लोकनृत्य के साथ हुआ सत्र अनिष्चितकाल के लिए स्थगित
देहरादून, 11 जून (राजेन्द्र जोषी)। गैरसैण में चल रहे विधानसभा के ग्रीष्मकालीन सत्र में सदन की कार्यवाही बुधवार को विपक्ष की हंगामे की भेंट चढ़ी। विपक्ष ने शराब नीति पर सदन में हंगामा किया। उन्होंने सरकार पर एफएल टू में अनियिमितता बरतने का आरोप लगाया। दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित हुई। लेकिन हंगामा शांत नहीं होने पर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। गैरसैंण में विधानसभा का पहली बार सत्र आयोजित किया गया था। इस एतिहासिक सत्र से भले ही पहाड़ को कोई बड़ा लाभ नहीं मिला हो लेकिन सत्र के दौरान विपक्ष का पूराने अंदाज ओर पुराने मुददों पर हंगामा करना यहां भी रूका नहीं। पहले दिन आपदा और दूसरे और आखिरी दिन शराब नीति पर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ सदन में हंगामा बोला। सत्र शुरू होते ही भाजपा ने शराब नीति पर नियम ३१० के तहत चर्चा कराने की मांग की। लेकिन मांग स्वीकार नहीं होने से भाजपा ने जमकर हंगामा काटा। हंगामेे के चलते समय से पहले सदन की कार्यवाही अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित की। सत्र समापन के दौरान अस्थाई विधानभवन के बाहर पारम्परिक लोकनृत्य का आयोजन किया गया। गैरसैंण के विधानसभा सत्र के अंतिम दिन लोकनृत्य के साथ समपान हुआ। इस दौरान मुख्यमंत्री, स्पीकर और सत्ता पक्ष के विधायक मौजूद थे। वहीं मुख्यमंत्री गैरसैंण के लिए कई घोषणांए की। गैरसैंण को सभी सड़कों से जोड़े जाने की घोषणा की गई। वहीं मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा कि गैरसैंण में आयोजित सत्र एतिहासिक रहा है। गैरसैंण में एक स्टेडियम बनाने की भी घोषणा की गई। गैरसैंण में आहुत हुए सत्र पर सभी प्रदेशवासियों की नजर लगी हुई थी। वह इसलिए भी थी कि इस सत्र को पहाड़ के विकास से जोड़कर देखा जा रहा था। लेकिन ऐसा कुछ नजर नही आया। गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की बात भी हवा में फुस्स हो गई। गैरसैंण में सत्र तो आयोजित हुआ लेकिन यहां से पहाड़ के विकास के लिए कोई खास बात नहीं निकली। विपक्ष ने भी पहाड़ विकास से ज्यादा शराब नीति पर अपना हल्ला जारी रहा। हैरानी की बात यह रही कि गैरसैंण में सत्र आयोजन को फिजूल खर्ची बताने वाली भाजपा ने पहाड़ के विकास के लिए गैरसैंण में कोई मुददा नहीं उठाया।