन  बसें व छोटे वाहन चार धामों के लिए रवाना हुये।  यात्रा संगठक के प्रभारी एके श्रीवास्तव के अनुसार बायोमैट्रिक पंजीकरण कार्यालय मे आज ऋषिकेश में 800 नारसन में 60 , हरिद्वार मे 18 गुप्तकाशी में 100 जानकीचटटी मे 217 व सोनप्रयाग मे 35 यात्रियों ने चार धाम के लिए अपना पंजीकरण कराया। 

एसआई ने खोला डीजीपी के खिलाफ मोर्चा, बीएस सिद्धू को बताया भूमाफिया

देहरादून, 17 मई,(निस)। राजपुर रोड स्थित वीरगिर वाली में वन विभाग की भूमि पर पेड़ो के कटान के विवादित मामले की जांच करने वाले उप निरीक्षक निर्विकार ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक पर गंभीर आरोप लगाये है। उन्होंने कहा कि डीजीपी ने अपने पद का दुरूपयोग किया है। शनिवार को प्रिंस चैक स्थित एक होटल में पत्रकारों से रूबरू होते हुए उपनिरीक्षक निर्विकार ने पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धु का तनाशाह बताया है। उन्होनंे कहा कि डीजीपी वन विभाग के पेड़ काटने में दो मामले में आरोपी है। वह जांच अधिकारियों पर दबाव बनाकर अपने बचाव के रास्ते तलाश रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह शासन या पुलिस विभाग की किसी नीति का विरोध नहीं कर रहे है। वह तो केवल डीजीपी पद पर बैठे बीएस सिद्धु का एक अधिकारी जिसने अपने पद का दुरूपयोग किया है। उन्होंने डीजीपी का भूमाफिया बताते हुए कहा कि वह केवल अभिलेखों के आधार पर बात कर रहे हैं। वह डीजीपी बीएस सिद्धू के पद के दुरूपयोग के मामले को उच्चाधिकारियों के सामने लाना चाहते है। उन्होंने बताया कि थाना राजपुर में डीजीपी के खिलाफ वन विभाग के पेड़ काटने के दर्ज मामलों की निष्पक्ष जांच होने तक और राष्ट्रीय हरित अभिकरण, अधिवक्ता महासंघ के सचिव बनाम आईपीएस अधिकारी बीएस सिद्धू के मामले में 8 मई को डीजीपी सिद्धू को अभिकरण ने दो सप्ताह में  अपना शपथ पत्र दाखिल करने के आदेश देते हुए अंतिम सुनावाई 28 मई निर्धारित की है। उन्होंने बताया कि इस मामले में बीएस सिद्धू के अधिवक्ता की ओर से अभिकरण के समक्ष  ये दावा किया गया है कि सम्बन्धित आरक्षित वन क्षेत्र की भूमि के वह रजिस्ट्रड़ बैनामे के  आधार पर पंजीकृत स्वामी है। जबकि सूचना के अनुसार वर्ष 2013 में ही उन्होंने अपना  रजिस्ट्रड बैनामा जिलाधिकारी देहरादून के समक्ष यह कहते हुए सरेंड़र कर दिया था कि  सम्बन्धित भूमि को किन्हीं व्यक्तियों द्वारा उन्हें धोखे में रखकर बैनामा करा दिया गया था।  इसलिए बैनामा पर स्टाम्प के रूप में खर्च की गयी धनराशि वापस कर दी जाये। जबकि  उक्त भूमि पर वर्ष 1970 से वन विभाग का ही कब्जा है जिसका सितम्बर 2013 में दाखिल खारिज भी बीएस सिद्धू के नाम से वन विभाग के नाम पर दर्ज हो गया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सूत्रों से पता चला है कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेड़ कटवाने के दो मामले विचाराधीन होने के आधार पर सिद्धू अपने पद से त्याग पत्र देकर उपचार के लिए न्यायालय व अभिकरण से अनुमति लेकर विदेश जाने की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन शायद ही वह ऐसा कर पाये। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिस तरह से यह पूरा प्रकरण सामने आया हैै। उससे ऐसा लगता है कि एक बड़े पद पर होते हुए कोई भी अधिकारी कुछ भी कर सकता है उसके लिए कानून भी कुछ नहीं है। बडे़ पद पर रहकर भू- माफियाओं जैसा अपराध करते इस धारणा और विश्वास को ध्वस्त करने का काम किया है कि कानून से बड़ा कोई नहीं है।  

