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बिहार : ईसाई धर्मरीति के अनुसार वैवाहिक बंधन में प्रशांत और स्मृति बंधे

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christian marriage
पटना सिटी। ईसाई धर्मरीति के अनुसार प्रशांत और स्मृति की शादी हुई। फादर जेरोम अब्राहम ने शादी की रस्म आदायगी की। पहले चुटकी भर सिंधुर प्रशांत ने स्मृति के मांग में डाले। तब सिंधुर के टीका प्रशांत के ललाट पर स्मृति ने लगा दिया। इस तरह प्रशांत और स्मिृति आजीवन जीवन साथी बन गए। 

सन् 1620 में स्थापित मां मरियम की दर्शन का महागिरजाघर में पटना सिटी पल्ली के पल्ली पुरोहित फादर जेराम अब्राहम ने कहा कि यह चर्च महागिरजाघर है। एक धार्मिक, ऐतिहासिक एवं पर्यटक स्थल है। इस चर्च में आपलोगों का हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। आज आप दोनों विवाह के पवित्र बंधन में बंध गए हैं। यह आजीवन का बंधन है। गुड्डा-गुड्डी का खेल नहीं है। जो पवित्र बंधन में बंध जाता है। उसे कोई तोड़ नहीं सकता है। आगे कहा कि एक युवा-युवती ने आमंत्रण कार्ड वितरित करके परिजनों और दोस्तों को बुलाएं। पल्ली पुरोहित ने विधिवत विवाह करा दिए। तीन-चार माह तक मौज-मस्ती मारने के बाद मामूली बातों पर तू-तू मैं-मैं होने लगी। दोनों ने तलाक लेने का मन बना लिए। अलग-अलग समय पर मियां और बीबी पल्ली पुरोहित के पास मनमुटाव और तलाक देने में सहायता करने का आग्रह करने लगे। पुरोहित ने हरसंभव पारिवारिक विघटन को रोकने का प्रयास किए। जब दोनों नहीं माने तो पुरोहित ने कहा कि आपलोग जिस उमंग से विवाह करने का आमंत्रण पत्र प्रकाशित किए थे। उसी तरह विवाह विच्छेद करने का आमंत्रण पत्र प्रकाशित करें। जिनको विवाह के अवसर पर आमंत्रित किए थे। उन्हीें को ही विवाह विच्छेद करने का आमंत्रण दें। 

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तयशुदा दिन में विवाह समारोह में शिरकत करने वाले विवाह विच्छेद दिवस पर भी चर्च के अंदर आए। पुरोहित ने विवाह रस्म अदायगी की ही लड़का से कहा कि लड़की के गले से माला निकाल लों। तब लड़की से कहा कि लड़के के गले में से माला उतार दो। ऐसा करने में दोनों पीछे नहीं रहे। तब लड़का से कहा कि लड़की के मांग के दिए गए सिंधुर को धो लो। लड़का ने तुरंत कर दिया। फिर पुरोहित ने कहा लड़की से कहा कि लड़के की ऊंगली में पहनायी रिंग को निकाल दों। वह असफल हो गयी। फिर लड़के से कहा कि लड़की की ऊंगली में पहनायी रिंग को निकाल दों। इस क्रम में दोनों असफल हो गए। दोनों की ऊंगलियों से लहू निकलने लगा। लहुलुहान हो गए। अंत में रिंग निकला ही नही। पुरोहित ने कहा कि हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त नहीं चाहते थे कि दोनों अलग हो जाए। अंत में नये सिरे से जीवन जीने लगे।

बेतिया मूल के पुरोहित फादर जेरोम अब्राहम ने कहा कि एक मसीही को तलाक देने के दलदल में नहीं फंसने चाही। अगर कोई इंसान किसी के उकसाने पर करता है। तो पश्चातापी डाकू की तरह पश्तावा कर लेना चाहिए। उन्होंने प्रभु येसु ख्रीस्त के नाम पर आह्वान किया कि आपलोग पारिवारिक विघटन को टालने का प्रयास करें। अगर पति तलाक लेने को आगे कदम बढ़ा दिए हैं। तो ईसाई धर्मरीति के अनुसार विवाह का मतलब प्रेम और सेवा करनी है। आपस में मेलमिलाप कर लें। यहां पर छोटा और बड़ा होने का सवाल नहीं है। मेलमिलाप के लिए पल्ली पुरोहित से संपर्क कर लें।

बेतिया की रहने वाली गे्रसी सागर ने कहा कि बहू भोज 21 जून 2014 को बेतिया में रखा गया है। तीन लालटेन के बगल में बहू भोज का आयोजन है। 




आलोक कुमार
बिहार 

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