देश को मिले 636 सैन्य अधिकारी
- सलामी नेपाल के आर्मी कमांडेंट कीर्ती माया राष्ट्रदीप जनरल गौरव शमशेर जंग बहादुर राणा ने ली
देहरादून,14 जून (राजेन्द्र जोशी)। कड़ी चैकसी एवं सुरक्षा व्यवस्था के बीच शनिवार को भारतीय सेैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड सम्पन्न हुई। इसकी सलामी नेपाल के आर्मी कमांडेंट कीर्ती माया राष्ट्रदीप जनरल गौरव शमशेर जंग बहादुर राणा ने ली। अकेले उत्तराखंड से ही कुल 57 कैडिटों ने भारतीय सेना में कमीशन लिया। जबकि सर्वाधिक संख्या उत्तर प्रदेश के 121 के कैडिटों की रही। परेड होने से पूर्व जवानों के हौंसलों ने इस गौरवमयी माहौल को भी यादगार बना दिया। इस अवसर पर कैडिटों को संबोधित करते हुए कीर्ती माया राष्ट्रदीप जनरल गौरव शमशेर जंग बहादुर राणा कहा कि भारतीय सेना विश्व की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में से एक है तथा इसका हिस्सा बनना खुद में ही एक बड़ा गौरव है। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में सेना की चुनौतियां अत्याधिक बढ़ गई हंै जिससे निपटने के लिए एक सैनिक के अंदर नेतृत्व निर्णय लेने एवं नेतृत्व की असीम शक्ति होनी चाहिए। पिछले 10 दिनों से चल रही दीक्षांत परेड को लेकर तैयारियां शनिवार को सकुशल अपने मुकाम तक जा पहुंची। भारतीय सेना को भव्य परेड के बाद 636 सैनिक अधिकारी मिल गए जो अलग-अलग यूनिटों में अपनी कमान संभालेगें। वहीं 64 विदेशी जे.सी. ने भी सेना का हिस्सा बनकर देश की रक्षा का संकल्प लिया। कड़े सुरक्षा प्रबंधांे के बीच चैटवुड हाॅल के प्रागंण में आईएमए कैडिट के सधे हुए कदमों ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी एवं अपनी सजगता एवं दृढ़ निश्चय से साबित कर दिया कि देश की सुरक्षा मजबूत इरादों एवं हाथों में है। परेड सम्पन्न होने के बाद सेना में कमीशन लेने वाले कैडिट के कंधें पर उनके परिजनों ने सितारे सजाए तो वहां माहौल बेहद भावुकतापूर्ण हो गया। परेड पूरी होने के बाद पीपिंग सैरेमनी के नाम से जानी जाने वाली इस समारोह में कैडेटों को उनके परिजन सैन्य अफसर के तौर पर रैंक को दर्शाने वाले सितारे उनके कंधे पर लगाते है। शनिवार को सम्पन्न हुई पीओपी में 64 कैडेट विदेशी कैडिटों को भी यहां प्रशिक्षण दिया गया है। इससे पूर्व दीक्षांत परेड को लेकर प्रशासन द्वारा की गई सुरक्षा व्यवस्था बेहद चाक चैबन्द नजर आई। देर रात तक पुलिस ने नगर के विभिन्न होटलों, ढांबो, आईएसबीटी सहित अन्य स्थलों में गहन चैकिंग की गयी। शनिवार सवेरे से ही आईएमए से गुजरने वाली चकराता मार्ग का यातायात डायवर्ट कर दिया गया था।
उत्तराखंड है तीसरे पायदान पर
भारतीय सेना को अफसर देने में भले ही उत्तराखंड इस बार भी तीसरे स्थान पर है, लेकिन यदि जनसंख्या की दृष्टि से देखें तो उत्तराखंड सबसे ऊपर है। क्योंकि पहले और दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश और हरियाणा है जो जनसंख्या की दृष्टि से उत्तराखंड से बड़े हैं। छोटे राज्य होने के बावजूद इस बार उत्तराखंड के 54 युवा सेना में अफसर बनने का गौरव प्राप्त हुआ है। इसके अलावा 64 विदेशी कैडेट्स भी पास आउट हुये। आईएमए (भारतीय सैन्य अकादमी) से पास आउट होने वाले बैच में जहां एक ओर कई बड़े राज्यों को पछाड़ कर उत्तराखंड टाॅप थ्री में शामिल है। वहीं, लंबे समय के बाद पंजाब के युवाओं की संख्या भी अकादमी में बढ़ी है। उल्लेखनीय है कि बीते एक दशक से उत्तर प्रदेश और हरियाणा देश को सर्वाधिक सैन्य अफसर देने वाले राज्यों में शुमार हैं। इनके अलावा महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के युवाओं का भी रुझान सेना के लिए बरकरार है। वहीं गुजरात प्रांत से केवल एक कैडिट ने शपथ ली।
इन्हे मिला सम्मान
स्वाॅर्ड आॅफ आॅनर- विष्णु पिताबंर
गोल्ड मेडल- विशाल ढथ्या
सिलवर मेडल- विकास कलकल
ब्रांज मेडल- सिद्धंात तिवारी
सिलवर मेडल(टेक्निकल एंट्री स्कीम)- अबील इब्राहिम
सिलवर मेडल(टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स)- ऋषिनाग सिंह
बेस्ट विदेशी जेंटलमैन कैडिट - जिगनी डोरजी
ब्रेस्ट कंपनी - साग्ररो कंपनी -
जिन्दगी है कौम की तू कौम पर लुटाए जा .....
