आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसौदिया ने पार्टी के अंदर चल रही तकरार को मामूली करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि जो चिट्ठी उन्होंने अपने सहयोगी योगेंद्र यादव को एक दिन पूर्व लिखी थी वह विचार-विमर्श का हिस्सा थी और ऐसी चीजें पार्टी के अंदर होती रहती हैं। सिसौदिया ने योगेंद्र को लिखी चिट्ठी लीक हो जाने के बाद कहा, "यह विचार-विमर्श का हिस्सा थी। ये चीजें पार्टी के अंदर होती रहती हैं और यह जल्द सुलझ जाएंगी।"
सिसौदिया ने गुरुवार को अपनी चिट्ठी में पार्टी के अन्य नेताओं के साथ लड़ाई को सार्वजनिक करने और पार्टी की छवि खराब करने पर योगेंद्र की आलोचना की थी। अपने पत्र में सिसौदिया ने लिखा था, "पिछले 15 दिनों में आपके और नवीन जयहिंद के बाच तीखी बहस हुई है। हालांकि, यह बेहद दुखद है कि आपने यह लड़ाई मीडिया के सामने सार्वजनिक की, जिसकी वजह से पार्टी की छवि खराब हो रही है।"सिसौदिया ने कहा कि योगेंद्र, जयहिंद के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं कर सकते, इसलिए उन्होंने आप प्रमुख को अपनी निजी लड़ाई में घसीटा और उन्हें गलत रूप से पेश किया।
सिसौदिया ने योगेंद्र से सवाल पूछा, "यह हैरानी भरा भी है कि आपने अपने ईमेल में यह आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल राजनीतिक मामलों की कमिटि (पीएसी) की सलाह नहीं मानते। जब तक अरविंद आपको सुनते हैं, वह अच्छे इंसान हैं, लेकिन अब वह अच्छे नहीं रहे।" 31 मई को योगेंद्र ने लोकसभा चुनाव में हरियाणा में खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए पीएससी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।