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उत्तराखंड की विस्तृत खबर (03 जून)

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गैरसैंण पर घमासान,राजधानी के मसले पर मतभेद उजागर

देहरादून, 3 जून, (राजेन्द्र जोशी)। उत्तराखंड की जनता के लिए भावनात्मक मुद्दा बन चुके गैरसैंण पर प्रदेश की राजनीति में हंगामा मचा हुआ है। एक तरफ मौजूदा सरकार जहां वहां आगामी 9 जून को विधानसभा का सत्र चलाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जता रही है तो वहीं विपक्ष इसे सरकार की फिजूलखर्ची बता रहा है। जबकि सरकार के कई मंत्री इस मुद्दे पर अलग राय रखते है। ताजा मामले में हरीश रावत सरकार में कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत के बयान ने इस मुद्दे पर सूबे की सियासत को गर्म कर दिया है। कैबिनेट मंत्री डा. रावत ने अपने एक बयान में कहा कि गैरसैंण में राजधानी बनाना किसी भी सरकार के लिए संभव नहीं है और इस बारे में कोई भी घोषणा मात्र राजनीतिक स्टंट और राजनीतिक माइलेज लेने का प्रयास माना जाना चाहिए। आज यहां कुछ जनमाध्यमो के प्रतिनिधियों से बातचीत में उन्होंने कहा कि देहरादून में राजधानी की अवस्थापना से जुड़े कई निर्माण कार्य पूरे किये जा चुके है। हजारो करोड़ रूपए दोबारा राजधानी के नाम पर गैरसैंण में खर्च करना किसी भी सरकार के बस के बाहर की बात है। उन्होंने कहा कि इस हकीकत को सभी राजनीतिक दल समझते है लेकिन छुद्र राजनीतिक लाभ के लिए समय समय पर ऐसे मुद्दे को हवा देकर अपनी राजनीतिक रोंटी सेकना चाहते है। इस बारे में पूछे जाने पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि गैरसैंण राज्य की जनता की भावनाओं से जुड़ा है इसलिए सरकार इस पर कोई कोताही नहीं बरतेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने कभी भी वहां राजधानी बनाने की बात नहीं की है बल्कि सरकार वहां विधानसभा का ग्रीष्म कालीन सत्र चलाने के प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि वहां पर राजधानी का निर्माण विचार का विषय है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए कटिबद्ध है और पहाड़ो के विकास पर पूरा फोकस किया जा रहा है। इस मामले पर प्रतिक्रिया देने के लिए मुख्यमंत्री उपस्थित नहीं थे। लेकिन उनके नजदीकी सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री हरीश रावत कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत के बयान से नाराज है। वे राज्य के विभिन्न मसलो पर कांग्रेस आलाकमान से बातचीत करने कि लिए दिल्ली गए हुए हैं। उनके वापस देहरादून आने पर उनकी प्रतिक्रिया मिलेगी। उधर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने भी मौजूदा सरकार पर गैरसैंण मसले के राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है। एक बयान में उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले को भुनाना चाह रही है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार के मन सच में गैरसैंण को लेकर चिंता है तो उसे वहां विधानसभा का निर्माण तुंरत कराना चाहिए और राजधानी घोषित करने की प्रक्रिया प्रारंभ करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने भी इसे भुनाया और आननफानन में वहां विधानसभा भवन का शिलान्यास किया लेकिन उसके बाद वहां कोई कार्य नहीं हुआ। अब हरीश रावत भी बहुगुणा के नक्शेकदम पर ही चल रहे है। उन्होंने सरकार द्वारा गैरसैंण में विधानसभा सत्र के आयोजन को जनता के पैसो की फिजूलखर्ची बताया है। अजय भट्ट के विरोध के चलते सीएम ने वहां जाने वाले सभी मंत्रियों और अधिकारियों को कम से कम खर्च करने का निर्देश दिया है। इसके तहत पहले हवाई मार्ग से जाने वाले सभी नेताओं और अधिकारियों को सड़क मार्ग से गैरसैंण जाने का आदेश दिया है। 