देहरादून । कदम - कदम बढ़ाए जा खुशी के गीत गाए जा, ये जिन्दगी है कौम की तू कौम पर लुटाए जा ..... यह शौर्य गीत नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की आई एन ए फौज के लिए उन्ही के कप्तान राम सिंह ने लिखा था, जो आज भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से पास आउट होने वाले हर उस सैन्य अधिकारी का प्रेरणा गीत बन चुका है जिससे प्रेरित होकर वह देश के लिए अपने प्राण तक देने से नही चूकता। देश की आन, बान और शान की रक्षा के लिए देश के 636 सपूत तैयार हैं जब की 64 विदेशी केडेट है . भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में कड़ा सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त कर ये जांबाज शनिवार को पासिंग आउट परेड में अंतिम पग भरेंगे। देशप्रेम किसी बाजार में नहीं बिकता और यह सबको मयस्सर भी नहीं है. यह पवित्र भावना जन्मती है संस्कारों से. आईएमए ने पिछले दिनों ऐसे ही लगभग सवा पांच सौ सैन्य अधिकारी राष्ट्रसेवा में समर्पित किए, जो वतन के लिए किसी भी समय मर-मिटने का जज्बा लेकर अपने घरों से निकले हैं,, उत्तराखंड की पावन धरती से प्रशिक्षण प्राप्त करके भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) के ड्रिल स्क्वायर जोशीले कदमों की ताल, एक साथ उठते हाथ और गर्व से तना सीना, ये बताने के लिए काफी थे कि भारतीय सेना में शामिल हो रहे 700 जांबाजों के हाथ में देश की सरहदें महफूज रहेंगी। ऐतिहासिक भारतीय सैन्य अकादमी ने 14 जून को सफलता की एक और नई इबारत लिखी । इसके साथ ही इस संस्थान के नाम 55 हजार सैन्य अधिकारियों को ट्रेनिंग देने का गौरव प्राप्त भी हुआ. आन, बान और शान की प्रतीक भारतीय सैन्य अकादमी पिछले साल 81 वर्ष की हो गई है । इंडियन मिलिट्री एकेडमी की स्थापना एक अक्टूबर 1932 को हुई थी। सेना में अधिकारी के रूप में औपचारिक रूप से शामिल किए जाने से पहले इन कैडेटों ने ऐतिहासिक चेटवुड इमारत के सामने शानदार पासिंग आउट परेड की।.. सैन्य अधिकारी सेना की महान परंपरा को आगे बढ़ाएं. मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों में सुरक्षा का सवाल सभी राष्ट्रों के लिए सबसे अहम हो गया है, इसलिए सेना में शामिल हो रहे हर अधिकारी को इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए हर समय तैयार रहना होगा. भारतीय सैन्य अधिकारी सतत समर्पित भाव से उत्कृष्ट सेवाओं द्वारा अपनी विरासत की रक्षा करें. त्याग, बलिदान, समर्पण, देशभक्ति और साहस सेना के मूल्य एवं आदर्श हैं. नए सेनाधिकारी अपने साथियों एवं कनिष्ठों के लिभाए प्रेरणास्रोत बनें. हमेशा से ही सैन्य अकादमी सभी देशों के कैडिटों को प्रशिक्षित कर उन्हें एक समान ट्रेनिंग देती है और हर कैडिट को एक समान ट्रेनिंग देकर उसे मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी करने को तैयार किया जाता है। निश्चित रूप से आज सेना का अफसर बनने वाले अधिकारियों को खतरनाक व चुनौतिपूर्ण रास्तों से गुजरकर देश की सेवा करनी होगी और जिस तरह देश के वीर सैनिकों ने सीमाओं पर अपने प्राणों की रक्षा किये बगैर देश की रक्षा की है ठीक उसी तरह नये सैन्य अफसर भी अपनी ड्यूटी को निभाएंगे।.. भारतीय सेना का अधिकारी होने का मतलब सिर्फ नौकरी करना नहीं होता बल्कि देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने का जज्बा लिये एक जांबाज सिपाही होना होता है युवाओं में यही जोश और जुनून पैदा करता है भारतीय सैन्य अकादमी आइएमए जिससे प्रशिक्षण प्राप्त कैडेट्स कई नाजुक मौकों पर दुश्मन के दांत खट्टे कर चुके हैं देश की रक्षा के लिये हथियार उठाना एक दुर्लभ सम्मान है तो भी एक योद्धा का काम किसी भी तरह आसान नहीं है। इसके लिये शारीरिक और नैतिक साहस, दक्षता, काम में प्रवीणता तथा नेतृृत्व करने की काबिलियत की जरूरत होती है। रेजीमेंट का नाम व निशान इसके सदस्यों से ही कायम रहता है। इसलिये अपनी यूनिट की सम्मान व इज्जत को ऊंचा बनाये रखने के लिये कठिन मेहनत करनी होगी। साथ ही जिन्हें नेतृत्व करने का मौका मिला है उनके सम्मान और इज्जत को भी कायम करना होगा.. इस दौरान परेड के समय हर कदम पर नये आयाम छूने व देश रक्षा का जज्बा लिये इन कैडेट्स के चेहरे की चमक यह एहसास करा रही थी कि भारत मजबूत हाथों व फौलादी इरादों वाले नवयुवकों की सरपरस्ती में पूरी तरह से सुरक्षित है।
राज्य सरकार ने छिड़का गैरसैण की जनता के जख्मों पर नमक: निशंक
देहरादून, 14 जून। पूर्व मुख्यमंत्री व लोकसभा सांसद डा रमेश पोखरियाल निश्ंाक ने कहा कि प्रदेश सरकार ने गैरसेण में तीन दिवसीय विधानसभा सत्र आयोजित तो किया किन्तु इस दौरान वे गैरसैण को ही भूल गई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गैरसैण के जख्मोें पर नमक छिड़का है, क्यांेकि राज्य सरकार की नियत में खोट है। यदि ऐसा नहीं होता तो प्रदेश सरकार गैरसैण को लेकर गैरसैण से ही कोई घोषणा जरूर करती। उन्होंने कहा जिन पांच मार्गो को सरकार गैरसैण से जोड़ने की घोषणा करती है वे पांच मार्ग पहले से ही स्वीकृत है। वे आज यहां भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केदारनाथ त्रास्दी पर सबसे पहले मैने प्रधानमंत्री को भीषण त्रासदी के बारे में अवगत कराया था। वहीं भाजपा द्वारा आपदा प्रभावित क्षेत्र में सरकार की लापरवाही को लेकर हमने कई बार मुददा उठाया। लेकिन सरकार इस मामले में गंभीर नहीं थी। यहीं कारण है कि आज आपदा के एक साल होने के बाद भी गौरीकुड़ से लेकर केदारनाथ पैदल मार्ग पर श्रद्धालुओं के शव मिल रहे है। उन्होंने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि जिन लोगों ने अपने बच्चों की जान गवांकर श्रद्धालुओं की जान बचाई प्रदेश सरकार ने ऐसे लोगों को सांतवना भी नहीं दी। उन्होंने बहुगुणा शासन काल बहुगुणा के उस बयान को भी गुमराह करने वाला बताया। जिसमें बहुगुणा ने कहा