छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। लोकसभा चुनाव के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने यह कहकर सबको चौंका दिया है कि दुर्ग लोकसभा सीट पर सरोज पांडे को हराने के लिए भाजपा नेताओं ने उनसे मदद मांगी थी। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं ने इसके लिए पैसे की पेशकश भी की थी। जोगी का यह बयान उस समय आया है जब सरोज की हार पर भाजपा में कानाफूसी हो रही है।
सूबे की 11 लोकसभा सीटों में से केवल दुर्ग में भाजपा की हार हुई है। शेष 10 सीटों पर भाजपा प्रत्याशी जीतें हैं। सात सीटों पर तो जीत का अंतर लाख वोटों का है। नरेंद्र मोदी की लहर के बावजूद दुर्ग में सरोज पांडे की हार पर जोगी का कहना है कि कांग्रेस से ज्यादा गुटबाजी भाजपा में है। सरोज पांडे को उनकी ही पार्टी के लोग जीतने नहीं देना चाहते थे। चुनाव के दौरान कुछ भाजपा नेता उनके संपर्क में आए, उन्होंने सरोज पांडे को हराने के लिए पैसे देने की बात भी कही।
जोगी ने कहा कि भितरघात केवल कांग्रेस में नहीं हुआ, भाजपा में भी जमकर भितरघात हुआ। कई जगह इसका असर दिखा। दुर्ग में यह ज्यादा नजर आया। जोगी के इस बयान पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने किसी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री रामप्रताप सिंह ने कहा कि कांग्रेस अपनी हार की समीक्षा करे। भाजपा ने एकजुटता के साथ चुनाव लड़ा और जीत भी दर्ज की। एक सीट हार गए, इसलिए गुटबाजी कहना गलत है। बल्कि एकता थी इसलिए हम 10 सीटें जीते। कांग्रेस खुद पिछले तीन चुनाव से एक ही सीट जीत रही है। बहरहाल अब जोगी के इस बयान के बाद भाजपा के साथ साथ कांग्रेस के भीतर भी हलचल मचने के आसार हैं।