परिसंपत्तियों क¢ पुर्ननिर्माण क¢ लिए धनराशि स्वीकृत करने में बरती गई अनियमितताएं

देहरादून,3 जून,(निस) टिहरी जिले के तहसील घनसाली क¢ अंतर्गत दैवीय आपदा से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों क¢ पुर्ननिर्माण व मरम्मत क¢ लिए धन स्वीकृत करने में �ारी अनिमिताएं सामने आई हैं। इन क्षेत्रों के संपर्क मार्गो क¢ लिए मनर¢गा क¢ अंतर्गत धन प्रदान किये जाने क¢ लिए पूर्व में जिलाधिकारी क¢ निर्देशांे को दर किनार कर करीब पचास लाख से अधिक की धनराशि इन योजनाओं क¢ मरम्मत क¢ लिए दी गई है। तहसील क¢ अंतर्गत दो दर्जन से अधिक �ूस्सखलन से प्रभावित गांवो में �ू-वैज्ञानिकों क¢ सुझाव क¢ अनुरूप कोई धनराशि भी स्वीकृत नहीं की गई है, जिससे कि अब वर्षात क¢ सीजन में एक बार फिर इन गांवों क¢ लोग �य क¢ साये में जीने को मजबूर होंगे। तहसील घनसाली क¢ अंतर्गत क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों की मरम्मत व पुर्ननिर्माण में धनराशि स्वीकृत करने में �ारी अनिमितताये सामने आ रही हैं। पूर्व में क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों की मरम्मत व पुर्ननिर्माण क¢ लिए तत्कालीन जिलाधिकारी ने मनर¢गा से धन आवांटित करने क¢ निर्देश दिये थे तथा शासन से आपदा क¢ अंतर्गत पुर्ननिर्माण क¢ लिए मिलने वाले धन को पक्क¢ कार्यो जिनमें पुलिया, सिंचाई नहरें आदि को वरीयता दी जाने की बात की गई थी लेकिन तहसील घनसाली क¢ अंतर्गत पीआईयू क¢ तहत मिले तीन करा¢ड में से पचास लाख से अधिक के संपर्क मार्गो क¢ लिए खर्च कर दिये गये। सूत्र बताते हैं कि इन कार्यो को स्वीकृत कराने क¢ लिए तीन से पांच प्रतिशत तक सुविधा शुल्क विभाग को दिया गया है। कुछ संपर्क मार्गो क¢ लिए तो चार लाख तथा एक संपर्क मार्ग क¢ लिए नौ लाख तक स्वीकृत कर दिये गये जबकि इतनी बडी धनराशि से इसी क्षेत्र में क्षतिग्रस्त हुई कई पुलियांे का निर्माण व मरम्ममत हो सकती थी। यानि आपदा क¢ अंतर्गत क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों का पुर्ननिर्माण �ी सभी विभाग क¢ द्वारा करवाया जाना था लेकिन तसील घनसाली से नौ लाख की भारी �रकम राशि अवस्थापना व पुर्नवास विभाग को दी गई है । जबकि इस विभाग ने इस क्षेत्र में इन संपर्क मार्गो का निर्माण भी नहीं किया था । शासन से स्वीकृत धनराशि का एक बडा �ाग संपर्क मार्गो क¢ मरम्मत क¢ नाम पर खर्च किया जा रहा है, जबकि तहसील क¢ अंतर्गत दो दर्जन से अधिक ऐसे गांव हैं जो गत वर्षात मे �ूस्खलन क¢ चपेट में आये थे। �ूवैज्ञानिकों ने इन गांवों में सुरक्षा की दृष्टि से वायरक्रेट, चकडैम व वर्षात क¢ पानी क¢ निकासी क¢ लिए नालियो क¢ निर्माण की सलाह दी थी लेकिन पीआईयू क¢ तहत मिले धन क¢ बंदर बांट किये जाने से इन गांवो में भू-वैज्ञाानिको की सलाह क¢ अनुसार कोई �ी कार्य नहीं हो पाया है। जिससे कि आने वाले वर्षात में यहां क¢ ग्रामीणों क¢ समक्ष फिर जीवन-मरण का प्रश्न पैदा हो जायेगा। इधर उप जिलाधिकारी जगदीश लाल का कहना है कि संपर्क मार्गो क¢ लिए �ी धन स्वीकृत किया जा सकता है लेकिन प्राथमिकता अन्य पक्क¢ कार्यो को ही देनी है।

मुंडे के निधन पर राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित भाजपा सांसदों ने जताया गहरा दुःख

