Quantcast
Channel: Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)
Viewing all articles
Browse latest Browse all 78528

भटकाव छोड़ें परमसत्ता का आश्रय पाएँ

$
0
0
हर इंसान अपने पुरुषार्थ चतुष्टय की प्राप्ति के लिए निरन्तर प्रयत्नशील रहता है। इनमें कई अपनी प्रतिभाओं, ज्ञान और सामथ्र्य पर भरोसा करते हैं।  कई सारे ऎसे हैं जो भाग्यवादी होकर जीते हैं लेकिन खूब सारे ऎसे हैं जो दूसरों की ऊर्जा और सहारा पाकर  आगे बढ़ना चाहते हैं, इनमें कुछ लोग खुद भी मेहनत करते हैं लेकिन काफी सारे लोग खुद कुछ नहीं करना चाहते बल्कि किसी न किसी शोर्ट कट की तलाश में हमेशा बने रहते हैं और पूरी जिंदगी इधर से उधर भटकते रहने के आदी हो जाते हैं।

दुनिया में वह सब कुछ पाया जा सकता है जिसे दुनिया बनाने वाले ने बनाया है। यह तय मानकर चलना चाहिए कि जो कुछ मिलता है वह परमसत्ता की कृपा से प्राप्त होता है। न कोई इंसान कुछ दे सकता है, न वे लोग जिन्हें हम अधीश्वर मानकर उनकी चरणवंदना और प्रशस्तिगान में लगे रहते हुए परिक्रमाएं करते रहते हैं।

इन सभी की हालत भी हमारी ही तरह है।  ये सारे के सारे भी दिन-रात किसी न किसी से कुछ न कुछ माँगते रहते हैं। लेकिन माँगने का मजा भी तब है जब देने वाला इतने सामथ्र्य से परिपूर्ण हो कि जो माँगो, वही मिल जाए। ऎसा किसी भूत-प्रेत, पितर या बाबाओं की शक्ल में जमा भीड़ से संभव नहीं है। 

जो लोग अपने जीवन में कुछ बनना चाहते हैं, कुछ पाना चाहते हैं या जीवन के सम्पूर्ण आनंद की प्राप्ति चाहते हैं उन्हें चाहिए कि वे सारे भटकाव को छोड़कर परम सत्ता का आश्रय प्राप्त करें और उसी दिशा में चिंतन-मनन करते हुए शुचिता के साथ अपने कत्र्तव्य कर्म करते रहें। 

जीव और ईश्वर के बीच कोई अपने आपको कितना ही सिद्ध और चमत्कारिक माने, यह सब व्यथा है और हमें भरमाने के लिए है। जो लोग पॉवर में हुआ करते हैं, जो हमारे काम आ सकते हैं उन लोगों में भी इतना दम नहीं होता कि वे हमारी हर इच्छा को पूर्ण कर सकें।

इसके साथ ही यह भी मानना चाहिए कि जो लोग ईश्वर और हमारे बीच दूरियां पैदा करते हैं, बीच में फालतू के तंत्र-मंत्र-यंत्र, सिद्धियों, आडम्बरों और भटकाव के पड़ावों पर ठहरा देते हैं, वे सारे के सारे हमारे शत्रु हैं।कुछ न हो सके तो रोजाना कम से कम आधा घण्टा परमसत्ता का ध्यान करें और परमेश्वर से ही प्रार्थना करें, इससे अपने आप कार्यसिद्धि निश्चित है। हमेशा सुप्रीम पॉवर का आश्रय पाने का प्रयास करें, तभी जीवन के सारे लक्ष्यों की सहज प्राप्ति संभव है और वह भी शाश्वत आनंद और आत्मसंतोष के साथ।




live aaryaavart dot com

---डॉ. दीपक आचार्य---
9413306077
dr.deepakaacharya@gmail.com


Viewing all articles
Browse latest Browse all 78528

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>