बजट सत्र के पहले दिन लोकसभा और राज्यसभा दोनों में महंगाई का मुद्दा छाया रहा। पूरे विपक्ष ने एकजुट होकर मोदी सरकार को महंगाई, रेल किराया वृद्धि जैसे मुद्दों पर घेरने की कोशिश की। राज्यसभा में बहस में विपक्ष ने आरोप लगाया कि महंगाई रोकने के वादे पर सत्ता में आई मोदी सरकार उसका ठीक उल्टा कर रही है। लोकसभा में भी महंगाई के मुद्दे पर भारी हंगामा हुआ और सदन की बैठक बार-बार स्थगित करनी पड़ी। अंत में दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा में नए सदस्यों के शपथ ग्रहण के बाद विपक्ष की ओर से महंगाई पर चर्चा करने की मांग रखी गई। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वह भी बहस के लिए तैयार हैं। बहस के दौरान राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि एनडीए सरकार के सवा महीने के शासनकाल में हर ओर महंगाई बढ़ी है। उन्होंने कहा कि सब्जी और फलों के दाम काफी वृद्धि हुई है।
आजाद ने कहा कि सत्ता में आने के बाद से सरकार ने रेल और माल भाड़े में बढ़ोतरी के अलावा पेट्रोल-डीज़ल-एलपीजी के दाम भी बढ़ाए हैं। उन्होंने कहा कि यह वही नरेंद्र मोदी हैं, जिन्होंने दो साल पहले रेल किराया बढ़ाने पर इसके खिलाफ चिट्ठी लिखी थी। उन्होंने सवाल किया कि क्या दो साल में सब कुछ बदल गया। उन्होंने सरकार से किराया और कीमतों में बढ़ोतरी वापस लेने की मांग की। सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि क्या महंगाई कोई रिले रेस का बेटन है जो एक सरकार अगली को थमा कर जाए। सरकार को पिछली सरकार पर आरोप लगाने के बजाय काम करना चाहिए। राज्यसभा में बहस के दौरान बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी और कांग्रेस नेता व पूर्व वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा में तीखी नोंक-झोंक भी हुई।
लोकसभा में कार्यवाही शुरू होते ही महंगाई पर बहस को लेकर हंगामा होने लगा। कांग्रेस सहित कई पार्टियों के नेता महंगाई को लेकर नारे लगाते रहे। कांग्रेस, आप, टीएमसी, आरजेडी और वामदलों के नेता सदन के वेल में आ गए और नारे लगाने लगे। थोड़ी देर में सदन का कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। 12 बजे कार्यवाही शुरू होने पर भी स्थिति नहीं बदली और लोकसभा को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। 2 बजे दोबारा कार्रवाई शुरू होने पर भी हंगामा नहीं थमा और कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित हो गई।