harish rawat rahul cgives condolence to munde
देहरादून, 03 जून,(निस)। उत्तराखंड के राज्यपाल डा0 अज़ीज़ कुरैशी ने, आज प्रातः दिल्ली में सड़क दुर्घटना में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गोपीनाथ मुंडे के आकस्मिक निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है।उन्होंने स्वर्गीय मुंडे को एक कुशल राजनीतिज्ञ तथा समाजसेवी बताते हुए उनके असामयिक निधन को देश के लिए अपूरणीय क्षति बताया है। राज्यपाल ने स्वर्गीय मुंडे की आत्मा की शांति तथा दुःख की इस विषम घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है। वहीं मुख्यमंत्री हरीश रावत ने, मंगलवार प्रातः दिल्ली में हुई सड़क दुर्घटना में भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गोपीनाथ मुंडे के आकस्मिक निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने स्व0 मुंडे की आत्मा की शांति एवं दुःख की इस घडी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की। वहीं मंगलवार दोपहर को मुख्यमंत्री श्री रावत कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ नई दिल्ली स्थित भारतीय जनता पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय पहुंचे, जहां पर उन्होंने स्व0 मुंडे के पार्थित शरीर पर पुष्प चक्र चढाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने स्व0 मुंडे को कुशल राजनीतिज्ञ तथा समाजसेवी बताते हुए उनके असामयिक निधन  कोे देश के लिए अपूरणीय क्षति बताया है। उत्तराखण्ड के पौड़ी गढ़वाल से सांसद मेजर जनरल (से.नि.) भुवन चन्द्र खण्डूड़ी, हरिद्वार के सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक व अल्मोडा के सांसद अजय टम्टा ने केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे के असमय निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि देश ने एक ऐसा वरिष्ठ नेता खो दिया है जिसने हमेशा आम आदमी के लिए काम किया। केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे ने सदा किसानों और गरीबों के हितों के बारे में सोचा। उनके निधन से देश को क्षति हुई है, उसकी भरपाई नहीं की जा सकती। 

घटिया गुणवत्ता वाले निर्माण कार्य को नायब तहसीलदार ने रूकवाया 

गोपेश्वर, 3 जून (निस)। चमोली लासी सरतोली मोटर मार्ग पर एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) की ओर से घटिया गुणवत्ता का कार्य देख बिफरी नायब तहसीलदार चमोली ने निर्माण कार्य रुकवा दिया है। नायब तहसीलदार ने एडीबी के अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि यदि कार्य में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया तो वे संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी। एडीबी गौचर द्वारा वर्तमान समय में चमोली लासी सरतोली मोटर मार्ग पर डामरीकरण का कार्य किया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि एडीबी रात्रि को चोरी छिपे डामरीकरण का कार्य कर रही है। उनका आरोप है कि मिट्टी के ऊपर ही डामर बिछाया जा रहा है, जो कि बिछाने के तुरंत बाद उखड़ रहा है। बीते शनिवार को रांगतोली के निकट सड़क खराब होने के चलते रूलर मशीन रांगतोली में फंस गई। ऐसे में एडीबी के कर्मचारी बिना मशीन के ही सड़क पर बेलचे फावड़े से डामर बिछाते रहे। लासी, हरमनी, मजोठी, रांगतोली, मेड़ आदि गांवों के लोगों ने इसका विरोध भी किया। साथ ही इसकी शिकायत नायब तहसीलदार चमोली सुशीला कोठियाल से दूरभाष पर की। शिकायत मिलने के तुरंत बाद नायब तहसीलदार ने मौके पर पहुंचकर तत्काल निर्माण कार्य रुकवाया। उन्होंने एडीबी के अधिशासी अभियंता को दूरभाष पर निर्देश दिए कि मौके पर आकर कार्य का स्वयं निरीक्षण करें। नायब तहसीलदार ने बताया कि सड़क पर घटिया गुणवत्ता का डामरीकरण कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सोमवार को एडीबी के अधिकारी मौके पर आएंगे। यदि कार्य में दुबारा घटिया गुणवत्ता की शिकायत पाई गई तो एडीबी के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। विरोध करने वाले ग्रामीणों में लासी के सत्येंद्र सिंह, हरमनी के पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह, अजय सिंह, मजोठी के सूबेदार आनंद सिंह, कुलदीप सिंह, संजय सिंह, मेड़ के देवी मिश्रा आदि शामिल थे।

गैरसैंण पर मंत्री ने ली अधिकारियों की बैठक

देहरादून,3 जून, (निस)। प्रदेश के शहरी विकास, राजीव गांधी शहरी आवास योजना, पशुपालन, मत्स्य पालन, चारा एवं चारागाह विकास, नागरिक सुरक्षा, होमगार्ड एवं जेल मंत्री उत्तराखण्ड प्रीतम सिंह पंवार ने मंगलवार को विधान सभा स्थित सभाकक्ष में गैरसैंण में प्रस्तावित विधान सभा सत्र के सम्बन्ध में विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। बैठक में उन्होंने उत्तराखण्ड के जेलों(बंदीगृहों) की स्थिती को ठीक करने के लिए विभागीय अधिकारियों को जेलों के सम्बध में विस्तृत विवरण प्रस्तुत कर उनकी स्थिती को सुधारने के लिए निर्देश दिये। जिससे जेलों में रहने वाले कैदीयों को किसी प्रकार की समस्या न हो जिससे वे बंदीगृह को बंदीगृह न समझकर सुधार गृह समझंे। मंत्री जी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि गैरसैंण में विधानसभा  सत्र के लिए प्रत्येक विभाग अपनी प्रगति रिर्पोट अपडेट रखे जिससे कोई दिक्कत व परेशानी न हो, उन्होंने पशुपालन से सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे पशुपालन से सम्बन्धित योजनाओं को  पर्वतीय क्षेत्रों में वृहद रूप से लागू करें जिससे वहां के निवासियों को योजनाओं का भरपूर लाभ मिल सके उन्होंने कहा कि महिलाओं को विकास में सहभागिता के लिए स्वरोजगार से जोड़ने के लिए दुग्ध विकास योजनाओं को भी शुरू किया जाय। जिससे उनकी आर्थिकी मजबूत हो सके। बैठक में प्रमुख सचिव गृह एम0एच0 खान, प्रमुख सचिव पशुपालन रणवीर सिंह, सचिव शहरी विकास डी0एस0 गब्र्याल, अपर सचिव शहरी विकास नितेश झाॅं, अपर सचिव आवास विनय शंकर पाण्डे एवं अपर सचिव कारागार विनोद शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।  

