पटना। राष्ट्रीय मुसहर - भुईया विकास परिषद के संयोजक उमेश मांझी के हस्ताक्षर वाले स्मार पत्र को मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को सौंपा गया। पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी जी को मुख्यमंत्री बनाया था। इसके आलोक में राष्ट्रीय मुसहर - भुईया विकास परिषद और ईफीकोर के संयुक्त तत्वावधान में मुख्यमंत्री जी का अभिनंदन समारोह किया गया। गांधी मैदान, पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हाॅल में काफी संख्या में महादलित मुसहर समुदाय के लोग आए थे।
मौके पर राष्ट्रीय मुसहर - भुईया विकास परिषद ने 10 सूत्री मांगों की सूची में पेश कर मुख्यमंत्री जी से आग्रह किया गया कि मुसहर - भुईया जाति को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल करें। मुसहर - भुईया जाति के लोगों को सड़क चैड़ीकरण , नाला उड़ाही एवं विकास के नाम पर उजाड़े जाने से तत्काल रोककर उनको सामूहिक रूप से जमीन और आवास देकर बसाया जाए। मुसहर - भुईया जाति के 20 हजार या उससे अधिक जनसंख्या वाले प्रखंडों/ अनुमंडलों में छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग आवासीय विघालय खोला जाए। मुसहर - भुईया समाज के ऊपर शोध एवं विकास को रास्ता दिखाने के लिए राजधानी में पर्वत पुरूष दशरथ मांझी जी के नाम से एक शोध संस्थान की स्थापना की जाए एवं उसका संचालन मुसहर - भुईया समाज के ही लोग करें। मुसहर - भुईया समाज की सही आंकड़ा की जानकारी के लिए इस समाज का अलग से सर्वेक्षण कराया जाए। मुसहर - भुईया समाज के सभी लोगों को बीपीएल सूची में सूचीबद्ध करें। मुसहर - भुईया की बस्तियों को मुख्य सड़क से जोड़ा जाए और बुनियादी सुविधाओं को मुहैया कराया जाए साथ ही बिजली की सुविधा भी उपलब्ध करवाया जाए। मुसहर - भुईया समाज के लोग खेतीहर मजदूर है इसलिए उनको कृषि योग्य जमीन देकर सामूहिक खेती को बढ़ावा दिया जाए। मुसहर - भुईया के ऊपर होने वाले अत्याचारों और अपराधों को त्वरित जांच करवाकर दोषियों को सजा दी जाए और टोला सेवकों एवं विकास मित्रों की सेवा स्थायी करने की दिशा में पहल किया जाए।
मौके पर महादलित मुसहर समुदाय केे नेताओं में सुरेन्द्र मांझी, पटना,राजेन्द्र मांझी, मुंगेर, किशोरी मांझी, नालंदा आदि ने मुसहर-भुईया समुदाय के बारे में खुलकर विचार व्यक्त किए। शिक्षा,चिकित्सा,योजना आदि पर बोले।भाषण के तौर पर वक्ताओं के द्वारा पेश व्यथा बयानकर एसी में बैठकर का लुफ्त उठाने वालों के दिल में जगह बनाएं।
राजधानी के समीप दानापुर अनुमंडल क्षेत्र में रहने वाली किरण कुमारी ने कहा कि शबरी काॅलोनी को उजाड़ने का प्रयास किया जा रहा है। अभी दीघा से लेकर एम्स तक नहर और सड़क के किनारे रहने वालों की झोपडि़यां बुलडोजर से तहस-नहस कर दी गयी है। आखिरकार उजाड़े गए लोग किधर जाएंगे? अभिनंदन समारोह में एकमात्र किरण कुमारी ही महिला वक्ता थीं। जो समुदाय के पीड़ा को पेश करने में सफल हो गयी।
आलोक कुमार
बिहार