सीबीआई ने कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर लोकपाल के जरिए लाए गए उस नए प्रावधान पर आपत्ति जतायी है जिसमें भ्रष्टाचार विरोधी निकाय द्वारा भेजे गए मामलों में आरोपपत्र दाखिल करने से पहले एजेंसी को केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) से मंजूरी लेनी होगी।
एजेंसी सूत्रों ने बताया कि सीबीआई अधिकारी सीवीसी कानून में संशोधन कर लोकपाल विधेयक में लाए गए एक प्रावधान से चकित रह गए। इस प्रावधान के अनुसार समूह सी और डी के अधिकारियों के भ्रष्टाचार संबंधी मामलों में, जो सीवीसी द्वारा भेजे गए हैं, सीबीआई को अपनी अंतिम रिपोर्ट पैनल के समक्ष पेश करनी होगी। सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने यह विषय उठाया है कि दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 173 के तहत जांच अधिकारी दिए गए मामले में अपनी जांच पूरी करने के बाद अंतिम रिपोर्ट सक्षम मजिस्ट्रेट के समक्ष ही दाखिल करता है।