था कि अब वहां कोई भी श्रद्वांलु न जिंदा न मृत शेष है। उन्हेाने कहा कि जबकि स्थानिय लोगों ने सरकार को बता दिया था। उन्होंने कहा कि तुजुगीनारायण केदारनाथ मार्ग सहित उंचाई वाले पर्वतीय मार्ग क्षेत्र मे कई लोग भटकर अपनी जान गंवा चुके हैं। उन्होंने सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि यदि स्थानीय लागों की मदद ली जाती और स्थानीय लोगों को केदारनाथ धाम जाने की अनुमति दी जाती तो कई लोगों की जान को बचाया जा सकात था। उन्होंने कहा कि बहुगुणा शासन के दौरान गुप्तकाशी से केदारनाथ तक र्कफ्यू जैसी स्थिति पैदा कर दी थी जिससे श्रद्धालुओं की जान गई। उन्हेांने मांग की कि तत्कालीन बहुगुणा शासन के लोगों की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। जिन्होंने भूखे प्यासे श्रद्धालुओं को प्राण त्यागने पर मजबूर किया। गैरसैण मुद्दे पर उन्होनंे कहा 1989 में सबसे पहले गैरसैण को केन्द्र बिन्दु बनाने में भाजपा का ही प्रयास रहा है। उन्होंने कहा कि जब दो साल पहले विधानभवन का शिलान्यास किया गया तो इस समय उसी विधानसभा भवन में विधानसभा सत्र आयोजित किया जाना चाहिए था। आखिर सराकर को विधानभवन बनाने से किसने रोका था। उन्होंने राज्य सरकार पर प्रदेश की जनता और शहीदों की सपनों के साथ छल करने का भी आरोप लगाया। केन्द्रीय मंत्रीमंडल में उत्तराखंड को तरजीह न दिये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि देश में उत्तराखंड दूसरा ऐसा राज्य है जहां से सर्वाधिक मत भाजपा के पक्ष में पड़े , प्रधानमंत्री नेरश मोदी की शीर्ष प्राथमिकता में उत्तराखंड राज्य है। यहीं कारण है कि प्रधानमंत्री द्वारा अंतमंत्रीमंडलीय समूह (आईएमजी ) द्वारा राज्य के सीमान्त क्षेत्रों में 100 किलोमीटर तक सड़क मार्ग के लिए अब वन मंत्रालय की स्वीकृति की जरूरत नही होगी। वहीं विकास कार्यो के लिए अब एक हैक्टेयर से पांच हेक्टेयेर के मध्य में भी वन्य भूमि के लिए केन्द्र से स्वीकृति की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने बताया कि यह हिमालयी राज्यों के लिए सबसे बड़ी सौगात है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा आपदा के दौरान राज्य के विषम भोगोलक परिस्थितियों को देखते हुए यह देश का पहला राज्य है जिसे केन्द्र सराकर ने आपदा राहत कार्यो सहित आकस्मित कारणों के लिए एमआई 17 हेलिकाॅप्टर दिया है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत ने डोईवाला से चुनाव न लड़कर खुद ही अपनी हार स्वीकार कर ली है। उन्होंने कहा कि यह उनके समझ से परे है कि जब मेरे द्वारा डोईवाला सीट खाली किए जाने के बाद उन्हे यहां से चुनाव लड़ना चाहिए था। लेकिन वे घारचुला क्यों जा रहे है। यह वह नहीं समझ पा रहे है।
गैरसैंण में की गई फिजूल खर्ची के लिए दोनों दल जिम्मेदार: यूकेडी
देहरादून,14 जून,(निस)। गैरसैंण सत्र के नाम पर करोड़ों रूपये की बर्बादी की आलोचना करते हुए उत्तराखण्ड क्रांति दल ने कहा है कि सत्र चलाये जाने से बढि़या तो यह होता कि बूंद-बूंद पानी और बेहतर सड़कों के लिए तरह रहे गैरसैंणवासियों को राहत पहुंचाई जाती। उत्तराखण्ड क्रांति दल के मीडिया प्रभारी मनमोहन लखेड़ा ने कहा कि गैरसैंण पर आत्ममुग्ध कांग्रेस और भाजपा ने एक भी प्रस्ताव न लाकर सिर्फ नौटंकी करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि पहाड़ों में सड़क, बिजली, पानी और चिकित्सा की दुर्दशा को नजरअंदाज करते हुए गैरसैंण में की गई फिजूल खर्ची के लिए दोनों दलों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। लखेड़ा ने कहा कि कांग्रेस-भाजपा की मिलीजुली रणनीति के तहत ही गैरसैंण राजधानी के मुद्दे को उठाये बिना शराब कारोबार पर हंगामा कर सत्र को समाप्त कर पहाड़ी जनता को गुमराह करने का काम किया गया है। लखेड़ा ने कहा कि 14 सालों तक राजधानी के मुद्दे को लटकाये रखना अब राज्य के हित में ठीक नहीं है। भाजपा-कांग्रेस को गैरसैंण का दुश्मन बताते हुए लखेड़ा ने कहा कि इनके विधायक कभी नहीं चाहते कि गैरसैंण उत्तराखण्ड की राजधानी बने। ऐन केन प्रकारेण देहरादून को राजधानी बनाने में तुले कांग्रेस-भाजपा को उत्तराखण्ड क्रांति दल गैरसैंण के नाम पर चैन से बैठने नहीं देगा। उन्होंने कहा कि गैरसैंण उत्तराखण्डवासियों की भावनाओं का सम्मान ही नहीं बल्कि उत्तराखण्ड क्रांति दल का मुख्य उद्देश्य है जिसके लिए उक्रांद अपना संघर्ष जारी रखेगा।
एक बार फिर चलेगा केदारनाथ क्षेत्र में शवों का तलाशी अभियान: मुख्यसचिव
देहरादून, 14 जून,(निस)। गौरीकुंड -केदारनाथ मार्ग पर लगातार मिल रहे कंकालों को देखते हुए राज्य सरकार को आखिरकार एक बार फिर शवों की तलाशी अभियान चलाना पड़ रहा है। राज्य सरकार द्वारा जारी एक बयान के अनुसार गत वर्ष आपदा के दौरान सोनप्रयाग से केदारनाथ तक पूरी घाटी में लापता हुए लोगों की तलाश के लिए एक सघन काम्बिंग अभियान दोबारा संचालित किये जाने के निर्देश मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुख्य सचिव को दिये हैं। मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों पर इस कार्य के लिए एक उच्चस्तरीय टास्क फोर्स गठित कर दी गई है। पुलिस महानिरीक्षक संजय गुंज्याल को इस टास्क फोर्स का प्रभारी बनाया गया है। इस टास्क फोर्स में आईटीबीपी, स्थानीय पुलिस और एसडीआरएफ के जवानों को शामिल किया गया है, जो अगले 20 दिनांे में सोनप्रयाग से केदारनाथ तक पूरी घाटी में आपदा के दौरान लापता हुए लोगों की तलाश के लिए एक सघन काम्बिंग अभियान संचालित करेंगे, और केदारनाथ यात्रा मार्ग के आस-पास के जंगलों में भी काम्बिंग अभियान चलायेंगे। इस अभियान को तत्काल शुरू करने के निर्देश जारी कर दिये गये हैं। अभियान के दौरान इन क्षेत्रों में पाये जाने वाले शवों का विधि सम्वत दाह संस्कार इस टास्क फोर्स द्वारा कराया जायेगा।
अब भी पटरी पर नही दून की यातायात व्यवस्था