देवभूमि में देव संस्कृति, साधु संस्कृति व हिन्दु संस्कृति का वास है: मुख्यमंत्री

देहरादून, 17 मई,(निस)। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शनिवार को नगर निगम सभागार में श्री विश्वनाथ जगदीशिला डोली की 15वीं रथयात्रा का स्वागत करते हुए कहा कि नन्दादेवी राज जात की तरह यह रथयात्रा भी जन जीवन से जुड़ा धार्मिक कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि श्री विश्वनाथ जगदीशिला डोली रथ यात्रा के आयोजन के लिये वार्षिक अनुदान स्वीकृत किया जायेगा तथा यात्रा मार्ग की सड़कों की मरम्मत के लिये भी धनराशि उपलब्ध करायी जोयगी। उन्होंने कहा कि 23 दिन की इस यात्रा में सभी तीर्थों को जोड़ने का प्रयास किया गया है। इसके लिये उन्होंने यात्रा के संयोजक मंत्री प्रसाद नैथानी के प्रयासों की सराहना की उन्होंने कहा कि यात्रा से जुड़े स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा। देवभूमि में देव संस्कृति, साधु संस्कृति व हिन्दु संस्कृति का वास है यहां के धार्मिक स्थलों के रख रखाव आदि के लिये अलग से विभाग बनाया गया है तथा अलग सचिव को इसका दायित्व सौंपा गया है। संस्कृत शिक्षा व उसके प्रसार के लिये संस्कृत शिक्षा विभाग का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के धार्मिक स्थलों, मेलो आदि को दिग्दर्शित करने के लिये भी प्रयास किये जा रहे है तथा प्रयास किया जा रहा है कि तकनीकि विकास के क्रम में इनका स्वरूप बिगडने न पाये। उन्होेंने कहा कि चारधाम यात्रा को सुनिश्चित ढ़ंग से संचालित करने के लिये हम प्रयास कर रहे है। यह यात्रा हमारे स्वाभिमान व अर्थव्यवस्था से जुड़ी है। कार्यक्रम के दौरान शिक्षा मंत्री एवं रथ यात्रा के संयोजक मंत्री प्रसाद नैथानी ने श्री विश्वनाथ-जगदीशिला डोली रथ यात्रा के विषय में बताया कि यह डोली रथ यात्रा विश्व शान्ति एवं देव संस्कृति के उत्थान हेतु श्री गुरू वरिष्ठ एवं व्यवहारिक वेदान्त के धनी स्वामी रामतीर्थ की तपस्थली विशोन पर्वत से वर्ष 2000 से प्रारम्भ हुई। उन्होंने कहा कि यह रथ यात्रा प्रतिवर्ष गंगा दशहरा से पूर्व विशोन पर्वत ग्यारह गांव हिन्दाव, जिला टिहरी गढ़वाल से आरम्भ होती है। 12 वर्षाें  तक डोली ने गढ़वाल मण्डल भ्रमण किया तथा अब विगत वर्ष 2012 से 12 वर्षाें तक सम्पूर्ण उत्तराखण्ड में विश्वनाथ-जगदीशिला डोली आशीर्वाद देने हेतु भ्रमण करेगी। इसी क्रम मंे इस वर्ष भी 17 मई 2014 से डोली हरिद्वार से प्रस्थान कर   8 जून, 2014 को गंगा दशहरा के पावन पर्व पर वापस विशोन पर्वत पहुंचेगी। कार्यक्रम का संचालन श्री विश्वनाथ-जगदीशिला डोली रथ यात्रा पर्यटन विकास समिति के संचालक डाॅ. सी.पी. घिल्डियाल ने किया। इस अवसर पर विधान सभा उपाध्यक्ष अनुसूया प्रसाद मैखुरी, कबीना मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल, मेयर देहरादून विनोद चमोली, दायित्वधारी अशोक वर्मा, सपा नेता विनोद बड़थ्वाल के साथ ही श्री विश्वनाथ-जगदीशिला डोली रथ यात्रा पर्यटन विकास समिति के सदस्य उपस्थित थे।

