पटना। महादलितों को जमीन देने वाली नीति को मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बदल दी है। महादलित परिवारों को तीन डिसमिल वास की भूमि उपलब्ध कराने की पुरानी नीति में बदलाव किया है। अब सरकार महादलित परिवारों को न्यूनतम बाजार मूल्य पर जमीन खरीद कर वास की भूमि उलब्ध करायेगी। इसको लेकर कार्ययोजना तैयार कर ली गयी है और सभी जिलाधिकारियों को जमीन खोजने का निर्देश दिया गया है ताकि बेघर परिवारों को वास भूमि उपलब्ध कराया जा सके।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने महादलित विकास योजना की अवधि दो साल बढ़ा दी है। अब यह योजना वित्र्तीय वर्ष 2015 - 16 तक लागू रहेगी। इसके तहत सर्वेक्षित महादलित परिवारों को जिनके पास वास की भूमि नहीं थी उन्हें तीन डिसमिल सरकारी भूमि या भूमि खरीदने के लिए 20 हजार रूपये उपलब्ध कराने का प्रावधान था। एक तो वास लायक सरकारी जमीन मिल नहीं रही थी जबकि दूसरी तरफ 20 हजार रूपये में तीन डिसमिल वास की भूमि खरीदना संभव नहीं हो रहा था। राज्य की सभी पंचायतों में वास की जमीन की कीमत लाख रूपये से कम नहीं है। कारण महादलित को जमीन नहीं मिल रहीं थी। जमीन नहीं मिलने के कारण इंदिरा आवास योजना सहित कई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने से महादलित वंचित हो रहे थे। इसी के मद्दे नजर राज्य सरकार ने अपने पुराने नियम में बदलाव किया है।
पहले तीन डिसमिल भूमि खरीदने के लिए 20 हजार रूपये देने का था प्रावाधान इतने कम दाम पर वास लायक सरकारी या अन्य जमीन नहीं मिल पा रहीं थी राज्य की सभी पंचायतों में वास की जमीन की कीमत लाख रूपये से कम नहीं महादलित विकास योजना की अवधि दो साल (2015- 16) तक बढ़ायी गयी