देहरादून, 14 जून,(निस)। दून की बदलती यातायात व्यवस्था को काबू में करने के लिए सीपीयूू पुलिस और यातायात संचालन के नाम पर केवल खानापूर्ति ही चल रही है। आम जनता उसे लेकर सोचने को मजबूर है कि आखिर वह जाए तो कहां जाए। बात की जाए मुख्य मार्गों की तो यहां तक यातायात बेहाल हालत में देखा जा रहा। साथ ही सिटी पेट्रोल यूनिट के जवान अधिकांशतया बिना हेलमेट वाले दुपहिया चालकों को ही घेरने की फिराक में तत्पर दिख रहे हैं। बेकाबू यातायात को काबू करने की तो जैसे इन्हें फिक्र ही नहीं। एक ओर तो पुलिस अधिकारी कह रहे कि सिटी पेट्रोल यूनिट नियमों को लेकर भेदभाव नहीं करेगी। वहीं दूसरी ओर ‘इस यूनिट’ को भी यातायात पुलिस की राह जाते सुना जा रहा। यहां दून में नियम का पालन न करने के लिए सबसे जरूरी है ऊंची पहुंच। यदि आपकी पहुंच ऊपरी स्तर तक है तो सडक पर कैसे भी निकलो आपको रोकने टोकने वाला कोई नहीं। दुपहिया चालकों में यातायात नियमों के पालन की कमियां निकाली जा रही हैं। सिटी पेट्रोल यूनिट के बारे में कहा जा रहा कि हेलमेट होने के बाद भी दुपहिया चालक को इसलिए चालान थमा दिया जा रहा कि उसने पैरों में जूतों की जगह हवाई चप्पल पहनी है, यातायात नियमों का हवाला देते हुए ऐसे चालकों का चालान काटा जा रहा। जबकि कहा तो यहां तक जा रहा कि पहचान वालों के सिर पर हेलमेट न होते हुए भी उसकी दुपहिया को देख आंखू मूंद ली जा रही। सहारनपुर चैक से लेकर राजपुर रोड के डायवर्जन तक जिस ओर देखिए इन दिनों बेतरतीब यातायात का जमावड़ा मिलेगा। चैराहों पर एक कोने में दो-दो के गु्रप में खड़े यातायात कर्मियों को मानों यातायात संचालन में कोई दिलचस्पी नहीं है। यातायात सूत्रों की माने तो सिटी पेट्रोल यूनिट के सड पर उतरने के बाद से ही यातायात पुलिस ने चालान का काम बंद कर दिया है। यातायात पुलिस फिलहाल मात्रा यातायात संचालक का काम देख रही है। दून की ये जो बिगड़ी यातायात का स्वरूप बना है कोई आजकल की बात नहीं है। राजधानी बनने के बाद से ही यहां वाहनों की संख्या तो बढ़ी मगर चालकों में यातायात नियमों का सेंस नहीं बढ़ा। आज भी दून चैक, प्रिंस चैक, एस्लेहाॅल तिराहा, कनक चैक, लैंसडोन चैक, बुद्धा पार्क चैक, कान्वेंट रोड चैक, आराघर चैक आदि पर यातायात बड़ी बेतरतीबी से चलता दिखा। एक या दो घण्टे की बात नहीं, बल्कि बदहाल यातायात का जो नजारा सुबह के समय दिखा, कुछ वैसा ही शाम को भी रहा। सभी जगह यातायात कर्मचारी किसी ‘बुत’ की भांति खड़े नजर आए। कुछ जगह एक ओर हरी बत्ती तो तीन ओर लाल बत्ती होने पर भी चालक अपने मुताबिक वाहन निकाल रहे थे।
‘यातायात डियूटी पर तैनात कर्मचारी ने बताया कि नेता को सड़क पर खड़ी कार हटाने को कहा तो उसका तबादला पहाड़ में कर दिया गया। यह एक दिन की घटना नहीं है ऐसा होना आम बात है। किसे बोलें और किसे न बोलें, पेशोपेस बनी रहती है। नियम तोडने वाले जिस किसी को कहो तो वह पफोन निकालकर बात करने को कहता है। यदि किसी पहुंच वाले की कार-बाइक को रोक ली तो सीध पहाड़ तबादला तय समझो। ऐसे में चुप भली। तीन दिन से जाम लग रहे चैराहों पर तैनात यातायात कर्मचारियों से की बातचीत।
29058 ग्राम पंचायत, 1006 ग्राम प्रधान, 171 क्षेत्र पंचायत व 03 जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित
देहरादून, 14 जून (निस)। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुबर्द्धन ने बताया कि प्रदेश के 12 जनपदों में (जनपद हरिद्वार को छोडकर) तीन चरणों कें सम्पादित होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 29058 सदस्य ग्राम पंचायत, 1006 ग्राम प्रधान, 171 सदस्य क्षेत्र पंचायत, एवं 03 सदस्य जिला पंचायत के पदों पर निर्विरोध निर्वाचित हो गये हैं। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा 212 निर्विरोध ग्राम प्रधान अल्मोडा जनपद तथा सबसे कम 08 निर्विरोध ग्राम प्रधान जनपद ऊधमसिंहनगर में सर्वसम्मति से निर्वाचित हुए हैं। जनपदवार निर्विरोध ग्राम प्रधान की संख्या इस प्रकार है, चम्पावत-21, नैनीताल-50, बागेष्वर,-43, पिथौरागढ-82, उत्तरकाषी-99 चमोली-58, रूद्रप्रयाग-33, पौडी-101, टिहरी-183, देहरादून-116। उन्होनें बताया कि आगामी 18 जून, 21 जून एवं 24 जून को होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सदस्य ग्राम पंचायत के पदो ंके लिए 11 हजार 4 सौ 26 प्रत्याषी, प्रधान के पदों हेतु 22 हजार 91 प्रत्याषी, सदस्य क्षेत्र पंचायत के लिए 11 हजार 8 सौ 74 प्रत्याषी तथा सदस्य जिला पंचायत के 3 सौ 86 पदों हेतु 2 हजार 3 सौ 8 प्रत्याषी मैदान में रह गये हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया है कि निर्विरोध निर्वाचन सौहार्द एवं एकता का प्रतीक है। इससे विकास को एक दिषा मिलेगी तथा आस-पास के लोगों में एक मत होेकर क्षेत्र का विकास करने की भावना को बल मिलेगा। उन्होने यह भी बताया कि षासन द्वारा मतदान दिवस में संबंधित विकास खण्डों के क्षेत्र में आने वाले षासकीय, अषासकीय कार्यालयों, षौक्षणिक संस्थानों, अर्द्ध-निकायों, वाणिज्यिक प्रतिश्ठानों में कार्यरत कार्मिकों, कारीगरों, मजदूरों को अपना मताधिकार का प्रयोग करने हेतु 18 जून, 21 जून एवं 24 जून को सार्वजनिक अवकाष घोशित किया गया है ताकि मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके। उन्होनें बताया कि मतदान प्रातः 07 बजे से सांय 05 बजे तक चलेगा।
एम्स में कई जांच के बाद डाक्टरों ने बताया , मुख्यमंत्री का स्वास्थ्य सामान्य
