बसपा अध्यक्ष मायावती ने मुजफ्फरनगर दंगों की विभीषिका के बीच पूरी भव्यता से सैंफई महोत्सव मनाये जाने को लेकर सवाल खड़े करने पर मीडिया की तारीफ की लेकिन मीडिया के एक वर्ग पर जातिवादी मानसिकता से ग्रस्त होने का आरोप भी लगाया।
मायावती ने यहां बसपा की सावधान रैली में कहा कि सपा सरकार ने कड़ाके की ठंड में मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों की मदद करने के बजाय अपने डेढ़ दर्जन मंत्रियों को सैरसपाटे के लिये विदेश भेजा, वहीं सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने अपने गांव सैंफई में महोत्सव के आयोजन पर पैसा पानी की तरह बहाते हुए मुम्बई के कलाकारों को बुलाकर मनोरंजन किया।
उन्होंने कहा कि सलमान खान समेत सभी कलाकारों को खराब हालात के मद्देनजर मनोरंजन करने के लिये सैंफई नहीं आना चाहिये था। मायावती ने कहा मीडिया को बधाई कि उसने इस काम को बेहतर ढंग से दिखाया लेकिन जिस तरह प्रेस कांफ्रेंस में सरकार के मुखिया ने मीडिया को धमकाया उससे जनता भी सोचने को मजबूर हुई कि इस गैर जिम्मेदार सरकार में कितना बुरा हाल होने वाला है। इस सपा सरकार पर कुछ अंकुश लगाने के लिये यहां लोकसभा चुनाव में सपा का सफाया करना बहुत जरूरी है।
हालांकि बसपा प्रमुख ने कहा लेकिन मीडिया में दलितों के प्रति अब भी काफी हद तक जातिवादी मानसिकता नहीं बदली है। मैं पार्टी हित में मीडिया में अलग-अलग साक्षात्कार देने से बचती हूं, क्योंकि जब भी मैंने ऐसे इंटरव्यू दिया तो उसे ज्यादातर तोड़-मरोड़कर छापा गया।