कांग्रेस के कुशासन के खिलाफ थी लहर:यूकेडी

देहरादून, 17 मई,(निस)। उत्तराखंड क्रांति दल ने कहा है कि भ्रष्टाचार, घोटालेबाजी और बढ़ती महंगाई से अजीज आ चुकी जनता ने कांग्रेस के कुशासन के खिलाफ भाजपा को बढ़त दिलायी है।  उक्रांद के मीडिया प्रभारी मनमोहन लखेड़ा ने एक बयान मंे कहा है कि इस बार जनता ने हिन्दू, मुस्लिम और जाति के आधार पर राजनीति करने वाली पार्टियों को भी सबक सिखाया है लेकिन साफ सुथरी छवि और जनता के बीच विकास की राजनीति करने वाले क्षेत्रीय दलों तथा निर्दलीय प्रत्याशियों को जिताकर यह जातने का प्रयास भी किया है कि देश मंे कोई मोदी लहर नहीं बह रही है बल्कि  कांग्रेस के कुशासन ने भाजपा को बढ़त मिली है। लखेड़ा ने कहा कि 2009 के लोकसभा चुनाव मंे भी  क्षेत्रीय दल और अन्य पार्टियां 150 के लगभग सांसद भेजने में सफल रही और इस चुनाव मंे भी क्षेत्रीय दल और अन्य पार्टियां लगभग 147 सांसद भेजने में सफल रहे, इससे साफ जाहिर होता है कि जहां-जहां भाजपा को जीत मिली वहां-वहां कांग्रेस के कुशासन के खिलाफ  लोगों ने अपना मत दिया। लखेड़ा ने कहा कि भाजपा भावनात्मक और सुन्दर नारे देने मंे माहिर हैं लेकिन  ‘‘ अब अच्छे दिन आने वाले हैं’’ कह देने के बजाय जनता ने अच्छे दिन लाने का जिम्मा भाजपा को सौंप दिया है।

14 उम्मीदवार हजार की संख्या को भी नहीं छू पाए, 
  • हरिद्वार लोकसभा सीट पर हैं ऐसे सर्वाधिक 10 प्रत्याशी 


देहरादून,17 मई। उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव में 74 में से 14 उम्मीदवार ऐसे भी निकले जो कि हजार की संख्या को भी नहीं छू पाए। ऐसे उम्मीदवारों की संख्या सबसे अधिक हरिद्वार लोकसभा सीट पर रही। इस सीट पर 10 उम्मीदवार सैकड़ा पर ही सिमट गए। इसके अलावा टिहरी लोकसभा सीट पर 3 उम्मीदवार और नैनीताल-उधमसिंहनगर लोकसभा सीट पर 1 उम्मीदवार हजार की संख्या को नहीं छू पाए। उत्तराखंड में पांच लोकसभा सीटों पर विभिन्न दलों के 74 प्रत्याशी चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे थे। हरिद्वार लोस सीट पर सर्वाधिक 24 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। इन 24 उम्मीदवारों में से दस उम्मीदवार सैकड़ा से आगे नहीं बढ़ पाए। हरिद्वार लोस सीट पर सबसे कम वोट 440 आॅल इंडिया माइनोरिटी फ्रंट के उम्मीदवार परवेज आॅल को मिले। अखिल भारतीय मुस्लिम लीग सेक्यूलर के जावेद को 597 मत पर ही संतोष करना पड़ा। पूर्वांचल राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रत्याशी वीके कंपानी को 616 मतों पर सिमटना पड़ा। बहुजन मुक्ति पार्टी के मुकेश सैनी को 637 मत मिले। हिंदुस्तान क्रांति दल के प्रत्याशी आनंद कुमार वर्मा को 698 वोट पड़े। निर्दलीय उम्मीदवार प्रमोद राणा को 749 मत, सुनील को 797 मत, नया दौर पार्टी के उम्मीदवार संजय गोयल को 890 मत, शिवसेना के विशाल चैधरी को 972 मत और निर्दलीय उम्मीदवार राकेश को 990 मतों पर संतोष करना पड़ा। नैनीताल-उधमसिंहनगर लोकसभा सीट पर भारतीय चैतन्य पार्टी के उम्मीदवार खाष्टी सुयाल को 802 मतों पर संतोष करना पड़ा। टिहरी गढ़वाल लोकसभा सीट पर भारतीय मूल निवासी समाज पार्टी के उम्मीदवार जौहरी लाल सुमन को 877 मत पड़े। नया दौर पार्टी के सत्येंद्र शर्मा को 878 मत और पीस पार्टी के प्रत्याशी हाॅजी मुहम्मद युसूफ को 900 मतों पर संतोष करना पड़ा। 