देहरादून, 14 जून (निस)। बीते दिन हवाई यात्रा के दौरान दिल्ली में गर्दन मे आई चोट के चलते उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री हरीश रावत को एम्स में भर्ती कराया गया था। शनिवार कोे सिटी स्कैन, ई.एम.आर. आई. जाॅच की गयी। इसमें कोई खतरे की बात नहीं बताया गयी हैं। मुख्यमंत्री का स्वास्थ्य सामान्य है। चिकित्सकों ने मुख्यमंत्री को एक-दो दिनों के लिये आराम की सलाह दी है। मुख्यमंत्री एम्स से एक-दो दिन में डाक्टरों की सलाह पर डिस्चार्ज कर दिये जायेंगे। मुख्यमंत्री श्री रावत ने प्रदेश की जनता से अपील की है कि चिन्ता की कोई बात नहीं है वें एक-दो दिन में देहरादून पहुंच जायेंगे। उन्होंने सभी शुभचिन्तकों से अनावश्यक परेशान होकर दिल्ली ना आने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि वे शीघ्र ही देहरादून में सभी से भेट करेंगे।
एफएल-2 मामलाः यदि घोटाला नही ंतो क्यों बदले गए शासनादेश: अजय भट्ट
- सीमान्त क्षेत्रों में फाॅरेस्ट क्लीयरेंस की बाधा समाप्त करने पर जताया पीएम का आभार
देहरादून, 14 जून (निस)। नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने केन्द्र सरकार द्वारा सीमांत क्षेत्र में फारेस्ट क्लीयरेंस की बाधा खत्म किये जाने के फैसले पर अत्यधिक हर्ष व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि जो कार्य दशकों से नहीं हो पाया था मोदी ने 20 दिन के भीतर करने का जो अदम्य साहस दिखाया वह काबिले तारीफ है इससे सबसे अधिक किसी राज्य को फायदा होगा तो वह उत्तराखण्ड प्रदेश को होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों में सड़कों के निर्माण में सबसे अधिक वन भूमि की बाधा आती थी इससे प्रदेश विकास के मामले में दशकों पीछे जाने को मजबूर हुआ क्योंकि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र की आधी से अधिक समस्यायें मात्र सड़कों की हैं जो केवल वन भूमि के कारण रूकी पड़ी हुई हैं किन्तु केन्द्र सरकार के स्वागतयोग्य फैसले ने बहुत बड़ी आशायें प्रदेश को दे दी हैं इससे प्रदेश का चहुमंुखी विकास होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के गैरसैंण मामले पर विपक्ष को दोष देने के बयान पर कहा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत की कथनी और करनी में अत्यधिक अन्तर है और वे जितनी सफाई से यहाॅ की जनता को बेवकूफ बनाना चाहते हैं इतनी आसानी से प्रदेश की जनता उनके बहकावे में आने वाली नही है क्योंकि यदि गैरसैंण के मामले में सरकार की नीयत साफ होती तो 14 जनवरी 2013 को गैरसैंण में विधानभवन के शिलान्यास के दिन जब मैंने मंच से सर्वप्रथम गैंरसैंण को जिला और फिर राजधानी बनाने की घोषणा सरकार से करने का अनुरोध किया तो सरकार वहाॅ पर मात्र उस समय भी हवाई सैर सपाटा कर लौट आयी थी। अजय भट्ट ने कहा कि वर्तमान विधान सभा सत्र के दौरान हमने सर्वप्रथम सदन के भीतर सरकार से गैरसैंण में जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ न कर अपनी वास्तविक भावना स्पष्ट करने का अनुरोध किया था और पूरे विपक्ष ने एक आवाज में सरकार से कहा था कि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन अथवा स्थाई राजधानी शीघ्र घोषित करे तो सरकार ने इस पर चुप्पी साध ली थी। हमने पूर्व में ही कह दिया था कि सरकार गैरसैंण में मात्र पिकनिक मानाने जा रही है जिस पर करोड़ों रूपये का व्यय भार जनता के कन्धों पर डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब जनता ने भी सरकार की वास्तविकता जान ली कि सरकार गैरसैंण में मात्र अपने सियासी फायदे के लिए आ रही है तो ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री द्वारा विपक्ष पर आरोप लगाया जा रहा है जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वे और उनकी पूरी सरकार इतनी पाक साफ थी तो क्यों नहीं काम रोको प्रस्ताव पर एफ0एल0-2 जैसे गम्भीर विषय पर चर्चा करायी। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपनी पोल खुलने की डर से चर्चा नहीं कराई क्योंकि एफ0एल0-2 में करोड़ों रूपये का लेन-देन सरकार ने किया है। यदि सरकार की दृढ़ इच्छा शक्ति थी तो उन्होंने स्वयं ही गैरसैंण के मामले में सदन के भीतर अपनी नीयत क्यों स्पष्ट नहीं की। उन्होंने कहा कि सरकार ने एफ0एल0-2 में शराब माफियाओं के साथ मिलकर बड़ी मात्रा में घोटाला किया है यदि ऐसा नहीं है तो आखिर एक व्यक्ति के हाथों में ये कारोबार देने के लिए मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देष पर दो-दो बार एक ही प्रकार का क्यों शासनादेश निकालना पड़ा ? उन्होंने कहा कि मैंने पूर्व में ही फोटो व विडियो प्रमाण सहित साबित कर दिया था कि केदारघाटी आज भी शवों से पटी पड़ी है। मन्दिर परिसर के चारों ओर होटलों, मकानों व धर्मशालाओं में पूरी तरह लाशें बिछी थी। उन्होंने कहा कि मैंने 28 अक्टूबर 2013 को ही केदारनाथ और जंगलचट्टी के भ्रमण के बाद वहाॅ पर शव होने की पुष्टि की थी। उन्होंने कहा कि जब मैंने कह दिया था कि मन्दिर परिसर से लेकर जंगल चट्टी तक के जंगलों में चारों ओर मानव शव पड़े हुए है और पूरी केदारघाटी को तत्काल सेना के हवाले कर दिया जाय तो सरकार की ओर से बयान आये कि नेता प्रतिपक्ष झूठ बोल रहे हैं और लोगों में भ्रम फैला रहे हैं किन्तु आज मीडिया के लोगों द्वारा भी इस बात की प्रमाण सहित पुष्टि किये जाने के बाद यह साबित हो गया है कि इस सरकार ने झूठ बोलकर पूरे देश को गुमराह किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुखिया को विपक्ष को दोष देने के बजाय जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ करना बंद करना चाहिए और अपने पद से तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। अजय भट्ट ने कहा कि यदि सरकार इस्तीफा नहीं देती है तो ऐसी सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए क्योंकि केदारनाथ के बारे में झूठ बोलकर सरकार ने पूरे देशवासियों को अन्धकार में रखा है। उन्होंने कहा कि जब मीडिया के लोग वहाॅ शव दिखा रहे हैं तो वहाॅ उन्हीं स्थानों पर जाकर उनका दाह संस्कार किये जाने की बात कह रहे हैं जब मीडिया और हमें वहाॅ पर शवों के ढ़ेर दिखाई दे रहे हैं तो सरकार को क्यों आज तक वहाॅ पर शव नहीं दिखाई दिये ?
