एन. रामचंद्रन की अध्यक्षता में भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को खेल मंत्री सरबानंदा सोनोवाल से मुलाकात की, लेकिन इस बैठक के दौरान 2019 के एशियाई खेलों की मेजबानी की दावेदारी को लेकर कोई ठोस फैसला नहीं लिया जा सका। गौरतलब है कि एशियाई खेल-2019 की मेजबानी के लिए दावेदारी पेश करने की अंतिम समयसीमा एक जुलाई है। प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य आईओए के उपाध्यक्ष वीरेंद्र नानावती ने बताया कि चूंकि आईओए ने अभी खुद एशियाई खेल-2019 की मेजबानी की दावेदारी को लेकर कोई निर्णय नहीं किया है, इसलिए बैठक के दौरान इस विषय पर कोई चर्चा नहीं हुई।
नानावती ने बताया, "हमने खेल मंत्री से राष्ट्रमंडल खेलों एवं एशियाई खेलों के लिए खिलाड़ियों की तैयारी को लेकर चर्चा की। खेल मंत्री ने हमें दोनों महत्वपूर्ण आयोजनों के लिए खिलाड़ियों की तैयारी में पूरी मदद प्रदान करने का आश्वासन दिया। हालांकि बैठक के दौरान एशियाई खेल-2019 की मेजबानी को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई।"नानावती ने यह भी स्वीकार किया कि मेजबानी की दावेदारी के लिए आईओए की जटिल प्रक्रिया को देखते हुए एशियाई खेलों की मेजबानी के लिए दावेदारी पेश करने की संभावनाएं लगभग न के बराबर हैं।
भारत 1951 में एशियाई खेलों के पहले संस्करण की मेजबानी कर चुका है, तथा दोबारा उसे यह अवसर 1982 में मिला था। नानावती ने आगे बताया, "इसके लिए सबसे पहले हमें एक प्रस्ताव पारित कर कार्यकारी समिति के सामने पेश करना होगा। तथा कार्यकारी समिति की बैठक बुलाने के लिए 15 दिन पहले सूचित करना पड़ता है।"खेल मंत्री सोनोवाल ने कुछ ही दिन पहले आश्वस्त किया था कि यदि आईओए एशियाई खेल-2019 की मेजबानी का प्रस्ताव लेकर आता है तो उसे पूरा समर्थन दिया जाएगा।