हरीश रावत नेतिकता के आधार पर दें इस्तीफाःतीरथ

tirath singh rawat
देहरादून,17 मई,(निस)। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि मोदी की बदलाव की लहर ने पूरे देश से कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया है। जनता कांग्रेस को सत्ता में नही देखना चाहती यह साफ हो गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री को भी नैतिकता के आधार पर स्तीफा दे देना चाहिए।  शनिवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में तीरथ सिंह सिंह रावत ने कहा कि 6 हजार 40 करोड रूपये आपदा का प्रदेश में आया और इस धन की बंदरबांट की गई है, सरकार आपदा मद में आये धनराशि पर श्वेतपत्र जारी करें, नहीं तो सरकार के खिलाफ आंदोलन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र की कांग्रेस सरकार देश व प्रदेश में महंगाई व भ्रष्टाचार को नियंत्रित नहीं कर पाई जिसके कारण जनता ने भाजपा के पक्ष में जनादेश दिया है और जनता के जनादेश के अनुरूप केन्द्र की सरकार कार्य करेगी। उनका कहना है कि आज जनता ने जातिवाद से उफपर उठकर कांग्रेस के कुशासन के खिलाफ मतदान किया और उत्तराखंड में भी भाजपा की रिकार्ड ऐतिहासिक जीत हुई है। वर्ष 1991 से 1997 के बाद प्रदेश की पांच सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की है और यह सब नरेन्द्र मोदी की लहर के कारण हुआ है। उनका कहना है कि जनता ने प्रधानमंत्री के रूप में मोदी को स्वीकार किया है और मोदी के नाम पर पूरे देश में जनता ने भाजपा को वोट किया। जनता ने भाजपा के साथ ही साथ प्रधानमंत्री को भी वोट किया। उनका कहनाहै कि जिस प्रकार से वर्ष 1984 में भावनाओं के चलते हुए कांग्रेस को ऐतिहासिक जीत मिली, जबकि इस बार जनता ने मुददों व परिवर्तन को जीत दिलाई है।

दून पहंुचने पर खण्डूडी का भव्य स्वागत

देहरादून,17 मई,(निस)। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व नव निर्वाचित लोकसभा सदस्य मेजर जनरल (सेनि) भुवन चन्द्र खंडूडी ने पौडी संसदीय क्षेत्र की जनता का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि उनके स्नेह व आशीर्वाद से उनकी ऐतिहासिक जीत हुई है और वह उनके हमेशा ऋणी  रहेंगे। आज यहां पौडी संसदीय सीट से ऐतिहासिक जीत के साथ जब वह संसदीय क्षेत्र से अपने यमुना कालोनी आवास पर पहंुचे तो वहां पर उपस्थित कार्यकर्ताओं ने फूल मालाओं से उनका स्वागत किया और जीत की बधाई दी। इस दौरान कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने ढोल की थाप पर नृत्य किया और आतिशबाजी की तथा एक दूसरे को मिष्ठान्न खिलाया। इस दौरान पत्रकारों से रूबरू होते हुए खंडूडी ने कहा कि वह पौडी संसदीय क्षेत्र की जनता के आभारी है जिन्होंने
उन्हें ऐतिहासिक जीत दिलाई। उनका कहना है कि प्रदेश ही नहीं देश भर में नरेन्द्र मोदी की लहर थी और जनता ने कांग्रेस के कुशासन व परिवर्तन के लिए मतदान किया, जिसका असर 16 मई को हुई मतगणना में स्पष्ट दिखाई दिया। उनका कहना है कि आज महंगाई व भ्रष्टाचार से जिस प्रकार से जनता त्रस्त थी, और जनता ने देश के प्रधानमंत्री के नाम पर अपना मतदान किया और आज देश भर के साथ ही प्रदेश में भाजपा ने पांचों सीटों पर जीत दर्ज कर कांग्रेस का असली चेहरा सामने ला दिया है।