वेतन नहीं मिलने पर शिक्षकों ने दी आंदोलन की चेतावनी
लोहाघाट, 14 जून (निस)। सर्वशिक्षा अभियान (एसएसए) के तहत संचालित जूनियर हाईस्कूलों के शिक्षकों को दो माह से वेतन नहीं मिला है। जिले में ऐेसे 65 विद्यालय हैं, जहां करीब 250 शिक्षक कार्यरत हैं। जल्द वेतन नहीं मिलने पर शिक्षकों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रमेश देव ने कहा कि शिक्षकों को वक्त पर वेतन नहीं मिलने से आर्थिक दुश्वारी आ रही है। शीघ्र वेतन नहीं मिलने पर एक जुलाई को मुख्य शिक्षाधिकारी कार्यालय में धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी गई है। जिलाध्यक्ष देव ने छात्र-छात्राओं को पुस्तकों के वितरण में भी देरी पर नाराजगी जताई। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ का कहना है कि एक तरफ राज्य सरकार सरकारी विद्यालयों की व्यवस्थाओं को सुधारने का दावा कर रही है। दूसरी ओर अभी तक आठवीं में बच्चों को सामाजिक विषय, गणित, संस्कृत, प्रेरक प्रसंग, कक्षा सात में सामाजिक विषय, पर्यावरण कक्षा छह में हमारा धरती हमारा समाज जैसे महत्वपूर्ण विषयो की किताबें आज तक नहीं पहुंच पाई हैं। उधर जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक केएस रावत का कहना है कि परियोजना से धन उपलब्ध न होने के कारण वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है।
70 लोग बुखार की चपेट में
बागेश्वर, 14 जून (निस)। कमेड़ीदेवी के झांकरा गांव में बुखार के कारण लगभग सत्तर लोग बीमार हैं। सूचना के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव का दौरा किया और रोगियों को दवाइयां वितरित की। एक दंपति को स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। झांकरा के पूर्व प्रधान गिरीश चंद्र जोशी ने बताया कि पिछले एक हफ्ते से झांकरा और इसके तोकों में लोगों को बुखार, सिर दर्द, गले के दर्द और बदन दर्द की शिकायत हो रही थी। लोग घरों पर ही दवाइयां ले रहे थे। इस बीच रोग नियंत्रण में नहीं आने पर स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी गई। कांडा स्वास्थ्य केंद्र से डा सीएस टोलिया, बागेश्वर से फार्मेसिस्ट डीएस देवली, स्वास्थ्य निरीक्षक एनसी लोहनी, पुष्पा जोशी आदि गांव में पहुंचे। सभी रोगियों के स्वास्थ्य का परीक्षण करने के बाद उन्हें दवाइयों का वितरण किया गया। गिरीश जोशी ने बताया कि रोगियों में तकरीब २५ बच्चे भी हैं। मोहन राम और उनकी पत्नी चनरा देवी को इलाज के लिए पहले ही अस्पताल भेजा दिया गया था। मधुली देवी, धनुली देवी, खिमुली देवी, रमुली देवी, कंचनाख् दिनेश, सरोज, पंकज सहित तमाम लोगों का घरों में ही उपचार चल रहा है।
कांग्रेसियों ने एसपी सिटी से की धमकी देने की शिकायत
देहरादून, 14 जून (निस)। कांग्रेस के महानगर उपाध्यक्ष व उनकी पत्नी के साथ अभद्रता व जान से मारने की धमकी दिए जाने के मामले को लेकर कांग्रेसियों ने शनिवार को एसपी सिटी से मुलाकात की और आरोपी के खिलाफ ठोस कार्यवाही की मांग की। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने शनिवार को एसपी सिटी नवनीत सिंह भुल्लर से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने अवगत कराया कि बीती शाम करीब सात बजे कैलाशपुरी स्ट्रीट नंबर 11 राजेन्द्रर नगर के समीप रमेश नैथानी नाम केे व्यक्ति ने महानगर उपाध्यक्ष दीप बोरा को न केवल अपशब्द कहे बल्कि गाली गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी भी दी। उनका आरोप था कि उक्त व्यक्ति आपराधिक प्रवृति का है और कई बार जेल भी जा चुका है। यही नही उसने आसपास के क्षेत्र में अराजकता का माहोल बना रखा है। जिसके चलते लोग उसके खिलाफ पुलिस से शिकायत करने से भी डरते है। प्रतिनिधिमण्डल में कांग्रेस नेता मोहन जोशी, गंगा क्षेत्री, दीपा चैहान आदि शामिल थे।
आपदा पिडितों को अब तक नहीं मिला सहारा: रावत
देहरादून, 14 जून (निस)। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत ने कहा कि 16 जून आने वाली है आपदा का एक वर्ष पूरा होने जा रहा है। उन्होने कहा कि न जाने कितने हजारों घरों के दिये बुझ गये थे। उस दिन कईयों के आंखों के आंसु पोंछने होगे किन्तु सरकार को उनके प्रति न तो हमदर्दी है न ही पीड़ा है आज भी जगह-जगह कंकाल पड़े हुए दिख रहे हैं। बेसहाराओं को आज तक कोई सहारा नही दिया गया है स्थायी निवास नही है, पुनर्वास की कोई व्यवस्था नही है, वहीं यात्रियों को सड़कों की बदहाली का सामना करना पड़ रहा है न ही बिजली और पानी की उचित व्यवस्था है रैन बसेरा नही है लेकिन सरकार ढोंग रचती रही की सब कुछ ठीक है। लेकिन आज जो सत्य पुलिस व प्रसाशन के द्वारा सामने लाया जा रहा है उससे लगता है कि सरकार आपदा के कार्यों में पूरी तरह से असफल है। करोड़ों-करोड़ों रूपये का आपदा के नाम पर वारा न्यार किया गया। हताहत आत्माओं के कफन को भी बख्सा नही। निश्चित है कि इस सरकार का पाप का घड़ा फूटने वाला है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी मांग करती है कि आपदा के लिये केन्द्र सरकार से दिये गये लगभग साढे छः सौ करोड़ रूपये तथा भिन्न-भिन्न माध्यमों से एकत्रित हुए लगभग साढे चार सौ करोड़ जो आपदा पिडि़तों की सहायता के लिये एकत्रित हुए धन का सरकार हिसाब बताये की किस-किस यह खर्च हुआ है क्योकि आज जमीनी कुछ दिख ही नही रहा है। आज भी परिस्थिति जस की तस हैं प्रदेश सरकार इस पर श्वेत पत्र जारी करे। यदि प्रदेश सरकार श्वेत पत्र जारी नही करती तो भारतीय जनता पार्टी इस पर केन्द्र सरकार से जांच की मांग करेगी क्योंकि आपदा पिडि़तो की सहायता हेतु धन केन्द्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराया गया था।
नदारद कार्मिको के खिलाफ होगी कार्यवाही
