शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के विवादास्पद बयान पर उनके खिलाफ भाजपा किसान मोर्चा ने देवेंद्र नगर थाने में लिखित शिकायत की है। इस शिकायत पर एफआईआर की मांग की है। पुलिस ने शिकायत पर जांच शुरू दी है। भाजपा किसान मोर्चा के जिला महामंत्री अनूप मसंद के अनुसार शंकराचार्य के बयान से करोड़ों साई भक्तों की आस्था आहत हुई है। उनकी भी आस्था को ठेस पहुंची है। साईबाबा एक अवतारी पुरुष हैं और सभी धर्मों के लोगों के बीच पूजनीय हैं। उन्होंने पूरी दुनिया में सर्वधर्म समभाव का संदेश प्रसारित किया साथ ही यह भी बताया कि दुनिया में ईश्वर एक है। स्वरूप अलग-अलग हैं। स्वामी जी ने उन्हें भगवान नहीं मानने का बयान देकर भारतीय दंड संहिता 295 का उल्लघंन किया है। देवेंद्र नगर थाना प्रभारी ने बताया कि स्वामी जी के खिलाफ शिकायत ली गई है, उसकी जांच की जा रही है।
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा शिर्डी के साई बाबा को भगवान का अवतार न मानने और साई बाबा के नाम पर मंदिरों में कमाई की जाने वाली टिप्पणी पर साई भक्तों ने विरोध जताया है। साई भक्तों का कहना है कि शंकराचार्य जैसे विद्वान ने साई बाबा पर टिप्पणी करके लाखों-करोड़ों भक्तों की भावनाओं को चोट पहुंचाने का कुत्सित कार्य किया है। साई भक्तों ने चेतावनी दी है कि शंकराचार्य अपनी टिप्पणी पर माफी मांगें अन्यथा भक्तगण धरना-प्रदर्शन कर विरोध जताएंगे।
शंकराचार्य के बयान के विरोध में साई भक्तों ने एकजुट होकर ब्रह्मपुरी स्थित दत्तात्रेय मंदिर में बैठक आयोजित की और साई एकता मंच का गठन किया। इसमें विभिन्न साई मंदिरों के पदाधिकारी व भक्त शामिल हुए। बैठक में निर्णय लिया गया कि शंकराचार्य के विवादास्पद बयान के विरोध में 26 जून गुरुवार को धरना स्थल पर शांतिपूर्ण ढंग से विरोध किया जाएगा।