दिल्ली की सत्ता में आने के बाद एक साल पुरानी आम आदमी पार्टी के लिए आज बेहद बुरा दिन रहा. लक्ष्मीनगर से विधायक विनोद कुमार बिन्नी की बगावत से सुबह शुरू हुई. दोपहर ढलते-ढलते नौबत केजरीवाल को 'झूठा'कहे जाने तक जा पहुंची. फिर अमेठी में और उत्तराखंड में पार्टी नेताओं को विरोध का सामना करना पड़ा. पार्टी डैमेज कंट्रोल के उपाय सोच ही रही थी कि एफडीआई के मुद्दे पर पार्टी के भीतर ही विरोध पैदा हो गया.
बुधवार को जो कुछ भी हुआ, वह बुधवार को ही खत्म नहीं हो गया. यहां से पैदा हुए गतिरोध पार्टी और सरकार के लिए आगे भी गले की हड्डी साबित हो सकते हैं. फिर बिन्नी की प्रेस कांफ्रेंस भी अभी बाकी है. कभी मंत्री पद न मिलने को लेकर नाराज बताए जाने वाले लक्ष्मीनगर से AAP विधायक विनोद कुमार बिन्नी ने एक बार फिर पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी. उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी की कथनी-करनी में फर्क आ गया है और अब वह उन मुद्दों से भटक गई है जिसके दम पर उसे सत्ता मिली. उन्होंने इस संबंध में बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस करके कुछ राज खोलने का दावा किया.
जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इस बाबत पूछा गया तो पहली बार बिन्नी को महत्वाकांक्षी बताते हुए उन्होंने कहा, 'बिन्नी पिछली बार मंत्री पद चाहते थे, अब लोकसभा का टिकट चाहते हैं.'केजरीवाल के इस बयान से बिन्नी बुरी तरह आहत हो गए. बोले, 'अगर केजरीवाल ने ऐसा कहा है तो यह घिनौना बयान है.'लोकसभा टिकट चाहने की बात को नकारते हुए उन्होंने केजरीवाल को 'झूठा'तक बता डाला. हालांकि सूत्रों के मुताबिक, बिन्नी पूर्वी दिल्ली से लोकसभा टिकट चाहते थे. जबकि फिलहाल इस दौड़ में हाल ही में पार्टी में शामिल हुए पूर्व टीवी पत्रकार आशुतोष आगे हैं. खबर है कि बिन्नी इसी बात से भन्नाए हुए हैं.
पार्टी की दूसरी बगावत की BJP छोड़कर AAP में आईं टीना शर्मा ने. उन्होंने अपनी ही पार्टी पर सत्ता के लिए काम करने का आरोप लगा दिया. हालांकि उन्होंने खुले तौर पर टिकट बंटवारे पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि पार्टी पहले ही दिल्ली की पांच लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम तय कर चुकी है और टिकट के लिए फॉर्म भरने की प्रक्रिया महज दिखावा है. टीना शर्मा ने कहा, 'दिल्ली में पांच लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम तय हो चुके हैं. पार्टी को शाजिया इल्मी, आशुतोष कुमार, गोपाल राय, दिलीप पांडे और आशीष तलवार को टिकट देगी.'उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी ने अब तक 2013 के घोषणापत्र पर कोई काम नहीं किया, उसका ध्यान सिर्फ 2014 लोकसभा चुनाव पर है. '
बुधवार को एक बार फिर अमेठी में कुमार विश्वास पर अंडा फेंका गया. फिर ऋषिकेश में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान AAP नेता आशुतोष और संजय सिंह को भारी विरोध झेलना पड़ना. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ही कुर्सियां चलने लगीं, जिसके बाद दोनों को बीच से ही जाना पड़ा.इससे पहले पार्टी के कार्यकर्ता मंच पर बैठने को लेकर आपस में ही भिड़ गए थे.
दिल्ली सचिवालय के बाहर शिक्षक अपनी मांगों को लेकर जमा हुए थे. सीएम केजरीवाल जैसे ही बाहर निकले उन्हें प्रदर्शनकारियों ने घेर लिया और जवाब मांगने लगे. केजरीवाल बोले, 'सड़क पर तो कैसे फैसला कर दूं. अभी तो मेरी मीटिंग्स हैं. आपमें से 4-5 लोग कल मिलने आइए.'कभी सड़क पर संघर्ष के जरिए ही अपनी सारी राजनीतिक ताकत बटोरने वाले केजरीवाल के इस बयान ने थोड़ा चौंकाया. एक सवाल भी खड़ा किया कि क्या वाकई सत्ता पाने के बाद केजरीवाल और उनकी पार्टी बदल गई है.
हरियाणा में पार्टी की जमीन तैयार करने में लगे AAP नेता योगेंद्र यादव को भी विरोध झेलना पड़ा. कुरुक्षेत्र में उनकी प्रेस कांफ्रेंस में जमकर हंगामा हुआ. खुद को जाट सभा का प्रधान बताने वाला एक शख्स योगेंद्र को बाहर जाने के लिए कहने लगा, जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया.
आम आदमी पार्टी दिन खत्म होने का इंतजार कर रही होगी कि एक और राजनीतिक बम उस पर फट गया. हाल ही में पार्टी से जुड़ने वाले कैप्टन गोपीनाथ ने एफडीआई के मुद्दे पर दिल्ली सरकार के फैसले का विरोध कर दिया. रिटेल में एफडीआई को मंजूरी के शीला सरकार के फैसले को हाल ही में केजरीवाल सरकार ने पलट दिया है. कैप्टन गोपीनाथ का कहना है कि इससे निवेशकों में गलत संदेश गया है इसलिए पार्टी को अपना फैसला वापस लेना चाहिए. उन्होंने लगे हाथ पार्टी को हड़बड़ी में फैसले न लेने की नसीहत भी दे डाली.