केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार से कहा है कि पूर्व की संप्रग सरकार के कार्यकाल में मंजूर गरीबों के लिए आवास की परियोजना समय पर पूरी नहीं होती है तो उसमें कटौती की जाए। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की ध्वजवाहक योजना जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम-जनरुम) के तहत दिल्ली सरकार को 30 जून 2015 तक कम लागत वाले मकान की 16 परियोजनाएं पूरी करनी थी। अधिकृत सूत्रों ने बताया कि लेकिन अभी तक केवल छह ही पूरी हो पाई हैं। इन परियोजनाओं की अनुमानित लागत 3,244 करोड़ रुपये है। लागत की 50 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार द्वारा वहन की जानी है।
दिल्ली के मुख्य सचिव एस. के. सक्सेना को मिले पत्र की प्रति में आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय (एचयूपीए) ने राज्य सरकार से परियोजनाओं को पूरा करने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा है।एचयूपीए की सचिव अनिता अग्निहोत्री के हस्ताक्षर वाले पत्र में सरकार को यह भी निर्देश दिया गया है कि 'अब तक शुरू नहीं होने वाली आवासीय इकाइयों की कटौती का प्रस्ताव मंत्रालय को भेजा जा सकता है।'
दिल्ली सरकार के एक अन्य अधिकारी के मुताबिक, "इस काम को 2012 तक ही पूरा किया जाना था, लेकिन इसे पूरा नहीं किया जा सका है। संप्रग सरकार ने परियोजना की तारीख 30 जून 2015 तक बढ़ा दी। अब हमें इसे पूरा करना है।"वर्ष 2005 में लागू की गई योजना जेएनएनयूआरएम के पहले चरण को 2012 में पूरा हो जाना था। 50 प्रतिशत परियोजनाओं के पूरा नहीं होने की दशा में उसे मार्च 2014 तक बढ़ाया गया। नव निर्वाचित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने यह साफ किया है कि वह जेएनएनयूआरएम जारी नहीं रखेगी। संप्रग सरकार ने जेएनएनयूआरएम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए 68 हजार फ्लैट के निर्माण को मंजूरी दी थी। इनका निर्माण दिल्ली के बाहरी इलाके में किया जाना था।