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देश का 29वां राज्य बनने को तैयार तेलंगाना

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Telangana
तेलंगाना रविवार मध्य रात्रि को देश के 29वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आने को तैयार है। तेलंगाना समर्थकों ने इसके लिए भव्य जश्न की तैयारी कर ली है। पृथक राज्य की मांग को लेकर अभियान चलाने वाली और सोमवार को तेलंगाना में पहली सरकार बनाने जा रही तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने पूरे हैदराबाद को गुलाबी रंग से रंग दिया है, जो कि पार्टी के झंडे का रंग है। टीआरएस नेताओं ने कहा कि रात 12 बजते ही जश्न शुरू हो जाएगा। मुंबई से खासतौर से मंगाई गई आतिशबाजियां हैदराबाद के 120 मुख्य चौराहों और सड़कों पर जलाई जाएंगी। 

तेलंगाना राज्य का आधिकारिक गीत विभिन्न स्थानों, मुख्यत: हुसैन सागर लेक से लगे टैंक बंद और नेकलेस रोड पर बजाया जाएगा, जो हैदराबाद और सिकंदराबाद शहर को अलग करता है। ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (जीएचएमसी) ऐतिहासिक स्थलों चारमीनार, गोलकोंडा किला, विधानसभा और जुबली हॉल को रोशन करेगा। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश दो हिस्सों में बंट जाएगा। 

तेलंगाना में हैदराबाद सहित 10 जिले होंगे, जबकि शेष आंध्र प्रदेश में 13 जिले होंगे। हैदराबाद अगले 10 सालों तक दोनों राज्यों की राजधानी रहेगी। सोमवार का दिन ऐतिहासिक होगा और ई.एस.एल नरसिम्हन तेलंगाना के राज्यपाल के रूप में शपथ लेंगे और फिर के.चंद्रशेखर राव को राज्य के पहले मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।

राव की पार्टी टीआरएस को 119 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत प्राप्त है, और वह सुबह 8.30 बजे राजभवन में एक सादे समारोह में शपथ ग्रहण करेंगे। राव के साथ मंत्रिमंडल के 10 अन्य सदस्य भी शपथ लेंगे।  शपथ लेने से पहले टीआरएस प्रमुख तेलंगाना के शहीदों को विधानसभा के नजदीक गन पार्क में श्रद्धांजलि देंगे। तेलंगाना के गठन का आधिकारिक जश्न सोमवार को मनाया जाएगा। 

शपथ ग्रहण के बाद राव परेड ग्राउंड में सरकारी कार्यक्रम के तहत राष्ट्र ध्वज फहराएंगे। इसके बाद वह जनता के नाम अपना संदेश देंगे।  राव मंत्रिमंडल की पहली बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जहां वह राज्य के लोगो से संबंधित पहली फाइल पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। टीआरएस ने पार्टी के झंडे, केसीआर के कट-आउट और तोरण से सभी महत्वपूर्ण चौराहों को सजा दिया है।  संसद में इस वर्ष फरवरी महीने में आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक पारित हुआ था, और इस तरह तेलंगाना का गठन संभव हो पाया है।

हैदराबाद को दोनों राज्यों की राजधानी घोषित किए जाने के बाद तेलंगाना के सचिवालय कर्मचारियों व आधारभूत संरचनाओं का भी बंटवारा किया गया है। इस बीच, तेलंगाना सचिवालय को आंध्र के कर्मचारी आवंटित करने का टीआरएस ने विरोध किया है। टीआरएस ने आरोप लगाया है कि सीमांध्र के कर्मचारी अनधिकृत रूप से नौकरियां हासिल कर रहे हैं, जबकि ये नौकरियां स्थानीय लोगों के लिए हैं। 

केंद्र सरकार द्वारा जारी अध्यादेश के तहत तेलंगाना के 200 से अधिक गांवों को आंध्र प्रदेश में शामिल कर दिए जाने से भी एक विवाद पैदा हो गया है। खम्माम जिले के 205 गांवों को आंध्र प्रदेश को देने संबंधित अध्यादेश के विरोध में केसीआर के आह्वान पर तेलंगाना में गुरुवार को एक दिन का बंद रखा गया था।  केसीआर ने इस कदम को असंवैधानिक करार दिया है और इसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देने की धमकी दी है।

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