चुनाव मैनेजमेंट टीम बनी हार का कारण

देहरादून,17 मई,(निस)। हरिद्वार लोकसभा सीट जीतने के लिये मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा बनाई गई मैनेजमेंट टीम ही कांग्रेस प्रत्याशी रेणुका रावत की हार का सबब बना है। मैनेजमेंट से जुड़े लोगों द्वारा कांग्रेस समर्थकों को भाव न देना महंगा पड गया है। यही कारण है कि कांग्रेस प्रत्याशी को करारी हार का सामना करना पडा है। हरिद्वार लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में रेणुका रावत चुनावी रण में कूदी हुई थी। पत्नी के चुनाव लडने से मुख्यमंत्राी हरीश रावत की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई थी। यही कारण भी रहा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चुनाव के दौरान सबसे से अधिक समय हरिद्वार लोकसभा सीट पर ही लगाया है और मतदाताओं को आकर्षित करने के लिये ताबडतोड जनसभाएं भी की। यही नहीं अपनी पत्नी को लोकसभा भेजने के लिये सीएम द्वारा एक मैनेजमेंट टीम गठित की गई। जिसमें अधिकतर बाहरी लोगों को शामिल किया गया। इस टीम में शामिल लोगों को हरिद्वार लोकसभा सीट की भौगोलिक स्थिति की जरा भी जानकारी नहीं थी। हरिद्वार, देहरादून के अलावा रूडकी में चुनाव के दौरान कांग्रेस की मैनेजमेंट टीम मौजूद रही। लेकिन इसमें स्थानीय व कद्दावर नेताओं को शामिल नहीं किया गया। रणनीति बनाने में मैनेजमेंट टीम ने भले ही क्षेत्राीय नेताओं से राय-मशवरा किया हो, लेकिन इन कद्दावर नेताओं के दिये गये मशवरे पर मैनेजमेंट टीम ने अमल नहीं किया। बल्कि कुछ ऐसे सिरफिरे छुटभैये नेताओं के इर्दगिर्द मैनेजमेंट टीम घूमती रही। जिस कारण आम कार्यकर्ता कांग्रेस से कटता रहा। लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी रेणुका रावत को विधानसभावार मिले मतों पर गौर किया जाये तो भगवानपुर, पिरान कलियर, मंगलौर में अव्वल रही तो झबरेडा, रूडकी, खानपुर व लक्सर में बहुत पीछे नगर आई है। रूडकी विधानसभा में मैनेजमेंट टीम होने के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी को बेहद कम वोट मिले हैं। जिससे साफ है कि मैनेजमेंट टीम कांग्रेस प्रत्याशी की लुटिया डुबोने के लिये जिम्मेदार मानी जा रही है। हालांकि इस मामले को लेकर कोई भी कांग्रेसी जबान खोलने को तैयार नहीं है। लेकिन दबी जबान में कांग्रेसी मैनेजमेंट टीम पर कोई कंजूसी नहीं बरत रहे हैं। नाम न छापने की शर्त पर कांग्रेस के एक पदाधिकारी का कहना है कि यदि मैनेजमेंट में बाहरी लोगों की बजाय स्थानीय लोगों को शामिल किया जाता तो चुनावी नतीजा कुछ और ही होता।

Viewing all articles
Browse latest Browse all 78528

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>