देहरादून, 14 जून (निस)। त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन 2014 को निष्पक्ष एवं निर्विघन रूप से सम्पादित करने के लिए आज नगर निगम हाल देहरादून में तिसरे दिन निर्वाचन कार्य हेतु नियुक्त किये गये पीठासीन अधिकारियों एवं प्रथम मतदान कार्मिकों को तीन पालियों में 336 कार्मिको प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें 84 पीठासीन अधिकारियों एवं 252 मतदान अधिकारियों को प्रशिक्षण मुहैया कराया गया। आज दिये गये प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 57 कार्मिक तीनों पालियों में अनुपस्थित पाये गये जिसमें पीठासीन अधिकारी 16 एवं प्रथम मतदान अधिकारी 13, मतदान अधिकारी द्वितीय 15 तथा मतदान अधिकारी चतुर्थ 13 अनुपस्थित पाये गये। अपर जिलाधिकारी वित एवं राजस्व/प्रभारी अधिकारी कार्मिक प्रताप शाह ने कहा कि आज के प्रशिक्षण कार्यक्रम में जो कार्मिक अनुपस्थित पाये गये है उन्हे 24 घन्टे का समय दिया जा रहा है यदि कल सांय तक उन्होने अपनी योगदान आख्या निर्वाचन कर्यालय को नही दी तो उनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज करने की कार्यवाही की जायेगी उन्होने यह भी अवगत करया है कल के प्रशिक्षण कार्यक्रम में अनुपस्थित रहे 54 कार्मिकों में से 31 कार्मिकों जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया गया है कल तक उनके द्वारा अपनी योगदान आख्या न देने पर उनके खिलाफ प्राथमिकता दर्ज कर दी जायेगी। उन्होने अवगत कराया है कि 1 जनवरी 2014 को जिन मतदाजाओं की उम्र 18 वर्ष पूरे हो गये है ऐसे मतदाताओं को निर्वाचन नामावली में शामिल किया गया है। उन्होने कहा कि मतदाता के पहचान के लिए 25 के अभिलेखों से पहचान की जा सकती है। उन्होने यह भी कहा कि चकराता व कालसी को छोड कर बाकि विकास खण्डों में महिला प्रथम मतदान अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। इस अवसर पर प्रशिक्षण दे रहे मुख्य शिक्षा अधिकारी एस.पी.खाली ने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि निर्वाचन प्रक्रिया की जानकारी सही तरह से लें तथा सभी अधिकारी उवं कार्मिक अपने गणतब्य के लिए प्रस्थान करने से पूर्व अपनी निर्वाचन सामग्री को ठीक तरह से जांच लें ताकि निर्वाचन प्र्रक्रिया में किसी प्रकार की कोई परेशानी न होने पायें। उन्होने यह भी कहा कि पिछले लोक सभा निर्वाचन में अमिट स्याही अभी मीटी नही होगी तथा आयोग के निर्देशों के अनुपालन में इस पंचायत चुनाव में बायें हाथ की मध्यमा अगुली में अमिट स्याही का निशान लगाया जायेगा। उन्होने कहा कि प्रथम मतदान अधिकारी अमिट स्याही व मतदाता सूची के अधिकारी होगें तथा द्वितीय मतदान अधिकारी ग्राम प्रधान व सदस्या ग्राम पंचायत के बैलेट पेपर के अधिकारी होगें तथा तृतीय मतदान अधिकारी सदस्य जिला पंचायत एवं सदस्य क्षेत्र पंचायत के बैलेट पेपर के अधिकारी होगें तथा चतुर्थ मतदान अधिकारी दोनों बैलेट बाक्स के अधिकारी होगें जिनका कार्य होगा कि मतदाता द्वारा उन्हे दिये गये बैलेट पपेर सम्बन्धित बैलेट बाक्स में डाल रहा कि नही यह जिम्मेदारी मतदान अधिकारी चतुर्थ की होगी। इस अवसर पर जिला पंचायत राज अधिकारी व मास्टर टेनर मो मुस्तफा खान के कहा कि यह पंचायत चुनाव काफी कठिन चुनाव है जिसमें चार प्रकार के पदो ंके लिए निर्वाचन होना है सभी अधिकारी इस बात का विशेष ध्यान रखें की जो निर्वाचन सूची उन्हे दी गई है वह उन्ही के पोलिगं बूथ हो इस बात का विशेष ध्यान रखने की आश्यकता है। मास्टर टेनर व खण्ड शिक्षा अधिकारी यूडी. गोस्वामी ने सभी अधिकारियों मतदान को निर्वाचन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि इस समय निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन का समय प्रातः 7 बजे से सांय 5 बजे तक किया गया है।इस अवसर पर, पीठासीन अधिकारी एवं मतदान अधिकारी प्रथम द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ उपस्थित थे।
बरेली-कासगंज के बीच रेलगाड़ी संचालन अक्टूबर से: जिंदल
- सफाई व सुरक्षा व्यवस्था दुरूस्त करने के दिये निर्देश
लालकुआं, 14 जून (निस)। मण्डल रेल प्रबन्धक चन्द्र मोहन जिंदल ने कहा कि बरेली से कासगंज के बीच आमान परिवर्तन का कार्य अंतिम चरण में है। अक्टूबर माह से इस मार्ग पर बड़ी रेलगाड़ी का संचालन शुरू हो जायेगा। जिसके बाद लालकुआं से कई बड़े महानगरो को रेल सेवा शुरू कर दी जायेगी। श्री जिन्दल ने लालकुआं क्षेत्र की सफाई व सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते हुए इसे और दुरूस्त करने को कहा। श्री जिंदल शनिवार की प्रातः बरेली से आने वाली यात्री रेलगाड़ी से लालकुआं रेलवे स्टेशन पहुॅचे यहां पहुॅचते ही उन्होंने पूरे स्टेशन का निरीक्षण कर प्लेट फार्म में सफाई व स्टेशन से निकलने वाले खुले मार्गाें का अवलोकन किया तथा स्टेशन परिसर को कवडऱ् करने के अधिनस्थ अधिकारियों को निर्देश दिये। इसके अलावा मण्डल रेल प्रबन्धक ने प्लेटफार्मों, बुकिंग कार्यालय के साथ - साथ तमाम यार्डों का बारीकी से मुआयना किया। इसके बाद उन्होंने कन्ट्रोल रूम मंे जाकर रेलगाडि़यों के आवागमन पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। बाद में स्टेशन अधीक्षक के कक्ष में स्थानीय रेल अधिकारियों की बैठक को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लालकुअंा स्टेशन को बृहद रूप प्रदान करने के लिए सभी कर्मचारियों को तत्परता के साथ कार्य करना होगा। उन्होंने स्टेशन से हो रहे टिकट वितरण व सामान की बुकिंग पर रेल अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि मण्डल मुख्यालय द्वारा समय -समय पर रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा व सफाई व्यवस्था का अभियान चलाकर जायजा लिया जाता है। इसी के तहत 15 दिन का उक्त अभियान चलाया गया है। श्री जिन्दल ने कहा कि लालकुअंा स्टेशन रेल विभाग के नजरिये से अत्यंत महत्वपूर्ण स्टेशन है। यहां से गुड्स का कारोबार तो नहीं है। परन्तु यात्रियों की संख्या ठीकठाक है। काठगोदाम व हल्द्वानी स्टेशन में ढलान अधिक होने के कारण मरम्मत का अधिकतर कार्य लालकुअंा में ही होगा जिसके लिए यहां पिट लाईन का निमार्ण किया जा रहा है अब तक गाडि़यों व कोचों की मरम्मत का कार्य रामनगर व काठगोदाम मंे होता था अब लालकुआं में जल्द पिट लाईन तैयार हो जायेगी। उन्होंने लम्बी दूरी की रेलगाडि़यों को भी लालकुआं से ही चलाने के मामले में बताया कि कासगंज व बरेली के बीच आमान परिवर्तन का कार्य तेजी के साथ चल रहा है। कछला पुल पर कुछ निर्माण शेष बचा है इसके अलावा भी छिटपुट कार्य अगस्त माह तक पूर्ण हो जायेंगे। सितम्बर में सीआरएस परीक्षण पूर्ण हो जाने के बाद अक्टूबर से उक्त मार्ग में बड़ी रेलगाडि़यों का संचालन शुरू हो जायेगा । श्री जिदंल ने कहा कि अगस्त माह तक बरेली जक्संन को सिटी से जोड़ दिया जायेगा। जिसके लिए उनकी रेल के वरिष्ठ अधिकारियों से वार्ता व बैठकें हो चुकी है। बरेली जक्सन से जुड़ने के बाद लालकुआं से अन्य बड़े स्टेशनों को और आसानी से रेलगाडि़यों का संचालन किया जा सकता है। इस अवसर पर एसके टोको, एके पाण्डे, शोमेस कुमार, आशीष भाटिया, विपिन सक्सेना, राहुल गुसाई, नानक चन्द्र, मुनीराज सिंह, आलोक कुमार, मोहन राम, ए के मिश्रा, एन के अम्बिकेश, जवाहर राम, एनएस फिरमाल व आर बी शुक्ला मुख्य रूप से मौजूद थे। इसके बाद वह रेलगाड़ी द्वारा काठगोदाम को रवाना हो गये।
