मोहनपुर। पूर्व जिलाधिकारी बालामुरूगन डी के द्वारा सरकारी जमीन पर रहने वालों को वासगीत पर्चा देने का निर्णय लिया गया था। यह निर्णय गया जिले के 150 साल पूर्ण करने के उपलक्ष्य में लिया गया था। इसमें गैर सरकारी संस्थाओं से ही सहयोग लिया जा रहा है। संस्थाओं के लोग सरकारी भूमि पर रहने वालों के पास जाकर आवेदन पत्र भर रहे हैं। वासगीत पर्चा निर्गत करने के आवेदन पत्र को सीओ साहब को सौंप रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व जिलाधिकारी बालामुरूगन डी के स्थानान्तरण हो जाने के बाद वासगीत पर्चा निर्गत करने के कार्य में शिथिलता आ गयी है। अब उस शिथिलता को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। 2 अक्तूबर 2014 के पूर्व ही वासगीत पर्चा निर्गत कर देने का निर्णय लिया गया था। इस दिशा में निर्धनतम क्षेत्र नागरिक समाज के द्वारा प्रयास किया है। गया जिले में कार्य करने वाली गैर सरकारी संस्था के लोग सरकारी भूमि पर रहने वालों का वासगीत पर्चा का आवेदन पत्र भरे और सीओ कार्यालय में जाकर जमा करें।
मोहनपुर प्रखंड में कार्यरत प्रगति ग्रामीण विकास समिति के सामाजिक कार्यकर्ता राजेश पासवान ने जानकारी दी है कि जुलाई माह में 500 लोगों का आवेदन पत्र भरेंगे। इसके बाद मोहनपुर के सीओ जयराम सिंह को आवेदन सौंप देंगे। तब सीओ साहब का कर्त्तव्य बन जाएगा कि सरकारी भूमि पर रहने वाले महादलितों को वासगीत पर्चा निर्गत करें। वासगीत पर्चा के आवेदन भरों और सीओ साहब को दो अभियान को तेज करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता राजेश पासवान ने कहा कि टेसवार पंचायत के सुखदेव चक, जयनगर, सागरपुर, चोरनीमा और सुगवां में महादलित मोहनपुर से बोधगया पथ के और पईन के किनारे रहते हैं। भूदान और गैर मजरूआ जमीन पर रहने वाले सैकड़ों लोगों के पास वासगीत पर्चा नहीं है। वहीं बगुला पंचायत के गांव बान्देगड़ा, मुसहर सबदा,बंगहा, नरहर, और नट्ठा गांव के लोग भूदान भूमि पर रहते हैं। उनको भूदान यज्ञ कमेटी के द्वारा वासगीत पर्चा निर्गत नहीं किया गया है।
गोपालकेड़ा पंचायत के गोपालकेड़ा गांव के लोग भूदान भूमि पर रहते हैं। वहीं माड़र, चांव और खरगपुरा गांव के लोग वन विभाग की भूमि पर रहते हैं। सिंदुआर पंचायत के सिंदुआर,कृपाचक,जमुआर,बाजूखुर्द और बाजूकला गांव के लोग गैर मजरूआ और भूदान की जमीन पर रहते हैं। मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के सहजातीय मुसहर समुदाय के लोग बुमुआर पंचायत
के बलजोड़ी बिगहा में 40 घर में रहते हैं। महादलित लाड़ू से बाराचट्टी पथ के किनारे ठौर जमाए हुए हैं। यहां के लोगों ने मोहनपुर प्रखंड के बीडीओ सुषील कुमार सिंह से आग्रह किए हैं कि कल्याण और विकास की किरण महादलितों के ऊपर आने थे। अब देखना है कि कब से मोहनपुर के बीडीओ और सीओ साहब की नजर महादलितों पर पड़ पाएगी।
आलोक कुमार
बिहार