दायित्वों में फेरबदल

देहरादून,3 जून, (निस)। शासन द्वारा जनहित में अपर सचिव, वैकल्पिक उर्जा, समाज कल्याण, निदेशक जनजाति निदेशालय तथा आयुक्त निशक्तजन टीकम सिंह पंवार को अपर सचिव, समाज कल्याण तथा निदेशक जनजाति निदेशालय के पदभार से अवमुक्त किये जाने का निर्णय लिया गया है, उनके पास शेष पदभार यथावत रहेंगे। यह जानकारी देते हुए अपर सचिव कार्मिक रमेश चन्द्र लोहनी ने बताया कि निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण, आयुक्त गन्ना तथा श्रमायुक्त हल्द्वानी सुशील कुमार को वर्तमान पदभार के साथ-साथ अपर सचिव, समाज कल्याण तथा निदेशक जनजाति निदेशालय के पद पर तैनात किये जाने का निर्णय लिया गया है।

पेट्रोल पम्पों के कर्मचारी काट रहे हैं वाहन चालकों की जेब

देहरादून,3 जून, (निस)। राशन की कालाबाजारी व रसोई गैस की किल्लत सुधारने में नाकाम हो चुके जिला पूर्ति विभाग पेट्रोल पंपों पर होने वाली घटतौली को जांचने में भी विफल साबित हुआ है जिसके कारण वाहन चालकों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। शहर के कई स्थानों पर ऐसे पेट्रोल पम्प हैं जिनके कर्मचारी आये दिन वाहन चालकों को मीटर को अपने हिसाब से सेट कर वाहन चालकों को कम पेट्रोल-डीजल दे रहे हैं। इसका पता वाहन चालकों को बाद में लगता है। कई पेट्रोल पम्पों पर तो कर्मचारी पुराने  से ही मीटर चला देते हैं और वाहन चालकों की आंखों में धूल झोंककर अपने लिए मुनाफे का इंतजाम कर लेते हैं। सूत्रों का कहना है कि कई पेट्रोल पम्प पर कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन भी नहीं मिल पाता ऐसे में घटतोली कर वह अपने लिए ऊपरी कमाई का इंतजाम कर लेते हैं। सूत्रों का कहना है कि पूरे दिन में थोड़ा-थोड़ा बचाकर 15 से 20 लीटर तक पेट्रोल-डीजल की बचत की जाती है। जिसे बेचकर अपनी जेब भरने और वाहन चालकों की काटने का काम किया जाता है। इसी का एक उदाहरण सहारनपुर रोड स्थित एक पेट्रोल पम्प पर भी देखने को मिला जहां इलैक्ट्रोनिक मीटर लगा हुआ है, उसमें सेटिंग बिठाकर ही 100 या 200 रूपये या इससे अधिक का पेट्रोल वाहनों में डाला जाता है लेकिन इस पेट्रोल पम्प के कर्मचारी अपनी मनमर्जी से कुछ प्वाइंट कम पेट्रोल डालकर वाहन चालकों की जेब पर डाका डाल रहे हैं। जब विरोध किया जाता है तो पेट्रोल पम्प के कर्मचारी वाहन चालकों से अभद्रता पर उतारू हो जाते हैं। पेट्रोल पम्पों पर इलैक्ट्रोनिक मीटर इसीलिए लगाये गये थे ताकि घटतौली को रोका जा सके किंतु कुछ पेट्रोल पम्पों पर कर्मचारी अपने हिसाब से पेट्रोल डालकर वाहन चालकों की जेब पर डाका डालने से पीछे नहीं हट रहे। हैरानी की बात यह है कि पहले जहां जिला पूर्ति विभाग इन पेट्रोल पम्पों पर घटतोली की जांच करता था।

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