मोबाईल टाॅवर को लेकर क्षेत्रवासियों में रोष
हरिद्वार, 14 जून (निस)। ऋषिकुल नई बस्ती के मकान पर लग रहे मोबाईल टाॅवर को लेकर क्षेत्रवासियों में रोष है। टाॅवर से निकलने वाली किरणांे से उनके स्वास्थ्य पर सीधा असर पड़ने को लेकर वह काफी चिंतित है। जिसको लेकर क्षेत्रवासियांे ने हरिद्वार विकास प्राधिकरण सहित नगर मजिस्टेªट को एक ज्ञापन देकर टाॅवर हटाने की मांग है। बताया जा रहा है कि गत दिनांे हविप्रा का एक अधिकारी मौके का जायजा लेने के लिए पहुंचा। आरोप है कि मकान स्वामी के बेटे कथित पत्रकार ने ना केवल अधिकारी के साथ अभद्रता की बल्कि उसको झूठे मामले में फंसाने की भी धमकी दे डाली। इस मामले को लेकर भी स्थानीय लोगों में भारी रोष है। टाॅवर ने क्षेत्रवासियांे की रातों की नींद व दिन का चैन उडा दिया है। उनका कहना है कि टाॅवर को हटवाने के लिए उनको किसी भी स्तर तक आन्दोलन पर जाने पड़ा तो वह पीछे नहीं हटेगे। बताते चले कि ऋषिकुल नई बस्ती स्थित एक मकान की छत पर एक टाॅवर लगाने की प्रक्रिया जब से चली तभी से वहां के क्षेत्रवासियांे में बेचेनी भी देखी जा रही है। टाॅवर का निर्माण जैसे-जैस पूर्ण की ओर है। वैसे-वैसे क्षेत्रवासियों की धड़कने तेज हो गयी। क्षेत्रवासियांे ने चेतावनी दी है कि अगर टाॅवर नहीं हटा तो वह अन्दोलन के लिए मजबूर होगें।
कार में बंद मिला लापता भाजपा नेता का शव, हत्या की आशंका, पुलिस जांच में जुटी
किच्छा, 14 जून (निस)। संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हुए भाजपा नेता राकेश रस्तौगी का शनिवार को बहेड़ी क्षेत्र में कार में बंद शव मिलने से सनसनी फैल गयी। भाजपा नेता की मौत को लेकर हत्या की आशंकायें जताई जा रही है। पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है। मिली जानकारी के मुताबिक सुनहरी मस्जिद किच्छा निवासी भाजपा नेता राकेश रस्तोगी पुत्र राधेश्याम रस्तोगी का रूद्रपुर रोड स्थित शिशु मंदिर के समीप कार्यालय है। शुक्रवार दोपहर करीब 11बजे उन्होंने अपने कार्यालय के कर्मचारी को कहा कि वह पचपेड़ा जा रहे हैं और सायं तक वापस आ जायेंगे। रस्तोगी अपनी सेंट्रो कार संख्या यूके-06पी/8575 से रवाना हो गये और जब वह देर रात तक घर नहीं लौटे तो उनके परिजनों ने उनकी खोजबीन की तो उनका मोबाइल मिलाया लेकिन उनका मोबाइल आॅफ जा रहा था। राकेश रस्तोगी के पिता राधेश्याम रस्तोगी ने उनकी गुमशुदगी की तहरीर रात्रि को ही पुलिस को दे दी। पुलिस मामले की जांच में जुट गयी। शनिवार को प्रातः बहेड़ी के समीप गांव मंडनपुर में उनकी कार पायी गयी। जब सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची तो देखा कि राकेश रस्तोगी का शव कार की अगली और पिछली सीटों के बीच पड़ा हुआ थ और अगली सीट से उनका शव ढका हुआ था और कार के चारों दरवाजे लाॅक थे। सूचना मिलने पर बहेड़ी पुलिस के आलाधिकारी मौके पर पहुंच गये और फिंगर प्रिंट टीम को मौके पर बुला लिया गया। रस्तोगी की हत्या का समाचार मिलते ही किच्छा में सनसनी फैल गयी और दर्जनों लोगों का उनके आवास पर जमावड़ा लग गया। रस्तोगी की मौत का समाचार पाते ही उनके परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। भाजपा नेता की मौत को लेकर हत्या की आशंका जताई जा रही है माना जा रहा है कि अज्ञात लोगों ने हत्या करने के बाद शव को कार में बंद कर दिया और फरार हो गये।
बाजार में फिर हटा अतिक्रमण
रूद्रपुर, 14 जून (निस)। शहर की सफाई व्यवस्था एवं यातायात व्यवस्था दुरूस्त करने के मकसद से दूसरे दिन भी नाले नालियों के ऊपर किये गये अतिक्रमण पर जेसीबी मशीन गरजीं। जिलाधिकारी डा. पंकज पांडे के आदेशों के उपरान्त मुख्य नगर अधिकारी दीप्ति आर वैश्य के नेतृत्व में टीम सिब्बल सिनेमा रोड पहुंची जहां जेसीबी मशीन के जरिये नालियों के ऊपर बने पक्के स्लैबों को ध्वस्त कर दिया गया जहां मौके पर भारी संख्या में लोगों की भीड़ लग गयी और ज्यादातर व्यापारी प्रशासन की इस कार्यवाही से प्रसन्न नजर आये। उनका कहना था कि बरसात में नालियां चोक हो जाने के कारण गंदा पानी दुकानों में घुस आता है जिस कारण खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इन नालियों की सफाई के लिए प्रशासन द्वारा चलाया गया यह अभियान सराहनीय है। एमएनए दीप्ति ने कहा कि बरसात से पूर्व शहर के समस्त नाले नालियों के ऊपर बनाये गये अतिक्रमण को ध्वस्त किया जायेगा ताकि पानी निकासी की व्यवस्था सुचारू हो सके। उन्होंने बताया कि यह अभियान निरन्तर जारी रहेगा। सिब्बल सिनेमा के बाद टीम गुड़मंडी और विध्वानी मार्केट गयी जहां से भी नालियों के ऊपर बने पक्के निर्माण को जेसीबी के जरिये ध्वस्त किया गया। इस दौरान एसडीएम इला गिरी, सीओ राजीव मोहन, एसएसआई विक्रम राठौर, आवास विकास चैकी इंचार्ज केजी मठपाल सहित भारी संख्या में पुलिस फोर्स व नगर निगम कर्मी मौजूद थे।
घर के ताले तोड़कर नगदी और जेवरात उड़ाये
रूद्रपुर, 14 जून (निस)। अज्ञात चोरों ने गृहस्वामी की गैरमौजूदगी में घर का ताला तोड़ अलमारी से सोने के जेवरात व हजारों की नकदी चोरी कर ली। परिजनों ने वापस लौटकर जब अलमारी खुली पायी तो उन्होंने घटना की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया। गृहस्वामी ने घटना की तहरीर पुलिस को दे दी है। फाजलपुर महरौला स्थित लोक विहार कालोनी निवासी कन्हईलाल पुत्र श्रीनिवास विगत दिवस परिजनों के साथ बाहर गये हुए थे। गत देर सायं जब वह घर वापस लौटे तो घर का ताला खुला हुआ था। जब उन्होंने भीतर जाकर देखा तो सारा सामान अस्त व्यस्त पड़ा हुआ था और अलमारी भी खुली हुई थी। अलमारी से जेवरात व हजारों की नकदी भी नदारद पायी गयी। कन्हईलाल ने घटना की सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलने पर एसएसआई विक्रम राठौर व रम्पुरा चैकी प्रभारी अशोक धनकड़ पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे और उन्होंने कमरे का निरीक्षण कर कन्हईलाल से मामले की विस्तार से जानकारी ली। कन्हई ने घटना की तहरीर पुलिस को सौंप दी है।